नई दिल्ली: राजधानी में रिज एरिया में 1100 पेड़ काटे जाने के मामले में भी AAP सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल के बीच तनातनी चल रही है. छतरपुर के रिज क्षेत्र में 1100 पेड़ों की अवैध कटाई पर AAP ने आरोप लगाया कि ये कटाई LG के आदेश पर कराई गई है.
LG साहब ने सतबड़ी वन्य क्षेत्र की गौशाला रोड के चौड़ीकरण के लिए 1100 पेड़ कटवा डाले। जबकि फार्म हाउस की जमीन एक्वायर की जा सकती थी।
— AAP (@AamAadmiParty) July 9, 2024
इस रोड को देखकर साफ पता चलता है कि बड़े-बड़े फार्म हाउस के मालिकों को लाभ पहुँचाने की नियत से हरे भरे जंगल को काटा गया। इसमें भ्रष्टाचार की बड़ी… pic.twitter.com/xcvgLiC3bH
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और इमरान हुसैन ने बीते दिन मंगलवार को उस इलाके का निरीक्षण किया था, जहां सतबरी वन क्षेत्र से सार्क चौक तक सड़क बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना कथित रूप से पेड़ काटने का काम हुआ. इस दौरान मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) पेड़ों की जड़ों और तनों को हटाकर सबूत मिटा रहा है उन्होंने आरोप लगाया कि फार्म हाउस मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए LG ने पेड़ कटाई के आदेश दिए.
#WATCH | Delhi: Delhi Minister Saurabh Bhardwaj visits the site at SAARC Chowk, Satbari Chhattarpur, where more than 1000 trees have allegedly been cut by DDA. pic.twitter.com/WWsFZbJSLf
— ANI (@ANI) July 9, 2024
कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर सैकड़ों पेड़ काटे गए हैं. 'सतबारी' वन क्षेत्र के मध्य से सार्क चौक तक एक पूरी तरह से नई सड़क बनाई गई है. पहले इस जगह पर घने जंगल हुआ करते थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस क्षेत्र में सभी कार्यों पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद यहां बुलडोजर से काम चल रहा है. सौरभ भारद्वाज ने मौके का मुआयना किया और कहा कि इन जड़ों और तनों को देखकर यह निर्णय लिया जाएगा कि कितने पेड़ काटे गए हैं. इसलिए डीडीए इन्हें पूरी तरह से उखाड़कर यहां मिट्टी की परत डालने की साजिश कर रहा है.
आम आदमी पार्टी के LG पर आरोप
- रिज एरिया में LG के इशारे पर 1100 पेड़ काटे गए
- सतबड़ी क्षेत्र में काटे गए हैं 1100 पेड़
- SC की रोक के बावजूद DDA की मशीनें कर रही हैं काम
- पेड़ों की जड़ों और तनों को गायब किया जा रहा है
- सतबड़ी क्षेत्र में पेट कटाई के बाद मिट्टी डालकर सबूत मिटा रहा DDA
- अमीर फार्महाउस मालिकों को पहुंचाया गया फायदा
- फार्महाउस की जमीन लेने की बजाय पेड़ काटकर चौड़ा किया गया रोड
- 03 फरवरी 2024 को LG ने किया था सतबड़ी क्षेत्र का दौरा, दिल्ली सरकार के अधिकारी भी थे मौजूद
- सुप्रीम कोर्ट के पूछने के बाद भी अधिकारी खामोश
''सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद डीडीए यहां लगातार काम कर रहा है. इस सड़क के एक तरफ बड़े-बड़े करोड़पतियों के फार्महाउस हैं और दूसरी तरफ घना जंगल है. लेकिन फार्महाउसों की जमीन लेने के बजाय सड़क को चौड़ा करने के लिए रिज क्षेत्र से हजारों पेड़ काटे गए, जिस तरह केंद्र की बीजेपी ने गरीब किसानों की जमीन लेकर यहां अमीरों के लिए फार्महाउस बनाए गए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अमीरों के फार्महाउसों की जमीन को छुए बिना जंगल के 1100 पेड़ काट दिए गए. सड़क चौड़ी करने के लिए फार्महाउस की जमीनें एक्वायर की जा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया. - सौरभ भारद्वाज, मंत्री, दिल्ली सरकार
'LG ने कई बार इस जगह का दौरा किया'
AAP का आरोप है कि दिल्ली के LG वी के सक्सेना ने कई बार सतबड़ी गांव के इस इलाके का दौरा किया. AAP का आरोप ये भी है कि जिस वक्त LG ने यहां दौरा किया उस वक्त सभी बड़े अधिकारी उनके साथ मौजूद थे. वहीं कहा ये जा रहा है कि DDA ने सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी थी कि LG ने कभी यहां दौरा नहीं किया. आम आदमी पार्टी का आरोप ये भी है कि LG ने अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए 1100 पेड़ों की बलि दे दी.
#WATCH | Over alleged felling of over 1000 trees in Satbari area, Delhi minister Atishi says, " we have come to satbari, where 1100 trees were cut in the protected eco-zone of the ridge here. it is a serious issue that on whose orders the trees were cut. another worrying issue is… pic.twitter.com/Gfyf6iZSFt
— ANI (@ANI) July 9, 2024
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने की जांच की मांग
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मौके का निरीक्षण किया और कहा कि इस रोड को देखकर साफ पता चलता है कि बड़े-बड़े फार्म हाउस के मालिकों को लाभ पहुँचाने की नियत से हरे भरे जंगल को काटा गया. इसमें भ्रष्टाचार की बड़ी आशंका है, इसकी गहन जांच होनी चाहिए.
सख्त कार्रवाई की SC में उठाएंगे मांग-आतिशी
वहीं मंत्री आतिशी ने कहा कि वो अपनी समिति की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेगी. आम आदमी पार्टी की फैक्ट फाइंटिंग कमेटी में जिसमें कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और इमरान हुसैन शामिल हैं, इस टीम ने मंगलवार को दिल्ली के रिज इलाके में पेड़ों की अवैध कटाई की जांच के लिए सतबड़ी गांव का दौरा किया था.
पेड़ कटाई का कैसे खुला राज?
कुछ समय पहले आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पेड़ कटाई के मामले में बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाए थे, AAP ने उपराज्यपाल पर भी गंभीर आरोप लगाए. उस वक्त मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने के साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग थी.
26 जून को सुप्रीम कोर्ट में हुई थी अहम सुनवाई
26 जून को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की खिंचाई की और उनसे सवाल किया कि वन विभाग ने पेड़ कटाई में नियमों के उल्लंघन के बारे में पूरी तरह से जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस भी जारी किया था. जिस पर दिल्ली सरकार ने वन विभाग के अफसरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और उनसे इस संबंध में सारा रिकॉर्ड तलब किया है. उन्होंने अवैध रूप से पेड़ों को काटने के मामले में अब तक की गई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी. अपनी याचिका में NGO ने SC को बताया कि पेड़ काटने के बाद डीडीए सुप्रीम कोर्ट में इनको काटने की इजाजत लेने आया. डीडीए ने सुप्रीम कोर्ट को यह बात नहीं बताई कि उसने पहले ही ये पेड़ काट दिए हैं. डीडीए ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है और अपने एफिडेविट पर भी झूठ बोला है. दिल्ली के फॉरेस्ट एरिया में केवल सुप्रीम कोर्ट पेड़ काटने की अनुमति दे सकता है. जब डीडीए की चोरी पकड़ी गई, तब सुप्रीम कोर्ट ने उससे पूछा कि किसके कहने पर ये पेड़ काटे गए हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने DDA को लताड़ा
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को अदालत में सही जानकारी ना देने के लिए भी फटकार लगाई, साथ ही अदालत ने 3 फरवरी 2024 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के रिज क्षेत्र में आने की जानकारी नहीं देने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की आलोचना भी की. पीठ ने कहा कि डीडीए उच्च अधिकारियों को बचा रहा है और निचले अधिकारियों को दोषी ठहरा रहा है. यह डीडीए की ओर से पूरी तरह की लापरवाही है, कि उसे 3 फरवरी को एलजी के दौरे का संकेत देने वाला एक साधारण दस्तावेज नहीं मिल सका. कोर्ट ने इसे पूरी तरह से लापरवाही घोषित किया था. अदालत ने कहा कि कुछ भी नहीं किया गया है, और अधिकारियों की कोई बैठक नहीं बुलाई गई है, हमें उम्मीद है कि उपाध्यक्ष(DDA) इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. हमारे पास सब कुछ है जिस तरह से काम किया गया है, उसके बारे में संदेह है.
अदालत में कहा गया ईमेल, LG का दौरा कंफर्म करता है
अदालत में बेंच ने ये भी कहा था कि हम देखते हैं कि ईमेल का पहला भाग, जो एलजी के दौरे की बात करता है, सही है. जब ईमेल में कहा गया है कि एलजी ने दौरा किया है और पेड़ों को काटने का आदेश दिया है, तो क्या यह DDA का काम नहीं था कि इस पर गौर किया जाए. समिति का उद्देश्य केवल उच्च अधिकारियों को बचाना और जूनियर इंजीनियरों या कार्यकारी इंजीनियरों जैसे निचले अधिकारियों को दोषी ठहराना है, डीडीए की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि डीडीए रिकॉर्ड ढूंढने की कोशिश कर रहा था और इरादा यह था कि पीठ को कोई गलत जानकारी न दी जाए. इससे पहले DDA की ओर से अदालत में बताया गया था कि LG ने central armed paramilitary forces केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों के लिए अस्पताल का दौरा किया था और संबंधित साइट से उनके दौरे का कोई संबंध नहीं था.
सौरभ भारद्वाज ने कहा था कि छतरपुर वन क्षेत्र में फरवरी में 1100 पेड़ काट दिए गए. ये पेड़ बिना अनुमति के काटे गए. पेड़ काटने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अनुमति के लिए अपील की गई. सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी. इसी बीच दो गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की कि छतरपुर वन क्षेत्र में 1100 पेड़ काट दिए गए. सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए के वाइस चेयरमैन पर क्रिमिनल कंटेम्प्ट लगा दिया. उन्हें कोर्ट के सामने उपस्थित होने के लिए भी कहा गया. कोर्ट ने पूछा कि पेड़ काटने की डायरेक्शन किसकी थी. इस पर कोर्ट को स्पष्ट जवाब नहीं दिया जा रहा था. ऐसे आरोप है कि उपराज्यपाल के मौखिक आदेश पर पेड़ काटे गए. उप-राज्यपाल दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष होते हैं.
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