तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से नीट परीक्षा में अनियमितताओं की स्वतंत्र एजेंसी से व्यापक जांच कराने का मांग की है. सीपीआईएम विधायक एम विजिन ने बुधवार को नियम 130 के तहत विधानसभा में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया. सत्तारूढ़ एलडीएफ के इस प्रस्ताव का विपक्षी यूडीएफ सदस्यों ने भी समर्थन किया. प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्ताधारी और विपक्षी दोनों विधायकों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में अनियमितताओं में केंद्र सरकार की भूमिका की आलोचना की.
प्रस्ताव पेश करते हुए विजिन ने कहा कि नीट परीक्षा में धोखाधड़ी सरकार में बैठे लोगों और बड़े कोचिंग संस्थानों के लोगों की मिलीभगत से किया गया घोटाला है. इस माफिया समूह ने लाखों रुपये खर्च करने को तैयार अभिभावकों और छात्रों को परीक्षा से पहले से ही पेपर थमा दिया. विजिन ने आरोप लगाया कि धोखाधड़ी से ध्यान हटाने के लिए नीट परीक्षा के रिजल्ट लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन ही जारी कर दिए गए.
विपक्षी यूडीएफ खेमे के विधायक डॉ. एमके मुनीर ने मांग की कि पेपर लीक और अनियमितताओं के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को जिम्मेदार ठहराया जाए. उन्होंने कहा कि विपक्ष को शिक्षा मंत्री के इस्तीफे तक इस मुद्दे को संसद में लगातार उठाना चाहिए. वहीं, केरल की उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. आर. बिंदु ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षाओं के लिए केंद्र सरकार द्वारा गठित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित दो राष्ट्रीय परीक्षाओं में व्यापक अनियमितताएं चौंकाने वाली हैं.
सदन में दो घंटे तक चली चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित किया गया. चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक पीसी विष्णुनाथ ने मांग की कि केरल सरकार को भी केंद्र से मेडिकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का अधिकार राज्यों को सौंपने के लिए कहना चाहिए. विष्णुनाथ ने बताया कि तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने पहले ही यह मांग उठाई है. लेकिन संसदीय मंत्री एमबी राजेश ने अनुरोध को अस्वीकार कर दिया और बाद में सदन ने प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया.
यह भी पढ़ें- 'NEET करें खत्म, मेडिकल प्रवेश परीक्षा राज्यों को सौंपें', ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र