बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार आईटी कंपनियों के अनुरोध पर कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. सोमवार को कर्नाटक विधानसभा में बोलते हुए श्रम मंत्री संतोष लाड ने कहा कि आईटी क्षेत्र की ओर से काम के घंटे बढ़ाने की मांग की गई है. हम आईटी कर्मचारियों की राय लेंगे. कुछ लोग प्रस्ताव के पक्ष में हैं, तो कुछ इसके खिलाफ हैं. आखिरकार, सरकार को फैसला करना है.
दरअसल, कर्नाटक में आईटी कंपनियों ने काम के घंटे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव सौंपा है. इसके आधार पर राज्य सरकार ने कर्नाटक दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव पेश किया है. जिससे आईटी क्षेत्र के कर्मचारियों का ड्यूटी टाइम प्रतिदिन 12 घंटे से अधिक हो जाएगा.
प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, आईटी/आईटीईएस/बीपीओ क्षेत्र में कार्यरत किसी कर्मचारी को प्रतिदिन 12 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. जबकि मौजूदा अधिनियम में ओवरटाइम (ओटी) ड्यूटी सहित प्रतिदिन अधिकतम 10 घंटे काम करने की अनुमति है. आईटी कंपनियों ने 10 घंटे प्रतिदिन की कार्य अवधि को बढ़ाकर 12 घंटे प्रतिदिन करने तथा 2 घंटे ओवरटाइम के साथ कुल 14 घंटे प्रतिदिन करने का अनुरोध किया है. कंपनियों ने मौजूदा अधिनियम में संशोधन की मांग की है. सरकार इस संबंध में संशोधन लाने पर विचार कर रही है.
श्रम मंत्री संतोष लाड ने पिछले शुक्रवार को इस मुद्दे पर एक बैठक की थी. बैठक में श्रम विभाग के प्रधान सचिव मोहम्मद मोहसिन, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव एकरूप कौर तथा श्रम विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया था. बाद में श्रम विभाग के प्रधान सचिव मोहम्मद मोहसिन और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव एकरूप कौर ने बैठक कर कार्य अवधि न बढ़ाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि यदि कार्य अवधि बढ़ाई गई तो मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होने की संभावना है.
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