मालदा : पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख और बालुरघाट से लोकसभा उम्मीदवार सुकांत मजूमदार ने विश्वास जताया कि भाजपा दक्षिण मालदा सीट बड़े अंतर से जीतेगी. उन्होंने कहा कि हमने पिछली बार दक्षिण मालदा को छोड़कर उत्तर बंगाल में लगभग सभी सीटें जीती थीं. इस बार हम सभी सीटें जीतेंगे और हम मालदा दक्षिण सीट बड़े अंतर से जीतेंगे. उन्होंने एएनआई को बताया कि यहां, भाजपा उत्तर बंगाल में 100 प्रतिशत जीत हासिल करेगी.
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ममता बनर्जी जहां भी जा रही हैं, जनता उन्हें 'चोर' 'चोर' कह रही है. वहीं, पीएम मोदी कई सालों से हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं, लेकिन उन पर कोई उंगलियां नहीं उठा रहा है. मजूमदार ने आगे कहा कि लोगों ने ममता बनर्जी के परिवार पर कालीघाट में 35 भूखंडों का मालिक होने का आरोप लगाया. न तो टीएमसी और न ही उनके परिवार ने इस संबंध में कोई टिप्पणी की है, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे इन भूखंडों के मालिक हैं. दक्षिण मालदा में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा.
बीजेपी ने दक्षिण मालदा से टीएमसी के शनावाज अली रेहान और कांग्रेस के ईशा खान चौधरी के खिलाफ श्रीरूपा मित्रा चौधरी को मैदान में उतारा है. मालदा दक्षिण लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र मानिकचा, इंग्लिश बाजार, मोथाबार, सुजापुर, बैष्णब नगर, फरक्का, समसेरगंज शामिल हैं.
पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें हैं. इन सीटों पर सात चरणों में अलग-अलग मतदान होगा. चरण एक और दो जिसके लिए क्रमशः 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है. शेष संसदीय क्षेत्रों के लिए मतदान 4 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को होंगे. मतों की गिनती 4 जून को की जाएगी.
दक्षिण मालदा से निवर्तमान सांसद और कांग्रेस नेता अबू हासेम खान चौधरी (डालू) 2009 से इस सीट से जीतते आ रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में वोट आधार कम होता जा रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में श्रीरूपा मित्रा चौधरी पर अबू हासेम की जीत का अंतर सिर्फ 0.6 प्रतिशत था.
राज्य के अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच है. हालांकि, टीएमसी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है, लेकिन राज्य में कांग्रेस और वामपंथी दलों जैसे गठबंधन में अन्य दलों के साथ उसकी सीट-बंटवारे की व्यवस्था नहीं है. 2014 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने राज्य में 34 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों से संतोष करना पड़ा था. सीपीआई (एम) ने 2 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 4 सीटें मिलीं.
हालांकि, भाजपा ने 2019 के चुनावों में बहुत बेहतर प्रदर्शन किया, टीएमसी की 22 सीटों के मुकाबले 18 सीटें जीतीं. कांग्रेस की सीटें घटकर सिर्फ 2 सीटें रह गईं, जबकि वामपंथियों को एक भी सीट नहीं मिली.