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यूपी में BSP का सूपड़ा साफ होने पर मुस्लिमों पर तमतमाईं मायावती, कही दी ये बड़ी बात - Lok Sabha Election 2024 Result

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 10:47 AM IST

Updated : Jun 5, 2024, 11:12 AM IST

यूपी में BSP के सूपड़ा साफ होने पर मायावती बेहद नाराज हैं. खासकर मुस्लिमों के साथ न देने पर उन्होंने नाराजगी जताई है. उन्होंने क्या कुछ कहा है चलिए जानते हैं.

BSP supremo Mayawati angry over BSP all seats defeat in uttar pradesh in india Lok Sabha Election 2024.
Lok Sabha Election 2024 (photo credit: etv bharat)

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इस लोकसभा चुनाव में परिणाम पार्टी की उम्मीद के मुताबिक न आने से काफी नाराज हैं. पार्टी के जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई करने की बात कह रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समाज से भी अपनी नाराजगी खुले तौर पर जाहिर कर दी है.


बीएसपी मुखिया मायावती ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर साफ कहा है कि इस लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया. इससे पहले भी बहुजन समाज पार्टी मुस्लिम समाज को अपना खास अंग समझती रही और उचित प्रतिनिधित्व देती रही, लेकिन मुस्लिम समाज बीएसपी को ठीक से समझ ही नहीं पा रहा है. अब ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझकर ही चुनाव में पार्टी मौका देगी जिससे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान न होने पाए. मायावती का यह संदेश साफ करता है कि अब आने वाले चुनाव में बीएसपी से मुस्लिम कैंडिडेट की संख्या काफी कम हो सकती है.

बहुजन समाज पार्टी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अन्य पार्टियों की तुलना में सबसे ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा. पार्टी ने 22 मुस्लिम समाज के लोगों को टिकट दिया लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो मायावती के ही पैरों तले से जमीन खिसक गई. जिस उम्मीद के साथ उन्होंने मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था वह उम्मीद पूरी तरह चकनाचूर हो गई. बहुजन समाज पार्टी को मुसलमानों का वोट न के बराबर मिला. सारा वोट समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के हिस्से चला गया. इंडी गठबंधन ने कुल छह मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जिनमें से दो कांग्रेस पार्टी के तो चार समाजवादी पार्टी के थे. इनमें से पांच मुस्लिम प्रत्याशी जीतने में सफल हुए हैं.


बसपा छोड़कर कांग्रेस से टिकट पाने वाले अमरोहा से सांसद रहे कुंवर दानिश अली चुनाव हार गए. हालांकि बसपा को यहां भी कुछ हासिल नहीं हुआ. ऐसे में अब मुस्लिम समाज के प्रति बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की नाराजगी भी सामने आ गई है. मायावती ने इस लोकसभा चुनाव की समीक्षा कर अपनी सफाई दी है. पार्टी की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मायावती ने साफ तौर पर कहा है कि बहुजन समाज पार्टी का खास अंग मुस्लिम समाज जो पिछले कई चुनाव में और इस बार भी लोकसभा आम चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद बीएसपी को ठीक से नहीं समझ पा रहा है. अब ऐसी स्थिति में आगे इसको काफी सोच समझकर ही चुनाव में पार्टी मौका देगी जिससे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान न हो. पार्टी को अन्य जाति और वर्ग के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व देने का मौका मिले.




बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने मिशनरी वोटर का आभार व्यक्त किया. कहा कि हमारे अपने कोर वोटर ने हमारा साथ बिल्कुल नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में अपनी पार्टी को अकेले ही चुनाव मैदान में उतारा. बेहतर रिजल्ट के लिए हर संभव प्रयास भी किया, जिसमें खासकर दलित वर्ग से मेरी खुद की जाति के लोगों ने अधिकांश अपना वोट बहुजन समाज पार्टी को ही दिया है. उसने अपनी अहम मिशनरी भूमिका निभाई है. मैं दलित समाज का आभार प्रकट करती हूं.


मायावती ने अपनी पार्टी के ही पदाधिकारी के एक्टिव ना रहने पर भी नाराजगी जताई कहा की समीक्षा करके कड़ी कार्रवाई करेंगे इसके अलावा चुनाव आयोग पर भी मायावती ने निशाना साधा. कहा कि इतनी गर्मी में चुनाव कराना बिल्कुल सही नहीं था. आगे से निर्वाचन आयोग को इसका ध्यान रखना पड़ेगा. चार चरणों में हरहाल में चुनाव संपन्न कराना होगा. लंबी अवधि के चुनाव से जनता को बहुत परेशानी होती है.

ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2024: एक क्लिक में देखिए यूपी की 80 सीटों का रिजल्ट, जानें कहां से किस सीट से जीता

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती इस लोकसभा चुनाव में परिणाम पार्टी की उम्मीद के मुताबिक न आने से काफी नाराज हैं. पार्टी के जिम्मेदारों पर बड़ी कार्रवाई करने की बात कह रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समाज से भी अपनी नाराजगी खुले तौर पर जाहिर कर दी है.


बीएसपी मुखिया मायावती ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर साफ कहा है कि इस लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व दिया. इससे पहले भी बहुजन समाज पार्टी मुस्लिम समाज को अपना खास अंग समझती रही और उचित प्रतिनिधित्व देती रही, लेकिन मुस्लिम समाज बीएसपी को ठीक से समझ ही नहीं पा रहा है. अब ऐसी स्थिति में आगे इनको काफी सोच समझकर ही चुनाव में पार्टी मौका देगी जिससे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान न होने पाए. मायावती का यह संदेश साफ करता है कि अब आने वाले चुनाव में बीएसपी से मुस्लिम कैंडिडेट की संख्या काफी कम हो सकती है.

बहुजन समाज पार्टी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में अन्य पार्टियों की तुलना में सबसे ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा. पार्टी ने 22 मुस्लिम समाज के लोगों को टिकट दिया लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो मायावती के ही पैरों तले से जमीन खिसक गई. जिस उम्मीद के साथ उन्होंने मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था वह उम्मीद पूरी तरह चकनाचूर हो गई. बहुजन समाज पार्टी को मुसलमानों का वोट न के बराबर मिला. सारा वोट समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के हिस्से चला गया. इंडी गठबंधन ने कुल छह मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारे थे जिनमें से दो कांग्रेस पार्टी के तो चार समाजवादी पार्टी के थे. इनमें से पांच मुस्लिम प्रत्याशी जीतने में सफल हुए हैं.


बसपा छोड़कर कांग्रेस से टिकट पाने वाले अमरोहा से सांसद रहे कुंवर दानिश अली चुनाव हार गए. हालांकि बसपा को यहां भी कुछ हासिल नहीं हुआ. ऐसे में अब मुस्लिम समाज के प्रति बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की नाराजगी भी सामने आ गई है. मायावती ने इस लोकसभा चुनाव की समीक्षा कर अपनी सफाई दी है. पार्टी की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में मायावती ने साफ तौर पर कहा है कि बहुजन समाज पार्टी का खास अंग मुस्लिम समाज जो पिछले कई चुनाव में और इस बार भी लोकसभा आम चुनाव में उचित प्रतिनिधित्व देने के बावजूद बीएसपी को ठीक से नहीं समझ पा रहा है. अब ऐसी स्थिति में आगे इसको काफी सोच समझकर ही चुनाव में पार्टी मौका देगी जिससे पार्टी को भविष्य में इस बार की तरह भयंकर नुकसान न हो. पार्टी को अन्य जाति और वर्ग के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व देने का मौका मिले.




बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने मिशनरी वोटर का आभार व्यक्त किया. कहा कि हमारे अपने कोर वोटर ने हमारा साथ बिल्कुल नहीं छोड़ा. उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव में अपनी पार्टी को अकेले ही चुनाव मैदान में उतारा. बेहतर रिजल्ट के लिए हर संभव प्रयास भी किया, जिसमें खासकर दलित वर्ग से मेरी खुद की जाति के लोगों ने अधिकांश अपना वोट बहुजन समाज पार्टी को ही दिया है. उसने अपनी अहम मिशनरी भूमिका निभाई है. मैं दलित समाज का आभार प्रकट करती हूं.


मायावती ने अपनी पार्टी के ही पदाधिकारी के एक्टिव ना रहने पर भी नाराजगी जताई कहा की समीक्षा करके कड़ी कार्रवाई करेंगे इसके अलावा चुनाव आयोग पर भी मायावती ने निशाना साधा. कहा कि इतनी गर्मी में चुनाव कराना बिल्कुल सही नहीं था. आगे से निर्वाचन आयोग को इसका ध्यान रखना पड़ेगा. चार चरणों में हरहाल में चुनाव संपन्न कराना होगा. लंबी अवधि के चुनाव से जनता को बहुत परेशानी होती है.

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Last Updated : Jun 5, 2024, 11:12 AM IST
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