कल्लाकुरिची: जहां भी मुड़ो, मौत चीखती रही है! यह करुणापुरम की वर्तमान स्थिति है, जो कल्लाकुरिची शहर के बस स्टेशन से बस कुछ ही दूरी पर है. यहां जब आप किसी गली से गुज़रते हैं, तो आपको महिलाओं की चीखें सुनाई देती हैं. शहर में, सरकारी कार्यालयों जैसे कोर्ट, पुलिस स्टेशन और जिला कलेक्ट्रेट के आसपास अवैध शराब की बिक्री लगातार हो रही है.
मृतकों में 37 वर्षीय मजदूर परमाशिवन भी शामिल है. उसके भाई उदयकुमार ने ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए कहा कि 'हमारा भाई शादीशुदा नहीं था, वह मजदूर था और काम के बाद हर दिन यहां बिकने वाली नकली शराब खरीदकर पीता था. कल भी उसने शराब पी थी, लेकिन रात 8.30 बजे ही उसे पेट में दर्द हुआ. वह बेकाबू होकर चिल्लाने लगा तो हम उसे अस्पताल ले गए. इलाज विफल होने के बाद परमाशिव की मौत हो गई.'
करुणापुरम से रामकृष्णन की पत्नी आधी रात को चीखती हुई अस्पताल पहुंची थीं. उन्होंने कहा कि 'हम गरीब परिवार से हैं. हमारा परिवार तभी जीवित रह सकता है जब हम हर दिन काम करें. मैं स्कूल में काम करने गई थी और जब मैं आई तो मेरे पति ने शराब पी रखी थी.' रामकृष्ण के बेटे ने कहा कि 'हमारे पिता ने कहा था कि वे शराब नहीं पीते हैं. लेकिन आधी रात को उनकी दृष्टि चली गई. इसलिए हम उन्हें अस्पताल ले आए.'
एक ही परिवार में दो मौतें: 60 वर्षीय करुप्पन नामक व्यक्ति, जिसे हमारे रिपोर्टर के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान एम्बुलेंस में ले जाया गया था, उसका दावा है कि उसने 2 लीटर शराब पी थी. एक अन्य महिला लक्ष्मी ने कहा कि डॉक्टरों ने आखिरकार उसे उसके माता-पिता की तस्वीर दिखाकर पुष्टि की कि दोनों की मौत हो गई है.
शराब पीने वाले ज़्यादातर लोग डर के मारे शराब पीने की बात छिपाते हैं. पेट दर्द बढ़ने पर ही उन्हें उनके रिश्तेदार अस्पताल ले गए थे. शराब पीने के बाद मरने वाले पहले व्यक्ति करुणापुरम के सुरेश थे. 18 की शाम को उन्होंने शराब पी थी. बताया जाता है कि 19 की सुबह उन्होंने फिर शराब पी और कुछ देर बाद ही उनकी मौत हो गई.
उनकी मौत पर शोक कार्यक्रम में शामिल लोगों ने बताया कि वे भी शराब पीने के कारण अस्पताल गए थे और मरने वालों में ज़्यादातर वे लोग हैं, जो सुरेश के अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे. सभी मृतकों के शवों को गोमुकी नदी के किनारे एक ही जगह पर जलाने की व्यवस्था की गई है.
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ़्तार: नकली शराब बेचने के मामले में कन्नुकुट्टी उर्फ गोविंदराज, उसकी पत्नी विजया और दामोदरन नाम के व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस इस मामले में शामिल एक अन्य व्यक्ति चिन्नादुरई की तलाश कर रही है. मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई है. 20 तारीख़ की दोपहर तक मरने वालों की संख्या 38 हो गई.
इस घटना के बाद तमिलनाडु विधानसभा में शोक प्रस्ताव पारित किया गया. इस घटना के बारे में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वे इन मौतों से बेहद दुखी हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को सलाह देने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी. गोकुलदास की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का आदेश दिया है, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.