बेंगलुरु : नोएडा स्थित राइटर और यूट्यूबर अजीत भारती को कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करने के आरोप में नोटिस थमा दिया गया. कथित तौर पर एक विवादित वीडियो शेयर करने के आरोप में पूछताछ के लिए बेंगलुरु शहर के हाईग्राउंड्स पुलिस स्टेशन ने नोटिस जारी किया है. नोटिस में इसे प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर सुबह 11 बजे जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर की प्रतिक्रिया:
कर्नाटक पुलिस मुफ़्ती (सादी वर्दी में) नोएडा में अजीत भारती को नोटिस देने गई थी. वहां की स्थानीय पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. नोएडा पुलिस ने हमारी पुलिस से कहा कि बिना वारंट के गिरफ़्तारी न करें. अगर यूट्यूबर नोटिस देने के बाद नहीं आता है, तो वे उसे गिरफ़्तार कर लेंगे.
मामले की पृष्ठभूमि : 6 जून को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के लीगल सेल ने अजीत भारती के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया था. केपीसीसी के कानूनी सचिव और वकील बीके बोपन्ना ने हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन में अजीत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
क्या हैं कांग्रेस के आरोप -
अजीत भारती ने वीडियो में कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी राम मंदिर के बजाय बाबरी मस्जिद को वापस लाने का इरादा रखते हैं. लेकिन राहुल गांधी ने अपने किसी भी भाषण में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. अजीत भारती ने दो समुदायों के बीच कलह और नफरत भड़काने के इरादे से झूठी जानकारी साझा की है. यह सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने और भड़काने के स्पष्ट इरादे से है.
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने अजीत भारती के खिलाफ धारा 153 ए (धर्म, जाति के आधार पर समुदायों के बीच दुश्मनी भड़काना) और 505 (2) (जाति, धर्म, नस्ल के आधार पर समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से फर्जी खबर फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया है. फिलहाल अजीत को सुनवाई में शामिल होने का निर्देश देते हुए नोटिस जारी किया गया है. पुलिस गुरुवार को नोएडा स्थिति उनके आवास पर पहुंची थी. पुलिस के पहुंचने के बाद अजीत भारती ने स्थानीय पुलिस से संपर्क स्थापित किया और उसके बाद बेंगलुरु पुलिस ने उन्हें नोटिस सर्व किया. अजीत भारती के अनुसार अगर लोकल पुलिस को सूचना नहीं दी जाती, तो बेंगलुरु पुलिस उनकी गिरफ्तारी भी कर सकती थी.