नई दिल्ली: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं. सिब्बल ने गुरुवार को आयोग से सवाल पूछा कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के वोटिंग प्रतिशत डेटा को ग्यारह दिन बाद क्यों अपलोड किया गया. उन्होंने आगे कहा कि आज के दिन किसी भी संस्था पर जनता को भरोसा नहीं रह गया है. सिब्बल ने पारदर्शिता और समय पर जानकारी के महत्व पर जोर देते हुए संस्थानों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं.
सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का ईवीएम पर निर्णय आया है, कोर्ट ने कहा है कि हर नागरिक को चुनाव आयोग पर भरोसा रखना चाहिए. लेकिन, क्या चुनाव आयोग या कोई अन्य एजेंसियां भरोसेमंद हैं? पहले चरण के बाद EC की वेबसाइट पर वोट प्रतिशत का डेटा 11 दिन बाद अपलोड किया गया. इसमें बताया गया कि कितने फीसदी वोट पड़े, लेकिन कितने वोट डाले गए ये नहीं बताया गया. इसका कारण मैं नहीं जानता.
उन्होंने आगे कहा कि हम आयोग पर भरोसा रखेंगे, लेकिन चुनाव आयोग को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके इस बात को बताना चाहिए कि डेटा जारी करने में 11 दिन की देरी क्यों हुई. आयोग को देरी के संबंध में लोगों की चिंताओं को संबोधित करना चाहिए. चुनाव आयोग को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट करना चाहिए कि 11 दिन क्यों लगे. उन्होंने कहा, जब यह संदेह पैदा होता है तो लोगों का विश्वास कम हो जाता है.
सिब्बल ने आगे कहा कि मैंने पिछले चुनाव आयुक्तों से बात की है और उन्होंने कहा है कि जब वे चुनाव आयोग में थे, तो उसी दिन या अगली सुबह मतदान के नतीजे जारी कर दिए जाते थे. फिर वर्तमान चुनाव आयुक्तों को 11 दिन क्यों लगे?