बेंगलुरु: कर्नाटक में पीपीई किट की खरीद में भ्रष्टाचार पर न्यायाधीश माइकल डी'कुन्हा (John Michael D'Cunha) आयोग की रिपोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और पूर्व मंत्री श्रीरामुलु के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने शनिवार को यह जानकारी दी.
बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने पीपीई किट खरीद में गड़बड़ी के मुद्दे पर कहा, "हमने हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माइकल डी'कुन्हा की अध्यक्षता में एक आयोग बनाया था. उन्होंने एक हजार पन्नों की रिपोर्ट दी है. आयोग ने येदियुरप्पा और श्रीरामुलु के खिलाफ मुकदमा चलाने की सिफारिश की है. हमारी कैबिनेट उप-समिति जांच कर रही है."
उन्होंने आगे कहा, "यह व्यक्तिगत जांच नहीं है. जब हम विपक्ष में थे, तो हमने जांच की थी और सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी. उन्होंने उस दिन नियमों की अनदेखी करके फैसला ले लिया था. सत्ता में आने के बाद, हमने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले आयोग को जांच सौंपी थी. अब पहली रिपोर्ट दी गई है. वे अंतिम रिपोर्ट भी देंगे."
'कंपनी को 14 करोड़ रुपये अधिक दिए गए'
कांग्रेस नेता गुंडूराव ने आरोप लगाया, "पीपीई किट की खरीद में गड़बड़ी के संबंध में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा जाना चाहिए. चूंकि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है, इसलिए हमें सावधानी से कदम उठाने की जरूरत है. हमें नियमों के अनुसार चलना चाहिए. यह बहुत स्पष्ट है कि उन्होंने लूट की है. यह भी स्पष्ट है कि तत्कालीन सीएम और मंत्री शामिल हैं. उन्होंने पीपीई किट की खरीद में अवैध काम किए हैं. देश में पीपीई किट खरीदने का अवसर था. लेकिन वे इसे हांगकांग से लाए. उन्होंने कंपनी को 14 करोड़ अधिक पैसे दिए."
धन वसूली की सिफारिश...
गुंडूराव ने कहा, "हमने इस संबंध में पहली कैबिनेट उप-समिति की बैठक की थी. उपचुनाव के कारण दूसरी बैठक नहीं हो पाई. हमने इसमें राजनीति नहीं की. पूरी रिपोर्ट आने के बाद हम कार्रवाई करेंगे. समिति ने धन वसूली की सिफारिश की है. कुछ स्थानों से घटिया गुणवत्ता की सामग्री खरीदी गई थी. आयोग की रिपोर्ट में यह स्पष्ट है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तत्कालीन सीएम येदियुरप्पा के चलते संभव हुआ."
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक बार खरीदने के बाद भी दोबारा उसकी कंपनी से पीपीई किट खरीदी गई. जबकि यह देश में कम कीमत पर उपलब्ध थी. हालांकि उन्होंने विदेश से खरीदा. क्या एसआईटी को इसकी जांच करनी चाहिए? या पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए? हम इस पर कैबिनेट उप-समिति की बैठक में चर्चा करेंगे.
मुकदमा चलाने की सिफारिश के पीछे राजनीति: येदियुरप्पा
वहीं, भाजपा नेता और पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि कोविड घोटाला मामले में मुकदमा चलाने की सरकार की सिफारिश के पीछे राजनीतिक दुर्भावना है. बल्लारी में पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने कहा, "हमने कोई घोटाला नहीं किया है. हमने सब कुछ कानून के दायरे में किया है. यह बहुत पुराना मामला है, वे राजनीतिक दुर्भावना के कारण इसे फिर से मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इससे उन्हें फायदा होगा. उन्हें इससे कोई फायदा नहीं होगा."
येदियुरप्पा ने कहा, मेरे कार्यकाल में कोई घोटाला नहीं हुआ है. अभियोजन पक्ष को जो दिया गया है, उसके बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. मामला दर्ज किया गया है और जांच की अनुमति दुर्भावनापूर्ण इरादे से दी गई है. श्रीरामुलु ने कोविड में कोई घोटाला नहीं किया है. सिद्धारमैया को उपचुनाव हारने का डर सताने लगा है. उनके पास कोई मुद्दा नहीं थी, इसलिए उन्होंने कोविड घोटाले को सामने लाया है. उस समय न तो मैंने, न पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु ने और न ही किसी ने कुछ गलत किया था. उपचुनाव में तीन विधानसभा सीटों पर हमें लोगों का उम्मीद से बढ़कर समर्थन मिल रहा है. पीएम मोदी का प्रभाव काम करेगा. मुझे पूरा भरोसा है कि भाजपा के उम्मीदवार तीनों सीटों पर जीत हासिल करेंगे."
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