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कर्नाटक: पुलिस सब-इंस्पेक्टर मौत मामले में कांग्रेस विधायक और बेटे पर केस दर्ज - Karnataka PSI Death Case

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 3, 2024, 11:09 PM IST

Karnataka PSI Death Case: कर्नाटक के यादगिरी जिले में पीएसआई परशुराम की मौत मामले में स्थानीय कांग्रेस विधायक चेन्नारेड्डी पाटिल और उनके बेटे पर मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले पीएसआई की पत्नी श्वेता ने अपनी शिकायत में विधायक और उनके बेटे को परशुराम की मौत के लिए जिम्मेदार बताया था.

Karnataka PSI Death Case
मृतक पीएसआई परशुराम (ETV Bharat)

यादगिरी/बेंगलुरु: कर्नाटक के यादगिरी सिटी थाने के पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) परशुराम की शुक्रवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. मृतक परशुराम की पत्नी श्वेता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था कि यादगिरी के कांग्रेस विधायक चेन्नारेड्डी पाटिल और उनके बेटे सनीरेड्डी पाटिल पीएसआई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. शिकायत 17 घंटे बाद यादगिरी सिटी पुलिस थाने में विधायक चेन्नारेड्डी पाटिल और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

मृतक पीएसआई की पत्नी श्वेता ने शिकायत में आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक और उनके बेटे के लगातार दबाव के कारण उनके पति मानसिक रूप से परेशान थे. साथ ही अवैध तरीके से उनका तबादला कर दिया गया था. विधायक और उनके बेटे ने 30 लाख रुपये की मांग की थी. मेरे पति ने मुझे बताया कि विधायक ने उनका तबादला करवा दिया है, क्योंकि उन्होंने पैसे नहीं दिए थे. पीएसआई की पत्नी ने शिकायत में कहा है कि उनके पति की मौत के लिए विधायक और उनके बेटे सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं.

पीएसआई परशुराम की मौत शनिवार को बेंगलुरु में मीडिया से बातचीत में राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि यादगिरी पीएसआई परशुराम की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच के निर्देश दिए गए हैं. पीएसआई परशुराम की पत्नी श्वेता के आरोप को जांच में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि परशुराम की पत्नी ने तबादले के मुद्दे पर एक स्थानीय विधायक पर आरोप लगाया है. यह सिर्फ आरोप है. इसकी जांच होनी चाहिए. जैसे ही कोई आरोप लगाया जाता है, यह नहीं कहा जा सकता कि यह सच है या झूठ. इसकी जांच होनी चाहिए.

परमेश्वर ने कहा कि परशुराम की मौत स्वाभाविक है. आत्महत्या नहीं. उनकी मौत से पहले लिखे गए कोई पत्र नहीं मिले हैं. परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि तबादले के बाद तनाव के कारण उनकी मौत हुई है. हम इससे इनकार नहीं करते. मैंने जांच का सुझाव दिया है.

परमेश्वर ने कहा कि प्राथमिक साक्ष्य और जानकारी एकत्र करने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी. इसलिए यह सही नहीं है कि मामला देरी से दर्ज किया जा रहा है. हम मामले में सिर्फ कानून का पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि हम अधिकारी के समुदाय या जाति पर विचार नहीं करते. मैं भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर टिप्पणी नहीं करूंगा. भले ही विधायक मामले में शामिल हों, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद भी जांच जारी रहेगी.

यह भी पढ़ें- MUDA घोटाला: बीजेपी और जेडीएस की 'मैसूर चलो' पदयात्रा

यादगिरी/बेंगलुरु: कर्नाटक के यादगिरी सिटी थाने के पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) परशुराम की शुक्रवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. मृतक परशुराम की पत्नी श्वेता की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था कि यादगिरी के कांग्रेस विधायक चेन्नारेड्डी पाटिल और उनके बेटे सनीरेड्डी पाटिल पीएसआई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं. शिकायत 17 घंटे बाद यादगिरी सिटी पुलिस थाने में विधायक चेन्नारेड्डी पाटिल और उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.

मृतक पीएसआई की पत्नी श्वेता ने शिकायत में आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक और उनके बेटे के लगातार दबाव के कारण उनके पति मानसिक रूप से परेशान थे. साथ ही अवैध तरीके से उनका तबादला कर दिया गया था. विधायक और उनके बेटे ने 30 लाख रुपये की मांग की थी. मेरे पति ने मुझे बताया कि विधायक ने उनका तबादला करवा दिया है, क्योंकि उन्होंने पैसे नहीं दिए थे. पीएसआई की पत्नी ने शिकायत में कहा है कि उनके पति की मौत के लिए विधायक और उनके बेटे सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं.

पीएसआई परशुराम की मौत शनिवार को बेंगलुरु में मीडिया से बातचीत में राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि यादगिरी पीएसआई परशुराम की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच के निर्देश दिए गए हैं. पीएसआई परशुराम की पत्नी श्वेता के आरोप को जांच में शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि परशुराम की पत्नी ने तबादले के मुद्दे पर एक स्थानीय विधायक पर आरोप लगाया है. यह सिर्फ आरोप है. इसकी जांच होनी चाहिए. जैसे ही कोई आरोप लगाया जाता है, यह नहीं कहा जा सकता कि यह सच है या झूठ. इसकी जांच होनी चाहिए.

परमेश्वर ने कहा कि परशुराम की मौत स्वाभाविक है. आत्महत्या नहीं. उनकी मौत से पहले लिखे गए कोई पत्र नहीं मिले हैं. परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि तबादले के बाद तनाव के कारण उनकी मौत हुई है. हम इससे इनकार नहीं करते. मैंने जांच का सुझाव दिया है.

परमेश्वर ने कहा कि प्राथमिक साक्ष्य और जानकारी एकत्र करने के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी. इसलिए यह सही नहीं है कि मामला देरी से दर्ज किया जा रहा है. हम मामले में सिर्फ कानून का पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि हम अधिकारी के समुदाय या जाति पर विचार नहीं करते. मैं भाजपा नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर टिप्पणी नहीं करूंगा. भले ही विधायक मामले में शामिल हों, लेकिन एफआईआर दर्ज होने के बाद भी जांच जारी रहेगी.

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