देहरादून: केदारनाथ उपुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. जिसे देखते हुये पॉलिटिकल पार्टीज ने कमर कस ली है. आज का दिन केदारनाथ उपचुनाव के लिहाज से खास रहा. आज बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने केदारनाथ उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने सबसे पहले केदारनाथ उपचुनाव के लिए कैंडिडेट घोषित किया. कांग्रेस ने मनोज रावत को प्रत्याशी घोषित किया. वहीं, बीजेपी ने भी आशा नौटियाल पर भरोसा जताया है.
केदारनाथ उपचुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस संगठन सोच समझ कर कदम बढ़ा रहा है. कैंडिडेट सिलेक्शन से लेकर माहौल बनाने, हर चीज में उपचुनाव को ध्यान में रखा जा रहा है. कांग्रेस ने मनोज राव की स्थानीय लोकप्रियता को ध्यान में रखकर उन पर भरोसा जताया है. बीजेपी ने आशा नौटियाल के अनुभव पर दांव खेला है.
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लंबा है आशा नौटियाल का राजनैतिक सफर:आशा नौटियाल बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं. आशा नौटियाल केदारनाथ से बीजेपी की पूर्व विधायक भी रह चुकी हैं. आशा राज्य गठन के बाद 2002 से लेकर 2012 तक केदारनाथ विधानसभा से विधायक रही हैं.
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने आगामी उत्तराखंड विधानसभा उप-चुनाव 2024 हेतु एक नाम पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है। pic.twitter.com/7fH2rC8RXs
— BJP (@BJP4India) October 27, 2024
मनोज रावत भी किसी ने नहीं कम: मनोज रावत 2017 से 2022 तक केदारनाथ से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. मनोज रावत कांग्रेस के ऐसे नेता हैं जिन्होंने मोदी लहर में भी जीत हासिल की थी. 2017 विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश में कांग्रेस बुरी तरह हारी थी. इस दौर में केदारनाथ विधानसभा सीट से मनोज रावत ने बंपर जीत दर्ज की थी. मनोज रावत समसामयिक मुद्दों पर गहरी पकड़ रखते हैं. वे हर मुद्दे पर मुखरता से बोलते हैं.
श्री #मनोज रावत जी #केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में #कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने पर हार्दिक बधाई। pic.twitter.com/97n75pQ7l1
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) October 27, 2024
रोचक होगी केदारनाथ उपचुनाव की जंग: इस बार केदारनाथ उपचुनाव की जंग रोचक होने वाली है. एक बार फिर से आशा नौटियाल और मनोज रावत चुनाव में एक दूसरे के आमने सामने होंगे. इससे पहले ये दोनों साल 1017 में एक साथ चुनाव लड़े थे. तब मनोज रावत कांग्रेस के सिंबल पर चुनावी मैदान में थे. आशा नौटियाल 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ी थी. तब बीजेपी ने शैलारानी रावत के कारण उनका टिकट काट दिया था.
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ये है केदारनाथ का गणित:केदारनाथ विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को मतदान होना है. 23 नवंबर को मतगणना होगी. केदारनाथ विधानसभा सीट पर कुल 90,540 मतदाता हैं. जिसमें 44,765 पुरुष मतदाता और 45,775 महिला मतदाता शामिल हैं. इसके साथ ही इस विधानसभा सीट पर कुल 2,949 सर्विस वोटर हैं. जिनमें 2,921 पुरुष मतदाता और 28 महिला मतदाता शामिल हैं.
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कुल सामान्य मतदाताओं में से 1,092 दिव्यांग मतदाता हैं. 85 साल से अधिक उम्र के 641 मतदाता हैं. इसके साथ ही 18 से 19 उम्र के कुल 2,441 मतदाता है. उपचुनाव के मद्देनजर केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में दो जोनल मजिस्ट्रेट और 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट क्षेत्र में बांटा गया है. जहां अधिकारियों की तैनाती की जाएगी.
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