रतलाम: राष्ट्रीय संत कालीचरण महाराज ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले को देश भर में लागू करने की वकालत की है, जिसमें दुकान के बाहर दुकान संचालक का नाम लिखने का आदेश दिया गया था. हालांकि इस आदेश पर अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाकर सिर्फ शाकाहारी या मांसाहारी लिखे जाने के आदेश दिए हैं. रतलाम पहुंचे कालीचरण महाराज ने कहा कि, ''इस फैसले के समर्थन में सभी समाज के धर्मगुरुओं और जनता को आगे आना चाहिए. हिंदुओं के पोषण धर्म, व्रत, पवित्रता के संरक्षण के लिए योगी आदित्यनाथ जैसे राजाओं के फैसले हमें स्वीकार करने चाहिए और यह पूरे देश में लागू होना चाहिए.''
'पूरे देश में लागू होना चाहिए ये फैसला'
दरअसल सुंदरकांड संकल्प यात्रा के पूर्णाहुति आयोजन में शामिल होने कालीचरण महाराज बुधवार को रतलाम पहुंचे हैं. जहां उन्होंने रतलाम के प्रसिद्ध मां कालिका माता मंदिर पहुंचकर माता की आराधना की और माता से सभी हिंदुओं के एक होने की कामना की है. मीडिया से चर्चा के दौरान कालीचरण महाराज ने कहा कि ''बहुत सही फैसला था योगी आदित्यनाथ का. यह फैसला आगे भी लागू रहना चाहिए था. कांवड़ियों व्रतस्त हिंदुओं को यह अधिकार है कि वह किससे खाने की सामग्री खरीदें. जैसे मुस्लिम समाज के लोग हलाल सर्टिफिकेट देखकर ही खाने की सामग्री खरीदते हैं. वैसे ही हिंदू धर्म, व्रत व पवित्रता के संरक्षण के लिए सही फैसला लिया गया है. ऐसे और भी फैसला देश में लागू होना चाहिए.''
धर्मगुरुओं से की ये अपील
सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी सरकार के फैसले पर रोक लगाए जाने के संबंध में कालीचरण महाराज ने कहा कि ''धर्म गुरुओं को इसके लिए आगे आना चाहिए और जनता को भी धर्मगुरुओं का समर्थन करना चाहिए. इसके प्रभाव से अपने आप सुप्रीम कोर्ट जनहित याचिका को मानेगा.'' बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के यूपी सरकार के फैसले पर रोक लगाने के बावजूद भी हिंदू धर्म के संतों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा लिया गया निर्णय हिंदू धर्म के रीति-रिवाज और पवित्रता के अनुसार सही फैसला था.