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सड़क के गढ्ढे नहीं, यह है भारत में सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह, नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया - NITIN GADKARI

सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है. पिछले 10 साल सबसे ज्यादा रोड एक्सीडेंट यूपी में हुए हैं.

नितिन गडकरी
नितिन गडकरी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 13, 2024, 7:53 PM IST

नई दिल्ली: भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है. सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 साल में देशभर में लगभग 15 लाख से अधिक लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई.

उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक में क्रमश: सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. इन दस सालों में सबसे कम सड़क हादले लक्षद्वीप से सामने आए. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण लेन में अनुशासनहीनता है.

'तेज गति चिंता का विषय'
उन्होंने बताया कि मुंबई में यातायात नियमों का उल्लंघन करने के कारण उनकी अपनी गाड़ी पर भी दो बार जुर्माना लगाया गया. गडकरी ने इस बात को स्वीकार किया कि तेज गति एक चिंता का विषय है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में लेन अनुशासनहीनता कहीं अधिक बड़ी समस्या है. हालांकि, वैश्विक स्तर पर तेज गति से वाहन चलाना इतनी बड़ी समस्या नहीं है.

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बोलते हुए गडकरी ने यातायात अनुशासन पर जनता, खासकर युवाओं को शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि बच्चों को भी यातायात नियमों का पालन करने का महत्व सिखाया जाना चाहिए. उन्होंने यातायात उल्लंघनों की निगरानी और रोकथाम के लिए सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी उल्लेख किया.

जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की अपील
मंत्री ने सांसदों से सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की.​लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गडकरी की भावनाओं को दोहराते हुए सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए यातायात कानूनों के बारे में जनता को शिक्षित करने में मदद करने की जिम्मेदारी सदस्यों पर जोर दिया.

बता दें कि अनुशासनहीनता के अलावा कई और ऐसे कारण हैं, जिससे सड़क हादसे होते हैं. इनमें मानवीय भूल, खराब रोज, ओवरलेडिंग, वाहन की कंडीशन और जागरुकता की कमी शामिल हैं. भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक और बड़ा कारण खराब सड़कें हैं. भारत में कई सड़कें ऐसी हैं, जहां गढ्ढे हैं और वहां पर्याप्त रोशनी नहीं है, जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं.

मानवीय भूल
भारत में सड़क दुर्घटनाओं का सबसे आम कारण मानवीय भूल है. इसमें लापरवाही से गाड़ी चलाना, तेज रफ़्तार से गाड़ी चलाना, नशे या शराब के नशे में गाड़ी चलाना और यातायात नियमों और संकेतों का पालन न करना शामिल है.

वाहन की स्थिति
सड़क पर वाहनों की स्थिति भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. सड़क पर कई वाहन पुराने और खराब स्थिति में हैं, जिनमें खराब ब्रेक, घिसे हुए टायर और अन्य खराब पार्ट होते हैं.

वाहनों का ओवरलोडिंग
वाहनों का ओवरलोडिंग भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक और आम कारण है. ओवरलोडेड ट्रक और बसें राजमार्गों पर दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण हैं, क्योंकि वे नियंत्रण खो सकते हैं और अन्य वाहनों से टकरा सकते हैं.

मौसम की स्थिति
भारी बारिश, कोहरा और ओलावृष्टि जैसी प्रतिकूल मौसम की स्थिति भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं में योगदान दे सकती है, खासकर राजमार्गों पर.

जागरूकता की कमी
आम जनता में यातायात नियमों, सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं और सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता की कमी भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है.

यह भी पढ़ें- जनरल कोच में मिलेंगे चार्जिंग पॉइंट और स्नैक टेबल जैसे फीचर्स, जल्द दौड़ेंगी 50 नई 'अमृत भारत एक्सप्रेस'

नई दिल्ली: भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है. सड़क और परिवहन मंत्रालय की ओर से लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 साल में देशभर में लगभग 15 लाख से अधिक लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई.

उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक में क्रमश: सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं. इन दस सालों में सबसे कम सड़क हादले लक्षद्वीप से सामने आए. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण लेन में अनुशासनहीनता है.

'तेज गति चिंता का विषय'
उन्होंने बताया कि मुंबई में यातायात नियमों का उल्लंघन करने के कारण उनकी अपनी गाड़ी पर भी दो बार जुर्माना लगाया गया. गडकरी ने इस बात को स्वीकार किया कि तेज गति एक चिंता का विषय है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत में लेन अनुशासनहीनता कहीं अधिक बड़ी समस्या है. हालांकि, वैश्विक स्तर पर तेज गति से वाहन चलाना इतनी बड़ी समस्या नहीं है.

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बोलते हुए गडकरी ने यातायात अनुशासन पर जनता, खासकर युवाओं को शिक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि बच्चों को भी यातायात नियमों का पालन करने का महत्व सिखाया जाना चाहिए. उन्होंने यातायात उल्लंघनों की निगरानी और रोकथाम के लिए सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी उल्लेख किया.

जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की अपील
मंत्री ने सांसदों से सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की.​लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गडकरी की भावनाओं को दोहराते हुए सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए यातायात कानूनों के बारे में जनता को शिक्षित करने में मदद करने की जिम्मेदारी सदस्यों पर जोर दिया.

बता दें कि अनुशासनहीनता के अलावा कई और ऐसे कारण हैं, जिससे सड़क हादसे होते हैं. इनमें मानवीय भूल, खराब रोज, ओवरलेडिंग, वाहन की कंडीशन और जागरुकता की कमी शामिल हैं. भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक और बड़ा कारण खराब सड़कें हैं. भारत में कई सड़कें ऐसी हैं, जहां गढ्ढे हैं और वहां पर्याप्त रोशनी नहीं है, जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं.

मानवीय भूल
भारत में सड़क दुर्घटनाओं का सबसे आम कारण मानवीय भूल है. इसमें लापरवाही से गाड़ी चलाना, तेज रफ़्तार से गाड़ी चलाना, नशे या शराब के नशे में गाड़ी चलाना और यातायात नियमों और संकेतों का पालन न करना शामिल है.

वाहन की स्थिति
सड़क पर वाहनों की स्थिति भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. सड़क पर कई वाहन पुराने और खराब स्थिति में हैं, जिनमें खराब ब्रेक, घिसे हुए टायर और अन्य खराब पार्ट होते हैं.

वाहनों का ओवरलोडिंग
वाहनों का ओवरलोडिंग भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक और आम कारण है. ओवरलोडेड ट्रक और बसें राजमार्गों पर दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण हैं, क्योंकि वे नियंत्रण खो सकते हैं और अन्य वाहनों से टकरा सकते हैं.

मौसम की स्थिति
भारी बारिश, कोहरा और ओलावृष्टि जैसी प्रतिकूल मौसम की स्थिति भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं में योगदान दे सकती है, खासकर राजमार्गों पर.

जागरूकता की कमी
आम जनता में यातायात नियमों, सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं और सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता की कमी भी भारत में सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है.

यह भी पढ़ें- जनरल कोच में मिलेंगे चार्जिंग पॉइंट और स्नैक टेबल जैसे फीचर्स, जल्द दौड़ेंगी 50 नई 'अमृत भारत एक्सप्रेस'

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