चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया. इसमें उसने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के लिए सात दिनों की अस्थायी रिहाई की मांग की थी. अमृतपाल के परिवार के सदस्यों ने जिला रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में उसकी ओर से नामांकन दाखिल किया.
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह, जो वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. अमृतपाल के चुनावी हलफनामे के अनुसार, अमृतपाल के पास अमृतसर में एसबीआई (SBI) शाखा, रय्या, बाबा बकाला में 1,000 रुपये का बैंक बैलेंस है. हलफनामे के मुताबिक, इसके अलावा उसके पास कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है.
खडूर साहिब लोकसभा से कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा, आम आदमी पार्टी के लालजीत सिंह भुल्लर, भारतीय जनता पार्टी के मंजीत सिंह मन्ना, निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल सिंह और शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार विरसा सिंह वल्टोहा के बीच मुकाबला है. पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर 1 जून को मतदान होगा.
अमृतपाल पर NSA के तहत मामला दर्ज
अमृतपाल सिंह को अप्रैल 2023 में एनएसए (NSA) अधिनियम, 1980 के तहत हिरासत में लिया गया था. बाद में मार्च में जिला मजिस्ट्रेट, अमृतसर द्वारा उनके खिलाफ दूसरा नजरबंदी आदेश पारित किया गया था. वह पिछले साल 18 मार्च को वाहन बदलकर और हुलिया बदलकर जालंधर जिले में पुलिस की गिरफ्त से भाग गया था.
पंजाब पुलिस ने पिछले साल 23 फरवरी की अजनाला घटना के बाद कार्रवाई शुरू की थी. अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक तलवारें और बंदूकें लहराते हुए, बैरिकेड तोड़ कर अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में पुलिस स्टेशन में घुस गए थे. अमृतपाल और उसके सहयोगियों पर हत्या का प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमला और लोक सेवकों द्वारा कर्तव्य के वैध निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे.
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