पटना : बिहार में आस्था के महापर्व छठ को लेकर तैयारी जोर-जोर से चल रही है. सियासी छठ की भी खूब चर्चा होती है. विशेष कर लालू परिवार के छठ पर पूरे देश की नजर रहती है, लेकिन पिछले कई सालों से लालू परिवार छठ नहीं कर रहा है. इस साल भी छठ का आयोजन लालू परिवार के आवास पर नहीं होगा. जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर इस साल भी छठ हो रहा है. मुख्यमंत्री की बहन और परिवार के अन्य सदस्य छठ पर्व करेंगी. उसकी तैयारी चल रही हैं. वहीं बिहार सरकार के कई मंत्रियों के सरकारी आवास पर भी छठ की तैयारी शुरू हो गई है.
राबड़ी आवास पर नहीं होगी छठ: चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर बिहार की चर्चा पूरे देश में होती है. ऐसे तो घर-घर में छठ महापर्व का आयोजन होता है, लेकिन सियासी छठ की चर्चा विशेष रूप से होती है. लालू प्रसाद यादव की पत्नी पूर्व सीएम राबड़ी देवी वर्षों तक छठ करती रही. महागठबंधन की सरकार जब बिहार में बनी उसके बाद एक बार छठ लालू परिवार ने किया है. लेकिन उसके बाद से छठ नहीं हुआ है.
सीएम नीतीश के आवास पर छठ : वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर इस साल भी छठ हो रहा है. मुख्यमंत्री की बहन और परिवार के अन्य सदस्य छठ व्रत करतीं हैं. वहीं, बिहार सरकार के कई मंत्रियों के सरकारी आवास पर भी इस साल भी छठ व्रत हो रहा है. ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी की पत्नी छठ व्रत कर रही हैं, तो वहीं सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी की पत्नी भी पटना में छठ कर रही हैं.
''छठ आस्था का महापर्व है. छठ महापर्व में परिवार के सभी सदस्य शामिल होते हैं. इस बार भी सभी लोग पटना आ रहे हैं. चुनाव की व्यस्तता के बावजूद छठ पर में पूरा समय देते हैं और महापर्व में हम लोग लीन हो जाते हैं.''- महेश्वर हजारी, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री.
जोर-शोर से तैयारी : नीतीश कुमार के नजदीकी जदयू एमएलसी संजय गांधी का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छठ की तैयारी को लेकर खुद नजर रखते हैं. चाहे गंगा घाट पर छठ का आयोजन हो या फिर मुख्यमंत्री आवास में, इस बार भी मुख्यमंत्री आवास में छठ पर्व का आयोजन हो रहा है. कार्यकर्ताओं और नेताओं को बुलाया जाएगा कि नहीं अभी इस पर बातचीत नहीं हुई है. छठ पर्व में शामिल होने इस बार भी बिहार के बाहर रहने वाले लाखों लोग अपने घर लौटे हैं.
छठ मय हुआ बिहार : छठ महापर्व को 5 नवंबर से शुरू हो रहा है. पूरा बिहार छठ मय हो चुका है. क्या आम क्या खास, छठ की ही चर्चा है. लेकिन छठ महापर्व के बीच में बिहार विधानसभा के चार सीटों पर उपचुनाव भी हो रहा है. ऐसे तो 13 नवंबर को वोटिंग है लेकिन चुनाव प्रचार में नेता लगे हुये हैं. उसके बाद भी छठ पर्व का सभी को इंतजार है. खासकर लालू परिवार और मुख्यमंत्री आवास में होने वाले छठ पर्व को लेकर नेताओं और कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से इंतजार होता है.
सियासी छठ पर सबकी नजर : छठ पर्व नहीं मनाने या फिर पर्व पर नहीं बुलाए जाने पर कार्यकर्ताओं में मायूसी भी होती हैं. क्योंकि यह एक अच्छा मौका होता है, अपने नेता से रूबरू होने का. लालू परिवार तो छठ पर्व नहीं कर रहा है लेकिन मुख्यमंत्री आवास में होने वाले छठ का जदयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं को इंतजार है कि निमंत्रण आएगा.
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