नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान शीर्ष अदालत ने जोर दिया कि जीवन और आजादी बेहद महत्वपूर्ण हैं. अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए और केजरीवाल के वकील द्वारा उठाए गए मुद्दे पर ईडी से जवाब तलब किया.
जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने ईडी की पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से केजरीवाल के वकील द्वारा गिरफ्तारी के समय के संबंध में उठाए गए मुख्य तर्क पर ध्यान देने को कहा. शीर्ष अदालत ने 3 मई को मामले की अगली सुनवाई पर केजरीवाल के वकील द्वारा उठाए गए तर्कों का जवाब देने को कहा है. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी केजरीवाल की पैरवी कर रहे हैं. केजरीवाल ने ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
पीठ ने कहा कि इस मामले में अब तक कोई कुर्की की कार्रवाई नहीं की गई है और अगर की गई है तो दिखाएं कि केजरीवाल इस मामले में कैसे शामिल हैं. जस्टिस खन्ना ने एसवी राजू से कहा कि अगर कुछ कार्यवाही हुई है, तो आपको यह दिखाना होगा कि याचिकाकर्ता (केजरीवाल) का मनीष सिसौदिया के मामले से क्या संबंध है. शीर्ष अदालत ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 अभियोजन पक्ष (ईडी) पर काफी अधिक जिम्मेदारी डालती है. इसलिए आरोपी जमानत का विकल्प नहीं चुन रहा है, क्योंकि तब उसे अदालत को विश्वास दिलाना होगा कि वह दोषी नहीं है.
जस्टिस खन्ना ने कहा कि इस मामले में जो बात हमें परेशान करती है, वह कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच समय का अंतराल है. सबका अपना महत्व होता है. अगर आप धारा 8 को देखें, तो 365 दिनों की सीमा है, लेकिन 365 दिनों के बाद क्या होगा. हालांकि यह जमानत के मामले में है, हम शायद उस पर नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दूसरा रास्ता यह है कि गिरफ्तारी न करें, जीवन और आजादी बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते. जस्टिस खन्ना ने कहा कि आखिरी सवाल गिरफ्तारी के समय को लेकर है, जिसकी तरफ बचाव पक्ष ने इशारा किया है. आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी का समय.
वहीं, सुनवाई के दौरान सिंघवी ने दलील दी कि ईडी ने अब तक कोई भी 'अपराध की आय' बरामद नहीं की है, जबकि पीएमएलए गिरफ्तारी के लिए एक उच्च सीमा की परिकल्पना करता है. उन्होंने कहा कि महज ईडी का सहयोग न करना जांच एजेंसी द्वारा उनके मुवक्किल को कैद में रखने का आधार नहीं हो सकता है. सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल को अपराध की आय मिलने का ईडी के पास कोई सबूत नहीं है और उनके मुवक्किल की मामले में प्रत्यक्ष संलिप्तता के सबूत का भी अभाव है. सिंघवी ने जोर देकर कहा कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को जमानत देने से इनकार करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में केजरीवाल के खिलाफ कोई प्रतिकूल निष्कर्ष नहीं है.
उन्होंने कहा कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत अब तक कोई बयान दर्ज नहीं किया गया है. गोवा चुनाव के संबंध में ईडी का कहना है कि चुनाव प्रचार के लिए धन AAP के राष्ट्रीय संयोजक को भेजा गया था, लेकिन यह कहता कि अपराध से प्राप्त आय दिल्ली के मुख्यमंत्री के माध्यम से आई थी. सिंघवी ने जोर देकर कहा कि प्रथम दृष्टया मामले में केजरीवाल की संलिप्तता को लेकर स्पष्टता का अभाव है.
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