चंडीगढ़: क्या हरियाणा में 2018 में 2 धड़ों में बंटी इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी फिर से एक हो सकते हैं? यह सवाल इसलिए क्योंकि जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने इनेलो और जेजेपी के एक होने के सवाल पर कहा कि यह तो ओमप्रकाश चौटाला पर निर्भर करता है. यानी अगर उनके पिता ओम प्रकाश चौटाला कहेंगे तो ऐसा हो भी सकता है.
अजय चौटाला के बयान से मिले जेजेपी इनेलो के एक होने के संकेत: जब कोई राजनेता बयान देता है तो उसके मायने भी सियासी गलियारों में निकल जाते हैं. अजय चौटाला के इस बयान के मायने यह निकाले जाने लगे की जेजेपी और इनेलो एक हो सकते हैं. इसके कयास शायद इसलिए भी ज्यादा लगने लगे, क्योंकि एक तो जेजेपी हरियाणा में सरकार से बाहर हो गई. दूसरा उसके नेता एक, एक कर पार्टी का दामन भी छोड़ने लग गए.
क्या कहते हैं इस मामले में जानकार?: इन परिस्थितियों में अजय चौटाला के बयान के क्या मायने हो सकते हैं ? इस पर राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल कहते हैं "इनेलो से अलग जेजेपी का गठन इनेलो में अजय चौटाला परिवार की अनदेखी की वजह से हुआ था. इसी वजह से जननायक जनता पार्टी का गठन हुआ यह बात सब जानते हैं. दोनों पार्टियां एक होती हैं या नहीं यह तो इनके शीर्ष नेतृत्व पर निर्भर करता है. हो सकता है अजय चौटाला ने अपने बयान से यह संकेत दिया हो. लेकिन, इतना तय है कि अगर यह एक होते हैं तो इसका फायदा उनको मिल सकता है. इनके अलग-अलग होने से इनेलो का ही वोट बैंक बंटा था. फिर एक हों तो वह एक साथ हो सकता है."
जेजेपी बनने से इनेलो को सबसे बड़ा नुकसान: वहीं, राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं "इनेलो से अलग जेजेपी बनने से सबसे बड़ा नुकसान इनेलो को हुआ था. अब वर्तमान में हरियाणा की सियासत के समीकरण बड़ी तेजी से बदल रहे हैं. ऐसे में अजय चौटाला का बयान कहीं न कहीं यह बताता है कि वे अपने पिता के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. अगर आदेश होता है तो वे शायद एक हो सकते हैं. मौजूदा सियासी परिस्थितियों में अगर यह दोनों दल एक होते हैं तो उससे यह अपने वोट बैंक को तो जुट कर प्रदेश में एक सियासी ताकत तो बन ही सकते हैं. हालांकि इन दोनों दलों का एक होना इनके शीर्ष नेताओं पर निर्भर करता है. लेकिन, एक होकर यह निश्चित तौर पर हरियाणा की सियासत के समीकरणों पर अपना असर डाल सकते हैं."
अभय चौटाला का अजय चौटाला के बयान पर बड़ा पलटवार: एक तरफ अजय चौटाला पिता ओम प्रकाश चौटाला पर जेजेपी और इनेलो के एक होने का मामला छोड़ रहे हों. लेकिन, अभय चौटाला के बयान ने अजय चौटाला के वक्तव्य पर जमकर पलटवार किया है. जिसने इनेलो और जेजेपी की एक होने की संभावना को ही खारिज कर दिया है.
जेजेपी और इनेलो के एक होने की संभावनाओं को लेकर अजय चौटाला के बयान पर छोटे भाई अभय चौटाला ने बड़ा हमला करते हुए कहा "जेजेपी में मची भगदड़ से हताश और निराश हैं. अजय सिंह चौटाला, भगदड़ को रोकने के लिए भ्रमित करने वाले बयान दे रहे हैं. अजय सिंह और उनकी पार्टी को लोग सामाजिक और राजनीतिक तौर पर पूरी तरह से नकार चुके हैं. जेजेपी चौ. देवीलाल के नाम पर कलंक हैं, ये स्वर्गीय चौ. देवीलाल की नीतियों पर चलने की बात करते थे, लेकिन सत्ता हाथ में आते ही पूरे प्रदेश को लूटने में लग गए. इनेलो सुप्रीमो चौ. ओम प्रकाश चौटाला कई बार कह चुके हैं कि ये इनेलो पार्टी के गद्दार हैं और इन गद्दारों की इनेलो पार्टी में कोई जगह नहीं है."
सोशल मीडिया पर भी इनेलो और जेजेपी नेता हुए आमने-सामने: इस सबके बीच इनेलो और JJP नेताओं के बीच सोशल मीडिया पर वार पलटवार का दौर भी शुरू हो गया है. इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जेजेपी को लेकर तंज कसा. रामपाल माजरा ने लिखा है "जेजेपी का राजनीतिक ही नहीं सामाजिक अंत भी तय है… गद्दारों की पार्टी में महज 4 लोग बचेंगे अब!"
इस पर जेजेपी की तरफ से भी पलटवार आया है. जेजेपी विधायक एवं पूर्व मंत्री अनूप धानक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x पर बयान का पलटवार किया है. जेजेपी विधायक एवं पूर्व मंत्री अनूप धानक ने लिखा है "अंत किसका हुआ है इसका फैसला हरियाणा की जनता पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कर चुकी है. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद न आपके दल का नाम बचेगा, न चुनाव आयोग की तरफ से निशान बचेगा. दुख इस बात का है कि इतना बड़ी पार्टी और विचारधारा का विनाश एक आदमी के अहंकार, व्यभिचार और व्यवहार और आप जैसे चाटुकार की वजह से हो गया है."
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