कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के पूर्व सहकर्मी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर डॉक्टर द्वारा की गई कथित वित्तीय अनियमितताओं की प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जांच कराने की मांग की है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली को याचिका दायर करने की अनुमति दी.
'संदीप घोष लाशों के कारोबार में शामिल'
इससे पहले अली ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में बताया था कि संदीप घोष लाशों के कारोबार में शामिल है. उसने दावा किया था कि वह लावारिस शवों को बेचता था. उन्होंने बताया कि घोष बांग्लादेश में बायोमेडिकल कचरे और मेडिकल सप्लाई की तस्करी में भी शामिल था. अली यह भी कहा कि उन्होंने घोष की गतिविधियों के बारे में राज्य सतर्कता विभाग को सूचित किया था.
उन्होंने दावा किया कि जांच में उन्हें (घोष) दोषी पाया गया था. हालांकि, जिस दिन उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य विभाग को जांच रिपोर्ट सौंपी, उसी दिन अली का तबादला कर दिया गया. इतना ही उन्होंने आरोप लगाया कि संदीप घोष छात्रों को रिश्वत देने के लिए मजबूर करता था या फिर जानबूझकर उन्हें परीक्षा में फेल कर देता था.
वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू
इस बीच मंगलवार को कोलकाता पुलिस ने अस्पताल में संदीप घोष द्वारा की गई कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है. अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए चार सदस्यीय एसआईटी गठित किए जाने के बाद संदीप घोष के खिलाफ जांच शुरू हुई.
एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "आरोप हैं कि घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में शामिल था. हमारे अधिकारी जल्द ही उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी करेंगे."
ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ रेप
बता दें कि आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल के अंदर ट्रेनी लेडी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के बाद संदीप घोष अपने आचरण को लेकर सीबीआई की जांच के घेरे में हैं. एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या हत्या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा थी.
एजेंसी ने पूछताछ के दौरान घोष से पूछा था कि हत्या के बाद अपराध स्थल के पास मरम्मत कार्य का आदेश किसने दिया था. उन्होंने यह भी पूछा है कि पीड़िता के माता-पिता को तीन घंटे तक इंतजार क्यों कराया गया.