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'मैं CM नहीं आपकी 'दीदी', अचानक डॉक्टरों के धरना स्थल पहुंचीं ममता, फिर क्या हुआ? - Mamata Visits Protest Site

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 14, 2024, 3:21 PM IST

Updated : Sep 14, 2024, 10:15 PM IST

Mamata Visits Protest Site: ममता बनर्जी के प्रदर्शन स्थल से जाने के बाद प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि वे बातचीत होने तक अपनी मांगों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिससे गतिरोध में तत्काल कोई समाधान नहीं निकलने का संकेत मिलता है. वहीं, सीएम ने जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया.

MAMATA-LD DOCTORS
प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर और ममता बनर्जी (फाइल फोटो) (AFP)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन स्थल पर अचानक पहुंच गई. उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया. सीएम ममता ने आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों पर गौर करेंगी और कोई भी व्यक्ति दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगी. हालांकि,प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगों पर समझौता करने से इनकार कर दिया.

साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन के बार प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने 'हमें न्याय चाहिए' के नारे लगाते दिखे. नारेबाजी के बीच ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा वह उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएंगी, क्योंकि वह लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं करतीं. उन्होंने कहा कि, बंगाल उत्तर प्रदेश नहीं है.

हालांकि, ममता बनर्जी के प्रदर्शन स्थल पर अचानक से दौरा करने और वहां से जाने के बाद भी जारी गतिरोध को लेकर कोई समाधान नहीं निकला. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि, वे बातचीत होने तक अपनी मांगों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है.

डीजीपी राजीव कुमार के साथ ममता बनर्जी दोपहर करीब एक बजे सेक्टर 5 स्थित प्रदर्शन स्थल पर पहुंचीं और वहां मौजूद लोगों को चौंका दिया. उन्होंने कहा कि वह रातों की नींद हराम कर रही हैं क्योंकि चिकित्सक बारिश के बीच सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं आपसे मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि आपकी 'दीदी' के तौर पर मिलने आई हूं."

उन्होंने कहा, "मैं आपको भरोसा दिलाती हूं कि मैं आपकी मांगों का अध्ययन करूंगी और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई करूंगी," उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी घोषणा की कि सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है.

बनर्जी ने कहा, "यह संकट को हल करने का मेरा आखिरी प्रयास है." मंगलवार से ही डॉक्टर राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांगों में सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले में शीर्ष अधिकारियों को हटाना शामिल है. आरजी कर मामले को लेकर जूनियर डॉक्टर एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे राज्य का सार्वजनिक हेल्थ सिस्टम प्रभावित हो रहा है. सरकार ने दावा किया है कि कथित तौर पर इलाज न मिलने के कारण विरोध प्रदर्शन के कारण 29 लोगों की मौत हो गई है.

ये भी पढ़ें: इलाज के अभाव में मृत 29 मरीजों के परिजनों को आर्थिक मदद देगी राज्य सरकार, ममता ने किया ऐलान

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन स्थल पर अचानक पहुंच गई. उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया. सीएम ममता ने आश्वासन दिया कि वह उनकी मांगों पर गौर करेंगी और कोई भी व्यक्ति दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगी. हालांकि,प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगों पर समझौता करने से इनकार कर दिया.

साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन के बार प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने 'हमें न्याय चाहिए' के नारे लगाते दिखे. नारेबाजी के बीच ममता बनर्जी ने जूनियर डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा वह उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएंगी, क्योंकि वह लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं करतीं. उन्होंने कहा कि, बंगाल उत्तर प्रदेश नहीं है.

हालांकि, ममता बनर्जी के प्रदर्शन स्थल पर अचानक से दौरा करने और वहां से जाने के बाद भी जारी गतिरोध को लेकर कोई समाधान नहीं निकला. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि, वे बातचीत होने तक अपनी मांगों पर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है.

डीजीपी राजीव कुमार के साथ ममता बनर्जी दोपहर करीब एक बजे सेक्टर 5 स्थित प्रदर्शन स्थल पर पहुंचीं और वहां मौजूद लोगों को चौंका दिया. उन्होंने कहा कि वह रातों की नींद हराम कर रही हैं क्योंकि चिकित्सक बारिश के बीच सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं आपसे मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि आपकी 'दीदी' के तौर पर मिलने आई हूं."

उन्होंने कहा, "मैं आपको भरोसा दिलाती हूं कि मैं आपकी मांगों का अध्ययन करूंगी और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो कार्रवाई करूंगी," उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी घोषणा की कि सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है.

बनर्जी ने कहा, "यह संकट को हल करने का मेरा आखिरी प्रयास है." मंगलवार से ही डॉक्टर राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के बाहर डेरा डाले हुए हैं। उनकी मांगों में सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले में शीर्ष अधिकारियों को हटाना शामिल है. आरजी कर मामले को लेकर जूनियर डॉक्टर एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे राज्य का सार्वजनिक हेल्थ सिस्टम प्रभावित हो रहा है. सरकार ने दावा किया है कि कथित तौर पर इलाज न मिलने के कारण विरोध प्रदर्शन के कारण 29 लोगों की मौत हो गई है.

ये भी पढ़ें: इलाज के अभाव में मृत 29 मरीजों के परिजनों को आर्थिक मदद देगी राज्य सरकार, ममता ने किया ऐलान

Last Updated : Sep 14, 2024, 10:15 PM IST
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