कोरबा: कटघोरा वनमंडल के चैतमा रेंज में नर तेंदुए के शिकार का सनसनीखेज मामला सामने आया है. गांव राहा के जंगल में वन विभाग ने तेंदुए का शव बरामद किया. प्राथमिक जांच में पता चला कि तेंदुए के चार पंजे, जबड़ा, त्वचा सहित शरीर के कई अंग गायब हैं. तेंदुए के शिकार का मामला सामने आने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है.
पोस्टमॉर्टम में जहर देने की पुष्टि: तेंदुए का शव मिलने के बाद इलाके की तलाशी ली गई. सर्चिंग के दौरान तेंदुए की कटी हुई पूंछ भी तेंदुए के शव के पास मिली. शव का पोस्टमॉर्टम किया गया जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि तेंदुए को जहर देकर मारा गया है.
7 साल की उम्र के तेंदुए का शव कटघोरा के चैतमा के जंगल में मिला है. तेंदुए की उम्र 7 साल है. तेंदुए के चार पंजे, जबड़े और त्वचा का एक हिस्सा गायब पाया गया, जिससे अवैध शिकार का अंदेशा है. कुमार निशांत, डीएफओ, कटघोरा वनमंडल
तेंदुए के शिकार का मामला सुलझाएगी एक्सपर्ट टीम: जहर देकर तेंदुए को मारने और उसके शरीर के कई अंग गायब होने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया है. वन्य जीव के अंगों की तस्करी के संकेत मिलने के बाद वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है. जांच के लिए एक्सपर्ट टीम बनाई गई है. डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली जा रही है.
मैदानी अमले पर भी उठ रहे सवाल : चैतमा क्षेत्र में तेंदुआ घूम रहा था. लेकिन इसकी जानकारी वनकर्मियाें को नहीं थी. शिकार के बाद अधिकारी कह रहे हैं कि तेंदुआ बिलासपुर और मरवाही के जंगल से कटघोरा वन मंडल में घूमते हुए आ जाते हैं इसलिए इन्हें गणना में शामिल करना एक जटिल काम है.
कुछ दिनों पहले इसी क्षेत्र में दिखा था बाघ: कुछ समय पहले चैतमा के जंगल में बाघ देखने का दावा किया गया था. दावा मोबाइल में खींचे गए फोटो के आधार पर किया जा रहा था. हालांकि वन विभाग के अधिकारी बाघ के पंजे का निशान तलाशने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
अब यहां तेंदुए के शिकार की बात सामने आई है.