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कोलकाता रेप-मर्डर केस सुनवाई, FIR देर से दर्ज करने पर सवाल उठाए, CBI से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, डॉक्टरों से की काम पर लौटने की अपील - SC Kolkata rape murder case

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 20, 2024, 8:32 AM IST

Updated : Aug 20, 2024, 12:18 PM IST

Supreme Court Kolkata rape-murder case: कोलकाता रेप-मर्डर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है, जो तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सौपेंगी.

Kolkata rape murder case hearing in Supreme Court today
कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई (ANI)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर मामले में सुनवाई हुई. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र शामिल हैं. सीजेआई ने कहा कि कोलकाता की घटना ने पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दस सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसमें सर्जन वाइस एडमिरल आरके सरीन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी समेत अन्य लोग शामिल हैं.

CJI बोले- हम पर भरोसा करें डॉक्टर्स
CJI चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया. मामले की जांच बेहद नाजुक दौर में है. पुलिस आखिर कर क्या रही थी. वहीं, उन्होंने विरोध-प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स से कहा कि आप लोग हम पर भरोसा रखें. पूरे देश का हेल्थ सिस्टम हर समय आपके साथ खड़ा है. पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी.

SC ने कहा, यह राष्ट्रहित का मामला है
सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि यह बताएं कि FIR सबसे पहले किसने दर्ज की और कब करवाई. पीड़िता की डेड बॉडी उनके माता-पिता को देने में देरी क्यो हुई. CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार और अस्पताल प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है. इससे इतर पीठ ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है. पीठ ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा करने के लिए हमलोग हैं. ये राष्ट्रहित का मामला है. इसे कतई राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए.

डॉक्टरों की सुरक्षा का उठाया सवाल
न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा का सवाल है. वारदात को प्रिंसिपल ने खुदकुशी क्यों बताया. सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बेहद कमजोर है. ये बहुत गंभीर मामला है. हम डॉक्टरों के बारे में चिंतित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा शर्म की बात है कि कोलकाता रेप पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप हर जगह प्रकाशित किया गया. कानून पीड़ितों के नाम प्रकाशित करने पर रोक लगाता है. क्या इस तरह से हम उस युवा डॉक्टर को सम्मान प्रदान कर सकते हैं जिसने अपनी जान गंवा दी? '

सीबीआई से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी
पीठ ने आगे कहा कि कोर्ट की निगरानी में नेशनल टास्क फोर्स बनेगी. सीबीआई गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट सौंपे.' इस बीच सीजेआई ने कहा कि कोलकाता की घटना ने पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. हम डॉक्टरों के बारे में चिंतित हैं. हम लोग इस केस के लिए नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया जिसमें सर्जन वाइस एडमिरल आरके सरीन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी और अन्य शामिल हैं. यह टास्क फोर्स तीन हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौपेंगी.

सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने पर सवाल उठाए
सीजेआई ने एफआईआर दर्ज करने में देरी पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि प्राथमिकी दर्ज करने में देरी क्यों की गई. सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने पर सवाल उठाए और कहा कि ऐसा लगता है कि अपराध का पता सुबह-सुबह ही चल गया था और कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस तथ्य से इनकार किया और कहा कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है. देशभर के डॉक्टरों की आस सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी है क्योंकि पिछले कई दिनों से डॉक्टर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के आश्वास से वे संतुष्ट नहीं है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला अहम होगा.

जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है. इस मामले पर सुनवाई के लिए मंगलवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई के लिए कॉज लिस्ट में सबसे ऊपर रखा गया. इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रीय नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं.

सोमवार को राजभवन में रक्षाबंधन के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का पतन हो रहा है. यह नहीं चल सकता. आज हमें अपनी बेटियों और बहनों की रक्षा करने का संकल्प लेना होगा.' ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने प्रदर्शनकारियों को चुप कराने के कथित प्रयासों की आलोचना की और कहा कि वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बलात्कार-हत्या मामले से निपटने के तरीके से निराश हैं.

डॉक्टरों की हड़ताल के 10वें दिन देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई. डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय अस्पतालों में सुरक्षा तैनाती में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई कर रही है. हालांकि, सीबीआई की ओर से भी इस मामले में अब तक कोई बड़ा खुलासा नहीं किया गया है. अब तक केवल एक ही आरोपी संजय को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी संजय को पश्चिम बंगाल पुलिस ने ही गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें- कोलकाता रेप-मर्डर मामला : कौन है संजय रॉय? CBI क्यों कर रही उसका साइको-टेस्ट? जानें सबकुछ

ये भी पढ़ें- कोलकाता दुष्कर्म-हत्या मामला: संदीप घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट कराएगी सीबीआई, जानिए कैसे पता चलता है सच और झूठ

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर मामले में सुनवाई हुई. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र शामिल हैं. सीजेआई ने कहा कि कोलकाता की घटना ने पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए दस सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसमें सर्जन वाइस एडमिरल आरके सरीन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी समेत अन्य लोग शामिल हैं.

CJI बोले- हम पर भरोसा करें डॉक्टर्स
CJI चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस ने क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया. मामले की जांच बेहद नाजुक दौर में है. पुलिस आखिर कर क्या रही थी. वहीं, उन्होंने विरोध-प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स से कहा कि आप लोग हम पर भरोसा रखें. पूरे देश का हेल्थ सिस्टम हर समय आपके साथ खड़ा है. पीठ ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी.

SC ने कहा, यह राष्ट्रहित का मामला है
सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि यह बताएं कि FIR सबसे पहले किसने दर्ज की और कब करवाई. पीड़िता की डेड बॉडी उनके माता-पिता को देने में देरी क्यो हुई. CJI ने पश्चिम बंगाल सरकार और अस्पताल प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है. इससे इतर पीठ ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है. पीठ ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा करने के लिए हमलोग हैं. ये राष्ट्रहित का मामला है. इसे कतई राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए.

डॉक्टरों की सुरक्षा का उठाया सवाल
न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा का सवाल है. वारदात को प्रिंसिपल ने खुदकुशी क्यों बताया. सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा बेहद कमजोर है. ये बहुत गंभीर मामला है. हम डॉक्टरों के बारे में चिंतित हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा शर्म की बात है कि कोलकाता रेप पीड़िता का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप हर जगह प्रकाशित किया गया. कानून पीड़ितों के नाम प्रकाशित करने पर रोक लगाता है. क्या इस तरह से हम उस युवा डॉक्टर को सम्मान प्रदान कर सकते हैं जिसने अपनी जान गंवा दी? '

सीबीआई से गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी
पीठ ने आगे कहा कि कोर्ट की निगरानी में नेशनल टास्क फोर्स बनेगी. सीबीआई गुरुवार तक स्टेटस रिपोर्ट सौंपे.' इस बीच सीजेआई ने कहा कि कोलकाता की घटना ने पूरे देश में डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. हम डॉक्टरों के बारे में चिंतित हैं. हम लोग इस केस के लिए नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया जिसमें सर्जन वाइस एडमिरल आरके सरीन, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल गैस्ट्रोलॉजी के प्रबंध निदेशक डॉक्टर नागेश्वर रेड्डी और अन्य शामिल हैं. यह टास्क फोर्स तीन हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौपेंगी.

सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने पर सवाल उठाए
सीजेआई ने एफआईआर दर्ज करने में देरी पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि प्राथमिकी दर्ज करने में देरी क्यों की गई. सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने पर सवाल उठाए और कहा कि ऐसा लगता है कि अपराध का पता सुबह-सुबह ही चल गया था और कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस तथ्य से इनकार किया और कहा कि अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है. देशभर के डॉक्टरों की आस सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिकी है क्योंकि पिछले कई दिनों से डॉक्टर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के आश्वास से वे संतुष्ट नहीं है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला अहम होगा.

जानकारी के अनुसार मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है. इस मामले पर सुनवाई के लिए मंगलवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई के लिए कॉज लिस्ट में सबसे ऊपर रखा गया. इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रीय नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं.

सोमवार को राजभवन में रक्षाबंधन के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, 'पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का पतन हो रहा है. यह नहीं चल सकता. आज हमें अपनी बेटियों और बहनों की रक्षा करने का संकल्प लेना होगा.' ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने प्रदर्शनकारियों को चुप कराने के कथित प्रयासों की आलोचना की और कहा कि वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बलात्कार-हत्या मामले से निपटने के तरीके से निराश हैं.

डॉक्टरों की हड़ताल के 10वें दिन देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई. डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय अस्पतालों में सुरक्षा तैनाती में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. वहीं, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई कर रही है. हालांकि, सीबीआई की ओर से भी इस मामले में अब तक कोई बड़ा खुलासा नहीं किया गया है. अब तक केवल एक ही आरोपी संजय को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी संजय को पश्चिम बंगाल पुलिस ने ही गिरफ्तार किया था.

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Last Updated : Aug 20, 2024, 12:18 PM IST
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