भोपाल। सियासी अनुमानों पर दौड़ रही कमलनाथ के बीजेपी में जाने की अटकलें हर दिन बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के साथ मजबूत होती जा रही है. जिस समय दिल्ली में बीजेपी का राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा है इसी समय कमलनाथ छिंदवाड़ा में होने वाले सम्मेलन और 18 फरवरी को तामिया में होने वाली सभा को रद्द कर भोपाल रवाना हो गए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव के ऐन पहले कांग्रेस में बड़ी टूट की संभावनाएं तेज हो गई हैं. कमलनाथ से जुड़े करीबी सूत्रों के हवाले से खबर है कि कमलनाथ, सांसद नकुलनाथ के साथ दस करीबी विधायकों और समर्थकों को भी बीजेपी की सदस्यता दिलवा सकते हैं.
तो क्या कमल के होंगे अब नाथ...
दिल्ली में चल रहे बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के बीच कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में अपनी सभाओं को रद्द करके भोपाल आने का कार्यक्रम बनाया है. हांलाकि ये स्पष्ट नहीं है कि क्या कमलनाथ भोपाल से दिल्ली रवाना होंगे. लेकिन जिस तरह से इसी दौरान उन्होंने अपने दो दिन के कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. कमलनाथ से जुड़े करीबी सूत्र के मुताबिक कमलनाथ और नकुलनाथ के साथ इस दलबदल में कांग्रेस में बड़ी टूट होगी.
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कमलनाथ समर्थक 10 विधायक भी भाजपा में शामिल होंगे
कमलनाथ समर्थक दस विधायकों का भी जाना तय माना जा रहा है. इनके साथ कई कमलनाथ लॉबी के पूर्व मंत्री, विधायक और संगठन कार्यकर्ताओं समेत दल बल के साथ कमलनाथ बीजेपी की सदस्यता ले सकते हैं. वरिष्ठ पत्रकार राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं- "कमलनाथ की सियासी पारी का आखिरी चुनाव था 2023 का विधानसभा चुनाव, वे उसमें असफल रहे. लेकिन उनके सामने शुरुआत से चिंता छिंदवाड़ा और नकुलनाथ की है और मुझे लगता है कि कमलनाथ अगर बीजेपी की सदस्यता लेते हैं जिसकी 99 फीसदी संभावनाएं हैं, तो उसकी वजह भी यही होगी. बाकी ये तय है कि इस कद के नेता अकेले तो नहीं जाएंगे. बड़ी टूट भी होगी.
कमलनाथ अगर कांग्रेस छोड़ते हैं तो वजह क्या है...
कमलनाथ अगर कांग्रेस छोड़ते हैं तो इसके पीछे की वजहों को पांच प्वाइंट्स में समझिए.
- 2023 के विधानसभा चुनाव में मिली हार के साथ कमलनाथ की सियासी पारी पर भी अघोषित विराम लग चुका है.
- आखिरी उम्मीद राज्यसभा की थी, लेकिन जिस तरह से उन्हें दरकिनार किया गया कमलनाथ उससे भी नाराज बताए जाते हैं.
- राहुल गांधी ने एमपी में कांग्रेस के नौजवान चेहरों को आगे कर दिया है, यानी भविष्य में भी अब कोई संभावनाएं नाथ के लिए नहीं.
- छिंदवाड़ा जो कमलनाथ की राजनीतिक जमीन भर नहीं है, इसे आगामी लोकसभा चुनाव में बचाने की कोशिश करेंगे कमलनाथ.
- कमलनाथ राजनीति के वानप्रस्थ की ओर बढ़ रहे हों, लेकिन नकुलनाथ का राजनीतिक भविष्य शुरु हुआ है जो फिलहाल कांग्रेस में मजबूत होता नहीं दिख रहा.