कोच्ची : केरल सरकार ने अपना विदेश सचिव नियुक्त किया है. यह सुनकर आप चौंक न जाएं. आपके मन में सवाल उठा रहा होगा कि विदेश सचिव तो भारत सरकार के दायरे में आता है, लिहाजा नियुक्ति भी केंद्र सरकार करेगी, फिर किसी राज्य का नाम क्यों लिया जा रहा है. लेकिन यह खबर सही है. केरल ने के. वासुकी नाम की एक आईएएस अधिकारी को विदेश सचिव नियुक्त कर दिया है.
केरल भाजपा यूनिट ने लेफ्ट सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. पार्टी ने इसे न सिर्फ 'अतिक्रमण' बताया है, बल्कि संविधान की संघ सूची का भी उल्लंघन बताया. केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन संघीय सूची का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विजयन सरकार केरल को अलग देश के रूप की तरह व्यवहार कर रही है.
The appointment of an IAS officer as 'Foreign Secretary' in Kerala by CM Pinarayi Vijayan is a blatant overreach and a violation of the Union list of our Constitution. The LDF government has no mandate in foreign affairs. This unconstitutional move sets a dangerous precedent. Is…
— K Surendran (@surendranbjp) July 20, 2024
विवाद होने के बाद केरल सरकार ने सफाई दी है. सरकार का कहना है कि हमने के. वासुकी को बाह्य सहयोग से जुड़े मामलों का अतिरिक्त प्रभार दिया है, जबकि उनकी नियुक्ति श्रम एवं कौशल विभाग में सचिव की है.
सरकारी आदेश में बताया गया है, "डॉ. के. वासुकी आईएएस, सचिव, श्रम एवं कौशल विभाग, केरल, बाह्य सहयोग से जुड़े मामलों का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगी." इस आदेश पर ज्वाइंट सेकेट्री मणिकांतन आर का हस्ताक्षर है."
उनके अनुसार के. वासुकी विदेश मंत्रालय, दूतावास और अलग-अगन मिशनों से संपर्क बनाए रखेंगी और जरूरत पड़ने पर विदेश मंत्रालय को सूचना देंगी. नई दिल्ली स्थित केरल हाउस के कमिश्नर के. वासुकी को सहयोग देंगे.
VIDEO | Here's what Congress MP Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) said on Kerala government appointing IAS officer K Vasuki as 'foreign secretary'.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 20, 2024
" the fact is that foreign relations are controlled by the union government and no state government has any independent foreign… pic.twitter.com/xNaAKHesW6
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी केरल सरकार के इस फैसले की निंदा की है. उन्होंने कहा, "राज्य के किसी अधिकारी को इस तरह की विशिष्ट जिम्मेदारी देना काफी असामान्य है. लेकिन यह बहुत स्पष्ट रूप से समझा जाता है कि उनकी अपनी कोई विदेशी संबंध जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह मूल रूप से भारत सरकार के निकायों के माध्यम से होती है."
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