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एफबीआई की शिकायत के बाद कोलकाता पुलिस ने की एक और गिरफ्तारी - KOLKATA fake call centre CASE

Kolkata financial fraud case : बंगाल में फर्जी कॉल सेंटर खोलकर अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है. माना जा रहा है कि वह मुख्य आरोपियों में से एक है.

fake call centre case
फर्जी कॉल सेंटर मामले में गिरफ्तारी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 1, 2024, 7:34 PM IST

कोलकाता: कोलकाता पुलिस मुख्यालय ने फर्जी कॉल सेंटर खोलकर अमेरिकी नागरिकों से धोखाधड़ी करने के आरोप में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम मोहम्मद तारिक है.

कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) से ठगी किए गए डॉलर भारतीय रुपये के बदले भारत लाए गए थे. तारिक उस पैसे को क्रिप्टोकरेंसी के बदले कोलकाता लाता था. अभी तक यही माना जा रहा है कि तारिक इस घटना के मुख्य आरोपियों में से एक है.

हालांकि, इस बात की जांच की जा रही है कि इस घोटाले में कोई और भी शामिल है या नहीं. आरोप है कि तारिक कोलकाता में बैठकर देश-विदेश के विभिन्न खातों को नियंत्रित करता था. लेकिन पुलिस का मानना ​​है कि आरोपी तारिक के साथ इस काम में कई और लोग भी शामिल हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

कोलकाता पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस मुख्यालय ने हाल ही में अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) से शिकायत मिलने के बाद घटना की जांच शुरू कर दी है. बाद में एंटी राउडी स्क्वाड (एआरएस) के जासूसों ने कई जगहों पर तलाशी लेकर कोलकाता के कसबा और कराया इलाके से करीब 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया. उनसे पूछताछ के बाद तारिक का नाम सामने आया.

इसके बाद तिलजला निवासी एक व्यक्ति को शनिवार को पूछताछ के लिए पुलिस मुख्यालय बुलाया गया. पूछताछ के दौरान कई असंगत जवाब देने के बाद कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार किए गए 12 लोगों की सूची में एक और व्यक्ति शामिल हो गया. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कैसे किया गया. गिरफ्तार सभी लोगों से पूछताछ के बाद कोलकाता पुलिस की एआरएस मामले की आगे की जांच कर रही है.

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कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग के मुताबिक, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) से ठगी किए गए डॉलर भारतीय रुपये के बदले भारत लाए गए थे. तारिक उस पैसे को क्रिप्टोकरेंसी के बदले कोलकाता लाता था. अभी तक यही माना जा रहा है कि तारिक इस घटना के मुख्य आरोपियों में से एक है.

हालांकि, इस बात की जांच की जा रही है कि इस घोटाले में कोई और भी शामिल है या नहीं. आरोप है कि तारिक कोलकाता में बैठकर देश-विदेश के विभिन्न खातों को नियंत्रित करता था. लेकिन पुलिस का मानना ​​है कि आरोपी तारिक के साथ इस काम में कई और लोग भी शामिल हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है.

कोलकाता पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस मुख्यालय ने हाल ही में अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) से शिकायत मिलने के बाद घटना की जांच शुरू कर दी है. बाद में एंटी राउडी स्क्वाड (एआरएस) के जासूसों ने कई जगहों पर तलाशी लेकर कोलकाता के कसबा और कराया इलाके से करीब 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया. उनसे पूछताछ के बाद तारिक का नाम सामने आया.

इसके बाद तिलजला निवासी एक व्यक्ति को शनिवार को पूछताछ के लिए पुलिस मुख्यालय बुलाया गया. पूछताछ के दौरान कई असंगत जवाब देने के बाद कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार किए गए 12 लोगों की सूची में एक और व्यक्ति शामिल हो गया. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कैसे किया गया. गिरफ्तार सभी लोगों से पूछताछ के बाद कोलकाता पुलिस की एआरएस मामले की आगे की जांच कर रही है.

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