नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की वीआईपी लोकसभा सीट अमेठी को लेकर कांग्रेस ने अपना सस्पेंस बरकरार रखा है. वहीं इस सीट को लेकर बीजेपी की नजरें भी कांग्रेस पर टिकीं हैं और पार्टी के अंदर आगे की रणनीतियों पर चर्चा चल रही है. भाजपा ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश की दो महत्वपूर्ण सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी. पार्टी ने कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट से हेमंत विष्णु सावरा को चुनावी मैदान में उतारा है.
पार्टी सूत्रों की मानें तो अमेठी से यदि कांग्रेस राहुल गांधी को मैदान में उतारती है तो लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे ज्यादा दिलचस्प सीट अमेठी बन जाएगी और इसके लिए भाजपा पूरी तरह से तैयारी में जुट गई है. सूत्रों ने बताया कि भाजपा ने पहले से अमेठी के लिए प्लान ए और प्लान बी दोनों ही तैयार कर रखा है. अमेठी से राहुल गांधी की उम्मीदवारी की घोषणा होने पर भाजपा इस सीट पर अपना फोकस बढ़ा देगी. साथ ही वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों की चुनावी रैली और रोड शो भी बढ़ा दिए जाएंगे.
अमित शाह ने लखनऊ में की बैठक
इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने बताया कि जैसे ही अमेठी से राहुल गांधी की उम्मीदवारी की बात सामने आई, भाजपा के रणनीतिकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में पार्टी के नेताओं की एक बैठक की, जिसमें इस सीट पर चुनावी रणनीति को लेकर भी चर्चा की गई.
गांधी परिवार के खिलाफ आक्रामक प्रचार अभियान की तैयारी
यदि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को अपनी चुनावी रणनीति में तब्दीली तो लानी ही होगी, साथ ही पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी की रैली भी आयोजित करने पर विचार कर सकती है. इसके अलावा भाजपा गांधी परिवार और कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों को भी ज्यादा आक्रामक तेवर में अपने प्रचार अभियान में उठाएगी.
हालांकि अमेठी सीट पर फिलहाल भाजपा कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान की तरफ से भाजपा के नेताओं को अपनी रणनीति का खुलासा करने पर सख्त मनाही की गई है.
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