तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) अजित कुमार की आरएसएस के प्रमुख नेताओं से मुलाकात की घटना की जांच शुरू कर दी है. सरकार ने डीजीपी शेख दरवेश साहब को जांच का नेतृत्व करने का निर्देश दिया है.
जांच एडीजीपी अजित कुमार की आरएसएस नेताओं दत्तात्रेय होसबोले और राम माधव के साथ हुई बैठकों पर केंद्रित है. बैठकें कथित तौर पर त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में हुई थी. जांच दल बैठकों के दौरान मौजूद लोगों के बयान दर्ज करेगा. इसमें एडीजीपी कुमार के मित्र, आरएसएस के राष्ट्रीय नेता जयकुमार भी शामिल हैं. उन्हें बयान के लिए पहले ही नोटिस दिया जा चुका है.
विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने सबसे पहले 22 मई, 2023 को एडीजीपी की आरएसएस नेता होसबोले से मुलाकात पर चिंता जताई थी. इसके ठीक 10 दिन बाद, कथित तौर पर अजित कुमार ने तिरुवनंतपुरम के कोवलम में एक कार्यक्रम में राम माधव से मुलाकात की. बाद में एक पुलिस रिपोर्ट ने पुष्टि की कि अजित कुमार ने दो व्यापारियों के साथ राम माधव से मुलाकात की.
राजनीतिक सहयोगियों सहित विभिन्न हलकों से शुरुआती आलोचना के बावजूद, किसी जांच की घोषणा नहीं की गई. हालांकि, डीजीपी शेख दरवेश साहब द्वारा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को त्रिशूर पूरम कार्यक्रम को संभालने में एडीजीपी की विफलता के बारे में सूचित करने के बाद, सरकार ने जांच शुरू करने का फैसला किया.
इससे पहले एलडीएफ (LDF) की सहयोगी सीपीआई ने अपने मुखपत्र जनयुगम में पूरम उपद्रव पर पुलिस रिपोर्ट के खिलाफ संपादकीय लिखकर केरल सरकार और पुलिस की आलोचना की थी. संपादकीय में इस बात पर जोर दिया गया था कि कानून और व्यवस्था में एडीजीपी की विशेषज्ञता का उपयोग नहीं किया गया और एक जूनियर अधिकारी को पूरम की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई.