कोलकाता : सीबीआई कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ-साथ ट्रेनी लेडी डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या मामले की भी जांच कर रही है. जांच के दौरान सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के अधिकारियों ने पाया कि आरजी कर अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष के अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी को गलत तरीके से नियुक्त किया गया था.
सीबीआई अधिकारियों का दावा है कि संदीप घोष के पूर्व बॉडीगार्ड का नाम अफसर खान है, जिसे पूर्व प्रिंसिपल घोष का अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी नियुक्त किया गया था. सीबीआई सूत्रों ने खुलासा किया कि संदीप घोष के अफसर खान से अच्छे संबंध थे. इसके अलावा जब संदीप घोष आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल थे, तो उन्होंने बिना किसी टेंडर के सरकारी जमीन पर अफसर खान के लिए कैफे बनवा दिया था. इस दौरान सभी नियम-कायदों को ताक पर रखकर यह काम किया गया.
सीबीआई का आरोप है कि संदीप घोष ने पूरी प्रक्रिया अवैध तरीके से पूरी की. घटना से जुड़े साक्ष्यों और आरजी कर अस्पताल के कई स्वास्थ्य कर्मियों से बातचीत के बाद जांचकर्ताओं को पता चला कि जब से अफसर खान ने कैफे बनवाया था, तब से ही अलग-अलग जगहों से शिकायतें आ रही थीं. बाद में कई जगहों से दबाव के चलते संदीप घोष ने अफसर खान को हटा दिया था.
रविवार सुबह सीबीआई की टीम आरजी कर अस्पताल में एमएसवीपी के केबिन में पहुंची. वहां एक डॉक्टर से पिछले तीन महीनों में वार्ड में उनके व्यवहार के बारे में सारी जानकारी जुटाई. इसके अलावा संदीप घोष द्वारा इस्तेमाल किया गया कंप्यूटर और कई दस्तावेज भी सीबीआई टीम आरजी कर अस्पताल से सीजीओ कॉम्प्लेक्स में ले गई. अस्पताल से जाते समय सीबीआई अधिकारी ने पत्रकारों से कहा, "बहुत कुछ मिला है."
इस मामले में सीबीआई के जांचकर्ताओं का अनुमान है कि किसी व्यक्ति का बार-बार अपना बयान बदलना तब तक संभव नहीं है जब तक कि उस पर कोई बड़ा प्रभाव न हो. इसके मद्देनजर, सीबीआई के अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि संदीप घोष के साथ और कौन-कौन लोग वित्तीय गड़बड़ी और भ्रष्टाचार में शामिल हैं.
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