हैदराबाद: लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण का आज मतदान हो रहा है. इस चरण में आठ राज्यों की 57 सीटों पर वोटिंग हो रही है. इसके बाद 4 जून को चुनाव नतीजे घोषित किए जाएंगे. वहीं, आखिरी चरण का मतदान संपन्न होने के बाद चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार शाम में विभिन्न पोल एजेंसियों के एग्जिट पोल के अनुमान जारी किए जाएंगे. मतदान के बाद लोगों की निगाहें एग्जिट पोल पर रहती हैं, क्योंकि एग्जिट पोल के अनुमान से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव में किसी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं या देश में किसी पार्टी की सरकार बनने की उम्मीद है.
हम बात करेंगे 2019 के आम चुनाव को लेकर जारी एग्जिट पोल की. साथ ही यह जानने की कोशिश करेंगे कि पिछले चुनाव में एग्जिट पोल के अनुमान कितने सही साबित हुए थे. लेकिन उससे पहले जानते हैं एग्जिट पोल कैसे किए जाते हैं.
एग्जिट पोल क्या होता है
चुनाव नतीजों का आकलन करने के लिए कुछ निजी एजेंसियों द्वारा एग्जिट पोल कराए जाते हैं. इसके तहत चुनाव के दिन पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं की राय और उनका झुकाव जानने की कोशिश की जाती है. मतदाताओं से कुल सवाल पूछे जाते हैं- जैसे आपने किसे वोट किया और क्यों किया आदि. इसके बाद मतदाताओं से मिलने वाले डेटा का विश्लेषण किया जाता है, जिसके आधार पर चुनाव परिणाम का अनुमान लगाया जाता है. भारत में कई निजी पोल एजेंसियां चुनावों के दौरान एक तय प्रक्रिया के जरिये यह अभ्यास करती हैं. एग्जिट पोल से अंतिम चुनाव परिणाम की झलक मिलती है. कभी-कभी एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित हो जाते हैं. लेकिन कई बार अनुमान गलत भी साबित हुए हैं.