लखनऊ: स्थापना के 32 सालों में समाजवादी पार्टी ने इस बार सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. नेताजी मुलायम सिंह के अक्टूबर 1992 साइकिल चुनाव निशान वाली समाजवादी पार्टी बनाने के बाद से 2024 लोकसभा चुनाव में सीटों के साथ वोट शेयर सबसे अधिक रहा है. समाजवादी पार्टी अब देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है. मुलायम सिंह के बाद अखिलेश यादव 'नए नेताजी' के रूप में उभरे हैं. अखिलेश खुद कहते हैं कि अगर मुलायम सिंह यादव आज जीवित होते तो समाजवादी पार्टी के ऐतिहासिक परफॉर्मेंस को देखकर वह काफी खुश और प्रसन्न होते.
अखिलेश को इन मुद्दों ने दिलाई रिकॉर्ड जीत
लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे और सबसे अधिक सीट जीतकर सभी राजनीतिक दलों को चौंका दिया है. यूपी में भाजपा के 80 में से 80 सीटें जीतने जीतने के नारे की हवा निकाल दी. इंडिया गठबंधन और अखिलेश यादव ने चुनावी सभाओं में भाजपा द्वारा दलित आरक्षण संविधान को समाप्त करने की बड़ी साजिश बताते हुए माहौल बनाया. इसके अलावा पिछड़े दलित अल्पसंख्यक (PDA) फार्मूले का नारा, पेपर लीक, बेरोजगारी भ्रष्टाचार महंगाई जैसे मुद्दों को जमकर उठाते हुए वोटरों को अपने पक्ष में किया और बड़ी जीत हासिल की.
पहली बार में ही 16 सीटों पर किया था कब्जा
अब बात करते हैं समाजवादी पार्टी की शुरुआत कैसे हुई. मुलायम सिंह यादव ने 1992 में अक्टूबर में समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी और 1996 में पहली बार पार्टी लोकसभा चुनाव में उतरी. पहली बार में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 16 सीट जीतने में सफल हुई थी. इस समय केंद्र में एचडी देवगौड़ा सरकार में मुलायम सिंह यादव को रक्षा मंत्री बनाया गया था. सीटों के लिहाज से समाजवादी पार्टी उसे समय चौथे नंबर की पार्टी बनी थी.
इसके बाद 1998 में हुए लोकसभा के चुनाव समाजवादी पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 19 सीट जीतने में बड़ी सफलता हासिल की. हालांकि 1998 में एनडीए की सरकार बनी और अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री बने थे. मात्र 13 महीने बाद ही उनकी सरकार गिर गई और 1999 में एक बार फिर देश में लोकसभा चुनाव हुए. इस बार समाजवादी पार्टी ने अपने पूर्व के दो रिकॉर्ड को तोड़ दिया और उत्तर प्रदेश में 26 सीटों पर जीत दर्ज की.
2024 से पहले 2004 में भी बनाया था रिकॉर्ड
2004 में भी मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी ने अपने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए सर्वाधिक 35 सीट जीतने में बड़ी सफलता हासिल की. इसके साथ ही समाजवादी पार्टी ने एक सीट उत्तराखंड में भी जितने में कामयाब हुई थी. मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में हुए लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का यह सबसे बड़ा शानदार परफॉर्मेंस था. इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने 26 सीट हासिल करने में सफलता प्राप्त की थी.
2009 से गिरने लगा था सपा का ग्राफ
हालांकि जब 2014 के लोकसभा चुनाव हुए तो समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा. 2012 में विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 224 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. अखिलेश यादव 36 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे. प्रदेश में सरकार होने के बावजूद 2014 के लोकसभा चुनाव में मात्र 5 सीटें समाजवादी पार्टी के खाते में. वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा. इस बार भी सपा सपा को पांच सीटें ही मिली. जबकि बसपा 10 सीट जीतने में सफल रही.
इस बार 15.48 फीसदी वोट बढ़ा
पिछले दो चुनाव में 5 सीटों तक सीमित रही सपा 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ा और लगातार गिर रही साख को बचाने के साथ रिकॉर्ड दर्ज की. समाजवादी पार्टी ने करीब 7 से अधिक गुणा अधिक सीटें जीत गई. जबकि 2019 के मुकाबले 15.48 फीसदी वोट भी अधिक पाया. वहीं, कांग्रेस को भी जमकर फायदा हुआ और 6 सीटें जीत गई.
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