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केंद्र की अवहेलना, केरल ने 'विदेश सचिव' किया नियुक्त, भाजपा-कांग्रेस वाम सरकार पर बरसी - Kerala appoints foreign secretary

क्या कोई राज्य सरकार विदेश सचिव नियुक्त कर सकती है ? इसका जवाब है नहीं. इसके बावजूद केरल की वाम सरकार ने ऐसा किया है. भाजपा और कांग्रेस, दोनों पार्टियों ने केरल के पी. विजयन सरकार की निंदा की है. उनका कहना है कि विजयन केरल को एक देश की तरह ट्रीट कर रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर.

K Vasuki, P vijayan
के. वासुकी (सचिव केरल), पी. विजयन (सीएम, केरल) (Kerala govt site)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 20, 2024, 7:18 PM IST

कोच्ची : केरल सरकार ने अपना विदेश सचिव नियुक्त किया है. यह सुनकर आप चौंक न जाएं. आपके मन में सवाल उठा रहा होगा कि विदेश सचिव तो भारत सरकार के दायरे में आता है, लिहाजा नियुक्ति भी केंद्र सरकार करेगी, फिर किसी राज्य का नाम क्यों लिया जा रहा है. लेकिन यह खबर सही है. केरल ने के. वासुकी नाम की एक आईएएस अधिकारी को विदेश सचिव नियुक्त कर दिया है.

केरल भाजपा यूनिट ने लेफ्ट सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. पार्टी ने इसे न सिर्फ 'अतिक्रमण' बताया है, बल्कि संविधान की संघ सूची का भी उल्लंघन बताया. केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन संघीय सूची का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विजयन सरकार केरल को अलग देश के रूप की तरह व्यवहार कर रही है.

विवाद होने के बाद केरल सरकार ने सफाई दी है. सरकार का कहना है कि हमने के. वासुकी को बाह्य सहयोग से जुड़े मामलों का अतिरिक्त प्रभार दिया है, जबकि उनकी नियुक्ति श्रम एवं कौशल विभाग में सचिव की है.

सरकारी आदेश में बताया गया है, "डॉ. के. वासुकी आईएएस, सचिव, श्रम एवं कौशल विभाग, केरल, बाह्य सहयोग से जुड़े मामलों का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगी." इस आदेश पर ज्वाइंट सेकेट्री मणिकांतन आर का हस्ताक्षर है."

उनके अनुसार के. वासुकी विदेश मंत्रालय, दूतावास और अलग-अगन मिशनों से संपर्क बनाए रखेंगी और जरूरत पड़ने पर विदेश मंत्रालय को सूचना देंगी. नई दिल्ली स्थित केरल हाउस के कमिश्नर के. वासुकी को सहयोग देंगे.

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी केरल सरकार के इस फैसले की निंदा की है. उन्होंने कहा, "राज्य के किसी अधिकारी को इस तरह की विशिष्ट जिम्मेदारी देना काफी असामान्य है. लेकिन यह बहुत स्पष्ट रूप से समझा जाता है कि उनकी अपनी कोई विदेशी संबंध जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह मूल रूप से भारत सरकार के निकायों के माध्यम से होती है."

ये भी पढ़ें : केरल के त्रिशूर में हाथियों के लिए महाभोज का आयोजन, देखने पहुंचे हजारों लोग

कोच्ची : केरल सरकार ने अपना विदेश सचिव नियुक्त किया है. यह सुनकर आप चौंक न जाएं. आपके मन में सवाल उठा रहा होगा कि विदेश सचिव तो भारत सरकार के दायरे में आता है, लिहाजा नियुक्ति भी केंद्र सरकार करेगी, फिर किसी राज्य का नाम क्यों लिया जा रहा है. लेकिन यह खबर सही है. केरल ने के. वासुकी नाम की एक आईएएस अधिकारी को विदेश सचिव नियुक्त कर दिया है.

केरल भाजपा यूनिट ने लेफ्ट सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. पार्टी ने इसे न सिर्फ 'अतिक्रमण' बताया है, बल्कि संविधान की संघ सूची का भी उल्लंघन बताया. केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन संघीय सूची का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विजयन सरकार केरल को अलग देश के रूप की तरह व्यवहार कर रही है.

विवाद होने के बाद केरल सरकार ने सफाई दी है. सरकार का कहना है कि हमने के. वासुकी को बाह्य सहयोग से जुड़े मामलों का अतिरिक्त प्रभार दिया है, जबकि उनकी नियुक्ति श्रम एवं कौशल विभाग में सचिव की है.

सरकारी आदेश में बताया गया है, "डॉ. के. वासुकी आईएएस, सचिव, श्रम एवं कौशल विभाग, केरल, बाह्य सहयोग से जुड़े मामलों का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगी." इस आदेश पर ज्वाइंट सेकेट्री मणिकांतन आर का हस्ताक्षर है."

उनके अनुसार के. वासुकी विदेश मंत्रालय, दूतावास और अलग-अगन मिशनों से संपर्क बनाए रखेंगी और जरूरत पड़ने पर विदेश मंत्रालय को सूचना देंगी. नई दिल्ली स्थित केरल हाउस के कमिश्नर के. वासुकी को सहयोग देंगे.

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी केरल सरकार के इस फैसले की निंदा की है. उन्होंने कहा, "राज्य के किसी अधिकारी को इस तरह की विशिष्ट जिम्मेदारी देना काफी असामान्य है. लेकिन यह बहुत स्पष्ट रूप से समझा जाता है कि उनकी अपनी कोई विदेशी संबंध जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह मूल रूप से भारत सरकार के निकायों के माध्यम से होती है."

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