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'रस्सी जल गई, बल नहीं गया...' पीएम मोदी के इस बयान पर भड़क गए खड़गे! - Parliament Session 2024 - PARLIAMENT SESSION 2024

Parliament Session 2024: संसद सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने सदन में जाते हुए मीडिया से बातचीत में 1975 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल का जिक्र किया. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें जवाब दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले के आपातकाल का जिक्र किया, लेकिन पिछले 10 वर्षों के उस ‘अघोषित आपातकाल’ को भूल गए.....'

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By ANI

Published : Jun 24, 2024, 3:28 PM IST

नई दिल्ली: आम चुनाव के बाद आयोजित संसद सत्र के पहले दिन आपातकाल बनाम अघोषित आपातकाल को लेकर चर्चा छिड़ी रही. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि वे लगातार आपातकाल का मुद्दा उठाकर कब तक शासन करना चाहते हैं. खड़गे लोकसभा के 18वें सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीडियाकर्मियों को दी गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे. खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, मोदी ने लोकसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने से पहले नए संसद भवन के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हु नीट परीक्षा में कथित अनियमितताओं, मणिपुर हिंसा, पश्चिम बंगाल ट्रेन हादसा जैसे मुद्दों पर कुछ नहीं कहा.

बता दें कि, पीएम मोदी ने सदन में जाते हुए मीडिया से बातचीत में 1975 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि 50 साल पहले देश के लोकतंत्र पर कलंक लगा था, जिसे हमें मिटाना है। इसके अलावा संकल्प लेना है कि अब कभी भी देश के साथ वैसी हरकत नहीं हो सकेगी. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी को जवाब दिया है. खड़गे ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले के आपातकाल का जिक्र किया, लेकिन पिछले 10 वर्षों के उस 'अघोषित आपातकाल' को भूल गए जिसका जनता ने इस लोकसभा चुनाव में अंत कर दिया है.'

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि पीएम ने जरूरत से ज्यादा 'प्रथागत शब्दों' ( Customary) का इस्तेमाल किया, जबकि देश प्रासंगिक मुद्दों पर उनके शब्दों की उम्मीद कर रहा था.', खड़गे ने कहा कि हार के बावजूद अहंकार बना हुआ है.'

खड़गे ने अपनी पोस्ट में असम में बाढ़ की स्थिति और लंबे समय से लंबित जनगणना का मुद्दा भी उठाया. खड़गे ने अपनी पोस्ट में मुद्दों को उजागर करते हुए कहा, 'असम और पूर्वोत्तर में बाढ़ है, कमरतोड़ महंगाई है, रुपया गिर रहा है, एग्जिट पोल-शेयर बाजार में घोटाला है, मोदी सरकार ने अगली जनगणना को लंबे समय से लंबित रखा है, जाति जनगणना पर भी मोदी पूरी तरह चुप रहे.' खड़गे ने आगे पीएम पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वे विपक्ष को सलाह तो दे रहे हैं, लेकिन 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं.

खड़गे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, मोदी विपक्ष को सलाह दे रहे हैं और हमें 50 साल पुराने आपातकाल की याद दिला रहे हैं, लेकिन पिछले 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं, जिसे लोगों ने खत्म किया है.' लोगों ने मोदी के खिलाफ अपना जनादेश दिया है. इसके बावजूद अगर मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तो उन्हें काम करना चाहिए. खड़गे ने आगे कहा, 'लोगों को नारे नहीं, बल्कि तथ्य चाहिए'

पीएम मोदी ने नए संसद भवन के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पार्टी पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया. 25 जून 1975 को देश में लागू किए गए आपातकाल की 21 महीने की अवधि को याद करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत की नई पीढ़ी उस समय को कभी नहीं भूलेगी जब देश को जेल में बदल दिया गया था, उन्होंने कहा कि वे एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे ताकि कोई भी भारत में फिर से ऐसा करने की हिम्मत न कर सके.

ये भी पढ़ें: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र: नवनिर्वाचित सदस्य ले रहे शपथ, नीट के विरोध में लगे नारे

नई दिल्ली: आम चुनाव के बाद आयोजित संसद सत्र के पहले दिन आपातकाल बनाम अघोषित आपातकाल को लेकर चर्चा छिड़ी रही. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए सवाल किया कि वे लगातार आपातकाल का मुद्दा उठाकर कब तक शासन करना चाहते हैं. खड़गे लोकसभा के 18वें सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीडियाकर्मियों को दी गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे. खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, मोदी ने लोकसभा सांसद के तौर पर शपथ लेने से पहले नए संसद भवन के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हु नीट परीक्षा में कथित अनियमितताओं, मणिपुर हिंसा, पश्चिम बंगाल ट्रेन हादसा जैसे मुद्दों पर कुछ नहीं कहा.

बता दें कि, पीएम मोदी ने सदन में जाते हुए मीडिया से बातचीत में 1975 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की ओर से लगाए गए आपातकाल का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि 50 साल पहले देश के लोकतंत्र पर कलंक लगा था, जिसे हमें मिटाना है। इसके अलावा संकल्प लेना है कि अब कभी भी देश के साथ वैसी हरकत नहीं हो सकेगी. इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी को जवाब दिया है. खड़गे ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने 50 साल पहले के आपातकाल का जिक्र किया, लेकिन पिछले 10 वर्षों के उस 'अघोषित आपातकाल' को भूल गए जिसका जनता ने इस लोकसभा चुनाव में अंत कर दिया है.'

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि पीएम ने जरूरत से ज्यादा 'प्रथागत शब्दों' ( Customary) का इस्तेमाल किया, जबकि देश प्रासंगिक मुद्दों पर उनके शब्दों की उम्मीद कर रहा था.', खड़गे ने कहा कि हार के बावजूद अहंकार बना हुआ है.'

खड़गे ने अपनी पोस्ट में असम में बाढ़ की स्थिति और लंबे समय से लंबित जनगणना का मुद्दा भी उठाया. खड़गे ने अपनी पोस्ट में मुद्दों को उजागर करते हुए कहा, 'असम और पूर्वोत्तर में बाढ़ है, कमरतोड़ महंगाई है, रुपया गिर रहा है, एग्जिट पोल-शेयर बाजार में घोटाला है, मोदी सरकार ने अगली जनगणना को लंबे समय से लंबित रखा है, जाति जनगणना पर भी मोदी पूरी तरह चुप रहे.' खड़गे ने आगे पीएम पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वे विपक्ष को सलाह तो दे रहे हैं, लेकिन 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं.

खड़गे ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, मोदी विपक्ष को सलाह दे रहे हैं और हमें 50 साल पुराने आपातकाल की याद दिला रहे हैं, लेकिन पिछले 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं, जिसे लोगों ने खत्म किया है.' लोगों ने मोदी के खिलाफ अपना जनादेश दिया है. इसके बावजूद अगर मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तो उन्हें काम करना चाहिए. खड़गे ने आगे कहा, 'लोगों को नारे नहीं, बल्कि तथ्य चाहिए'

पीएम मोदी ने नए संसद भवन के बाहर मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए आपातकाल को लेकर कांग्रेस पार्टी पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष किया. 25 जून 1975 को देश में लागू किए गए आपातकाल की 21 महीने की अवधि को याद करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारत की नई पीढ़ी उस समय को कभी नहीं भूलेगी जब देश को जेल में बदल दिया गया था, उन्होंने कहा कि वे एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे ताकि कोई भी भारत में फिर से ऐसा करने की हिम्मत न कर सके.

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