कोच्चि: केरल पुलिस ने अंग तस्करी के मामले में त्रिशूर के मूल निवासी सबिथ नासर को रविवार को एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अंग व्यापार गिरोह के कामकाज के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की. पुलिस की जानकारी के मुताबिक, वह कुवैत के रास्ते ईरान में डोनर्स को लाता था और वहां एक अस्पताल में अंगों को इकट्ठा करने के लिए उनकी सर्जरी की जाती थी. आरोपी सबित को एक बार एक व्यक्ति को ऑर्गन रैकेट गिरोह को सौंपने पर 10 लाख रुपये दिए गए.
गिरफ्तार आरोपी के फोन से पुलिस को अंग तस्करी से जुड़ी अहम जानकारी मिली है. जांच टीम द्वारा अधिक विवरण जारी नहीं किया गया है, क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है. आरोपी इस काम के लिए सबसे पहले काम वित्तीय कठिनाइयों वाले लोगों से संपर्क करता था. फिर उसका काम उन्हें पैसे की पेशकश करना और उन्हें विदेश भेजने का रहता था. यह गिरोह भारत में अपने एजेंटों के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को अपने अंग बेचने के लिए उपयुक्त पाता है.
सबिथ को विदेश से लौटने के बाद नेदुम्बसेरी हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय ऑर्गन रैकेट से जुड़े आरोपी से विस्तार से पूछताछ की जाए तो अहम जानकारी मिल सकती है. राष्ट्रीय जांच एजेंसियों ने भी मानव तस्करी और अंग बिक्री से जुड़ी इस घटना की जांच शुरू कर दी है.
पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. पुलिस ने एफआईआर में कहा है कि आरोपी अवैध धन कमाने के इरादे और चिंता से अंग व्यापार में लगे हुए थे. सबित ने पीड़ितों को झूठा विश्वास दिलाया कि भुगतान प्राप्त करने के बादअंग दान करना कानूनी है. पीड़ितों को बरगलाया कर विदेश ले जाया गया. पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पीड़ितों की किडनी भुगतान के लिए मरीजों को ट्रांसप्लांट की गई थी. इस तरह आरोपी करीब 20 लोगों को ईरान ले गया. उनमें से 19 अन्य राज्यों से हैं और एक पलक्कड़ का रहने वाला है.
पढ़ें: दो राज्यों का कुख्यात अपराधी केरल पुलिस की गिरफ्त से हुआ फरार, दर्ज हैं कई गंभीर मामले