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केरल हाईकोर्ट ने पेरिन्थालमन्ना विधानसभा चुनाव को रद्द करने की याचिका की खारिज - Kerala high Court Dismissed Plea

Kerala high Court Dismissed Plea: केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को मलप्पुरम के पेरिन्थालमन्ना विधानसभा क्षेत्र से यूडीएफ उम्मीदवार नजीब कांथापुरम के चुनाव को बरकरार रखा. पढ़ें पूरी खबर...

Kerala high Court Dismissed Plea
केरल हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 8, 2024, 4:03 PM IST

एर्नाकुलम : केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को पेरिन्थालमन्ना विधानसभा चुनाव में मुस्लिम लीग के उम्मीदवार नजीब कंथापुरम के खिलाफ याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने पेरिन्थालमन्ना विधानसभा क्षेत्र से यूडीएफ उम्मीदवार नजीब कांथापुरम के निर्वाचन को बरकरार रखा.

वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र उम्मीदवार केपी मोहम्मद मुस्तफा द्वारा दायर याचिका में विधानसभा चुनावों में नजीब कांथापुरम की जीत को चुनौती दी गई थी. गुरुवार को इस याचिका पर जस्टिस सीएस सुधा ने सुनवाई की.

बता दें, नजीब कांथापुरम ने पिछला विधानसभा चुनाव 38 वोटों के बहुमत से जीता था. मत नहीं गिने गए क्योंकि अधिकारी ने मतपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. केपीएम मुस्तफा ने इन वोटों को रद्द करने के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मुस्तफा का तर्क था कि 340 पोस्टल वोटों की गिनती नहीं की गई और उन्हें इनमें से लगभग 300 वोट मिलने चाहिए थे.

उप-कलेक्टर की एक रिपोर्ट से पता चला कि पोस्टल बैलेट काउंटिंग टेबल नंबर 5 पर गिने गए वैध डाक मतों का एक बंडल गायब हो गया था. यह विसंगति तब सामने आई जब अधिकारी उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार मतपेटी लेने के लिए पेरिंथलमन्ना उप-कोषागार पहुंचे. बाद में गायब मतपेटी मलप्पुरम में सहकारी रजिस्ट्रार के कार्यालय में मिली.

मुस्तफा की चुनौती मुख्य रूप से इस दावे पर आधारित थी कि वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और कोविड-19 से प्रभावित लोगों सहित अनुपस्थित मतदाताओं के 348 डाक मतपत्र अनुचित तरीके से खारिज कर दिए गए थे. उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि घोषित किए जाने की भी मांग की. 2021 के विधानसभा चुनाव में कांथापुरम ने 38 वोटों से चुनाव जीता था.

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एर्नाकुलम : केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को पेरिन्थालमन्ना विधानसभा चुनाव में मुस्लिम लीग के उम्मीदवार नजीब कंथापुरम के खिलाफ याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने पेरिन्थालमन्ना विधानसभा क्षेत्र से यूडीएफ उम्मीदवार नजीब कांथापुरम के निर्वाचन को बरकरार रखा.

वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र उम्मीदवार केपी मोहम्मद मुस्तफा द्वारा दायर याचिका में विधानसभा चुनावों में नजीब कांथापुरम की जीत को चुनौती दी गई थी. गुरुवार को इस याचिका पर जस्टिस सीएस सुधा ने सुनवाई की.

बता दें, नजीब कांथापुरम ने पिछला विधानसभा चुनाव 38 वोटों के बहुमत से जीता था. मत नहीं गिने गए क्योंकि अधिकारी ने मतपत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. केपीएम मुस्तफा ने इन वोटों को रद्द करने के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मुस्तफा का तर्क था कि 340 पोस्टल वोटों की गिनती नहीं की गई और उन्हें इनमें से लगभग 300 वोट मिलने चाहिए थे.

उप-कलेक्टर की एक रिपोर्ट से पता चला कि पोस्टल बैलेट काउंटिंग टेबल नंबर 5 पर गिने गए वैध डाक मतों का एक बंडल गायब हो गया था. यह विसंगति तब सामने आई जब अधिकारी उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार मतपेटी लेने के लिए पेरिंथलमन्ना उप-कोषागार पहुंचे. बाद में गायब मतपेटी मलप्पुरम में सहकारी रजिस्ट्रार के कार्यालय में मिली.

मुस्तफा की चुनौती मुख्य रूप से इस दावे पर आधारित थी कि वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों और कोविड-19 से प्रभावित लोगों सहित अनुपस्थित मतदाताओं के 348 डाक मतपत्र अनुचित तरीके से खारिज कर दिए गए थे. उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि घोषित किए जाने की भी मांग की. 2021 के विधानसभा चुनाव में कांथापुरम ने 38 वोटों से चुनाव जीता था.

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