नई दिल्ली: मौजूदा लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि पार्टी 1 जून को 57 सीटों पर होने वाली चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीट जीते. इसके लिए पीएम मोदी जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को भी चार रैलियों को संबोधित करेंगे, जिनमें से एक पश्चिम बंगाल में हो रही है, जबकि तीन ओडिशा में होंगी. दोनों राज्यों में पार्टी अपनी पैठ बढ़ाने और राजनीति पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए लगन से काम कर रही है.
बता दें कि 2019 में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीतीं थी, जिसे पार्टी के लिए बड़ी जीत माना गया था. इसके बाद बीजेपी ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के खिलाफ आक्रामक तरीके से प्रचार करना शुरू कर दिया और खुद को एक विकल्प के तौर पर पेश किया.
2021 के विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन
2019 में शुरू हुए आक्रामक अभियान ने राज्य में 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की और 77 सीटें जीतने में सफल रही. इतना ही चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी ने अपने गढ़ नंदीग्राम में ममता बनर्जी को शिकस्त दी.
बंगाल में मजबूत हुई BJP
अधिकारी, जिन्हें बनर्जी का भरोसेमंद माना जाता था. उन्हें अब राज्य में बीजेपी को मजबूत बनाने में मदद करने का क्रेडिट दिया जा रहा है. राज्य में मुख्य विपक्ष के रूप में उभरने के बाद बीजेपी ने अब अपनी लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है, जो 2026 में विधानसभा चुनावों के लिए मंच तैयार करेगा.
ओडिशा में बेहत प्रदर्शन की उम्मीद
इसी तरह ओडिशा में भी बीजेपी को लोकसभा चुनाव में अपनी सीटों की संख्या दोगुनी करने की उम्मीद है. उसने 2019 में 21 में से 8 सीटें जीती थीं. पार्टी यह भी दावा कर रही है कि वह राज्य में सरकार बनाने की स्थिति में है.
पश्चिम बंगाल की तरह ओडिशा में भी कांग्रेस और वामपंथी दलों को अब मजबूत प्रतिद्वंद्वी नहीं माना जा रहा है. यहां भी बीजेपी ने खुद को सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) के विकल्प के रूप में स्थापित किया है. वहीं, बीजेडी ने पिछले पांच कार्यकालों से विधानसभा चुनाव जीते हैं और उसे फिर से जीत का भरोसा है.
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