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कर्नाटक में बच्चे की तस्करी के मामले का भंडाफोड़, 5 आरोपी गिरफ्तार - Child Selling Racket

Child Selling Racket : कर्नाटक पुलिस ने बच्चों को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक फर्जी डॉक्टर समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. जिला बाल संरक्षण विभाग और पुलिस के अधिकारियों ने संयुक्त अभियान चलाकर इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पढ़ें पूरी खबर...

Child Selling Racket
बच्चे की तस्करी के मामले का भंडाफोड़ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jun 10, 2024, 6:19 PM IST

बेलगाम: कर्नाटक के बेलगाम शहर की पुलिस ने रविवार को दो महिलाओं समेत पांच आरोपियों को हिरासत में लेकर एक महीने के बच्चे की तस्करी के मामले का भंडाफोड़ किया है. जिला बाल संरक्षण विभाग और पुलिस के अधिकारियों ने संयुक्त अभियान चलाकर गिरोह का भंडाफोड़ किया. संयुक्त टीम ने फर्जी डॉक्टर समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.

बता दें, मुख्य आरोपी बैलहोंगल के नेगिनाहाल गांव की महादेवी बाहुबली जैन है. उस पर जरूरतमंद परिवारों से बच्चों को खरीदकर उन्हें अमीर परिवारों को बेचने का आरोप है. महादेवी ने 30 दिन की बच्ची को सावदत्ती तालुका के हंचिनाल के अब्दुलगफर हुसैनसाब लद्दाखन से 60,000 रुपये में खरीदा था, जो वर्तमान में कित्तूर शहर में रहता है.

मामले में सरगना डॉ. अब्दुल गफ्फार लाडखान निवासी कित्तूर, महादेवी जैन निवासी नेगिनाहाला, चंदना सुबेदार, पवित्रा और प्रवीण को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि यह गिरोह बच्चों को बेचने में पूरी तरह सक्रिय था.

आरोपियों के निशाने पर वे लोग थे जो शादी से पहले गर्भवती होना और गर्भपात करवाना चाहते थे. वे 7-8 महीने की गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन करके उन्हें यह विश्वास दिलाते थे कि वे इस बच्चे को पालेंगे. फर्जी डॉक्टर अब्दुल गफ्फार लद्दाखन दो से तीन महीने तक बच्चों की देखभाल करता था. चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इस तरह से देखभाल किए गए बच्चों को अवैध रूप से निःसंतान लोगों को 60 हजार से डेढ़ लाख रुपये में बेचा जा रहा था.

ऐसे हुई आरोपी की गिरफ्तारी
बाल संरक्षण विभाग को जब इस बात की जानकारी मिली तो अधिकारियों ने बच्चा बेचने वाले नेटवर्क की आरोपी महादेवी जैन से संपर्क किया. आरोपी ने इस पर विश्वास कर लिया और बच्चा बेचने के लिए 1 लाख 40 हजार रुपए मांगे. इस पर सहमति जताते हुए बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने बच्चे को बेलगावी के रामतीर्थ नगर में लाने को कहा. बाद में बच्चे के साथ आई महादेवी जाल में फंस गई. महादेवी उर्फ ​​प्रियंका जैन ने सरगना डॉक्टर अब्दुल गफ्फार खान से 60 हजार रुपए में बच्चा खरीदा था. बाद में उसने बच्चे को 1 लाख 40 हजार रुपए में बेचने की कोशिश की.

अन्य दो आरोपी पवित्रा और प्रवीण एक दूसरे से प्यार करते थे. हालांकि, शादी से पहले शारीरिक संपर्क के कारण पवित्रा 7 महीने की गर्भवती थी. दंपति कित्तूर में डॉक्टर अब्दुल गफ्फार लद्दाखन के पास गए. पता चला है कि डॉक्टर ने 20,000 रुपये का भुगतान किया और बच्चे के लिए ऑपरेशन किया. पुलिस ने कहा कि पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है. इस संबंध में मालमारुति थाने में मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस कमिश्नर का जवाब
'ईटीवी भारत' ने जब बेलगावी सिटी पुलिस कमिश्नर यदा मार्टिन मारबानयांग से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि बच्चों को बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है. पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की गई है. आरोपियों ने अब तक कितने बच्चों को बेचा है? हम उन मामलों के बारे में और जांच कर रहे हैं जिनमें वे शामिल हैं.'

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बेलगाम: कर्नाटक के बेलगाम शहर की पुलिस ने रविवार को दो महिलाओं समेत पांच आरोपियों को हिरासत में लेकर एक महीने के बच्चे की तस्करी के मामले का भंडाफोड़ किया है. जिला बाल संरक्षण विभाग और पुलिस के अधिकारियों ने संयुक्त अभियान चलाकर गिरोह का भंडाफोड़ किया. संयुक्त टीम ने फर्जी डॉक्टर समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है.

बता दें, मुख्य आरोपी बैलहोंगल के नेगिनाहाल गांव की महादेवी बाहुबली जैन है. उस पर जरूरतमंद परिवारों से बच्चों को खरीदकर उन्हें अमीर परिवारों को बेचने का आरोप है. महादेवी ने 30 दिन की बच्ची को सावदत्ती तालुका के हंचिनाल के अब्दुलगफर हुसैनसाब लद्दाखन से 60,000 रुपये में खरीदा था, जो वर्तमान में कित्तूर शहर में रहता है.

मामले में सरगना डॉ. अब्दुल गफ्फार लाडखान निवासी कित्तूर, महादेवी जैन निवासी नेगिनाहाला, चंदना सुबेदार, पवित्रा और प्रवीण को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि यह गिरोह बच्चों को बेचने में पूरी तरह सक्रिय था.

आरोपियों के निशाने पर वे लोग थे जो शादी से पहले गर्भवती होना और गर्भपात करवाना चाहते थे. वे 7-8 महीने की गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन करके उन्हें यह विश्वास दिलाते थे कि वे इस बच्चे को पालेंगे. फर्जी डॉक्टर अब्दुल गफ्फार लद्दाखन दो से तीन महीने तक बच्चों की देखभाल करता था. चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इस तरह से देखभाल किए गए बच्चों को अवैध रूप से निःसंतान लोगों को 60 हजार से डेढ़ लाख रुपये में बेचा जा रहा था.

ऐसे हुई आरोपी की गिरफ्तारी
बाल संरक्षण विभाग को जब इस बात की जानकारी मिली तो अधिकारियों ने बच्चा बेचने वाले नेटवर्क की आरोपी महादेवी जैन से संपर्क किया. आरोपी ने इस पर विश्वास कर लिया और बच्चा बेचने के लिए 1 लाख 40 हजार रुपए मांगे. इस पर सहमति जताते हुए बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने बच्चे को बेलगावी के रामतीर्थ नगर में लाने को कहा. बाद में बच्चे के साथ आई महादेवी जाल में फंस गई. महादेवी उर्फ ​​प्रियंका जैन ने सरगना डॉक्टर अब्दुल गफ्फार खान से 60 हजार रुपए में बच्चा खरीदा था. बाद में उसने बच्चे को 1 लाख 40 हजार रुपए में बेचने की कोशिश की.

अन्य दो आरोपी पवित्रा और प्रवीण एक दूसरे से प्यार करते थे. हालांकि, शादी से पहले शारीरिक संपर्क के कारण पवित्रा 7 महीने की गर्भवती थी. दंपति कित्तूर में डॉक्टर अब्दुल गफ्फार लद्दाखन के पास गए. पता चला है कि डॉक्टर ने 20,000 रुपये का भुगतान किया और बच्चे के लिए ऑपरेशन किया. पुलिस ने कहा कि पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है. इस संबंध में मालमारुति थाने में मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस कमिश्नर का जवाब
'ईटीवी भारत' ने जब बेलगावी सिटी पुलिस कमिश्नर यदा मार्टिन मारबानयांग से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि बच्चों को बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है. पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की गई है. आरोपियों ने अब तक कितने बच्चों को बेचा है? हम उन मामलों के बारे में और जांच कर रहे हैं जिनमें वे शामिल हैं.'

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