सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को मतदान प्रक्रिया के दौरान सिलीगुड़ी नगर पालिका के वार्ड नंबर 33 के नबग्राम प्राइमरी स्कूल में भाजपा विधायक शिखा चटर्जी के साथ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की झड़प हो गई. इस घटना से दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया.
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी विधायक शिखा चटर्जी स्कूल गईं. उन्हें देखते ही इलाके के भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने तृणमूल कार्यकर्ताओं और समर्थकों के खिलाफ मतदाताओं को प्रभावित करने की शिकायत की. बीजेपी का आरोप है कि स्थानीय तृणमूल कांग्रेस पार्षद मुन्ना प्रसाद और उनके समर्थक बूथ में घुसकर मतदाताओं को प्रभावित कर रहे हैं. पुलिस से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस ने चुनाव नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाकर उन्हें बार-बार रोका. तृणमूल की जवाबी शिकायत यह थी कि शिखा चटर्जी खुद बूथ में घुस गयीं और परेशानी पैदा की. सिलीगुड़ी के वार्ड नंबर 33 में विवाद के बाद एक बार फिर फूलबाड़ी इलाके के तिलेश्वरी हाई स्कूल से सटे इलाके में बीजेपी विधायक को विरोध का सामना करना पड़ा. उनके क्षेत्र से निकलते ही भाजपा कार्यकर्ता-समर्थक तृणमूल पार्षद मुन्ना प्रसाद के समर्थकों से उलझ गए.
उन्होंने स्कूल गेट पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया. शिखा चटर्जी समेत बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक पुलिस से भी भिड़ गए. सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देब वार्ड नंबर 33 से पार्षद चुने गए थे. जब शिखा चटर्जी के साथ भाजपा कार्यकर्ता मेयर के वार्ड में गए तो तृणमूल कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने विरोध किया. भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस पर मतदाताओं के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया.
स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ताओं का विरोध करने पर शिखा चटर्जी से झड़प हो गई. इसके बाद स्थिति को संभालने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल और केंद्रीय बलों को तैनात किया गया. फोर्स ने पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया और स्थिति को नियंत्रण में किया. इसके बाद स्थिति को संभालने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल और केंद्रीय बलों को तैनात किया गया. फोर्स ने पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया और स्थिति को नियंत्रण में किया. इसके बाद पुलिस ने एक सुरक्षित मार्ग बनाकर शिखा चटर्जी को हाथापाई से बाहर निकाला.
पोलिंग बूथ के बाहर हुए उपद्रव के बारे में पूछे जाने पर शिखा चटर्जी ने कहा, 'जब मैं अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने आई तो उन्होंने मुझे डराया और गिरफ्तार करने की कोशिश की. फिर ऐसा करके तृणमूल नेताओं को क्यों बख्शा जा रहा है. मैं कभी बूथ के अंदर नहीं गई. हमारा पोलिंग एजेंट सही जगह पर है या नहीं'.
तनाव के कारण पुलिस ने मार्च किया. बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शिखा चटर्जी को बाल पकड़कर खींचा और उनकी पिटाई भी की. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के तहत शुक्रवार सुबह से ही बीजेपी विधायक अपने क्षेत्र में अलग-अलग जगहों पर जा रही थीं. बीजेपी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर वार्ड नंबर 33 में बूथ जाम करने का आरोप लगाया. बीजेपी विधायक ने कहा कि पुलिस तृणमूल कांग्रेस के निर्देश पर काम कर रही है.