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गंगा आरती कर शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद, बांग्लादेश हालातों पर भी बोले - UTTARAKHAND WINTER CHARDHAM YATRA

हरिद्वार में गंगा आरती कर शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुए ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, बांग्लादेश के हालातों पर भी दिया बयान

Jyotirmath Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand
ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 15, 2024, 6:53 PM IST

हरिद्वार: इन दिनों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हैं, ऐसे में चारों धामों के देवों की पूजा उनके गद्दीस्थल खरसाली (खुशीमठ), मुखबा (मुखीमठ), ऊखीमठ, पांडुकेश्वर और ज्योतिर्मठ की जा रही है. ऐसे में शीतकालीन में भी चारधाम की यात्रा चले, इसको लेकर जोर दिया जा रहा है. ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पिछले साल शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की गई थी. जिसके बाद इस साल से सरकार ने भी शीतकालीन यात्रा को विधिवत शुरू कर दिया है. वहीं, आज से शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद हरिद्वार से गंगा आरती कर शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं.

शंकराचार्य ने लोगों का ये भ्रम किया दूर: ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जिस प्रकार कई प्रदेशों की शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन राजधानियां अलग-अलग होती है, उसी प्रकार चार धामों में देवों की ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन पूजन के स्थान अलग-अलग हैं. उन्होंने कहा कि शीतकाल के लिए जब चारधाम के कपाट बंद होते हैं तो लोगों में यह भ्रम हो चला था कि भगवान के दर्शन केवल 6 महीने के लिए होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है.

शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (वीडियो- ETV Bharat)

चारों धामों के देवों की पूजा 12 महीने लगातार चलती रहती है. ये बात अलग है कि यह पूजा ग्रीष्मकाल के अलग और शीतकाल के लिए अलग स्थान पर होती है. इसलिए उन्होंने पिछले साल से शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की थी. उन्हें खुशी है कि इस साल से उत्तराखंड सरकार ने भी शीतकालीन चारधाम यात्रा की पहल की है.

खनन को लेकर मातृ सदन के संतों के अनशन पर कही ये बात: वहीं, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हरिद्वार में खनन को लेकर मातृ सदन के संतों के अनशन पर कहा कि जो खनन का काम पहले रोक दिया गया था, वो क्यों खोला गया? क्यों संतों को खनन के विरुद्ध अनशन कर मरने के लिए विवश किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि यह सब तत्काल बंद किया जाना चाहिए.

Jyotirmath Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand
हरिद्वार में पूजन करतेशंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (फोटो- ETV Bharat)

बांग्लादेश के हालातों क्या बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद? इसके अलावा शंकराचार्य ने बांग्लादेश के हालातों पर भी अपना बयान दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार चुप्पी साधे हुए हैं, यह दुखद है. सरकार को अविलंब इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. एक मिसाल पेश करनी चाहिए कि पूरे विश्व में कहीं भी अगर हिंदुओं पर अत्याचार होता है तो भारत सरकार उनके साथ खड़ी है.

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हरिद्वार: इन दिनों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हैं, ऐसे में चारों धामों के देवों की पूजा उनके गद्दीस्थल खरसाली (खुशीमठ), मुखबा (मुखीमठ), ऊखीमठ, पांडुकेश्वर और ज्योतिर्मठ की जा रही है. ऐसे में शीतकालीन में भी चारधाम की यात्रा चले, इसको लेकर जोर दिया जा रहा है. ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पिछले साल शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की गई थी. जिसके बाद इस साल से सरकार ने भी शीतकालीन यात्रा को विधिवत शुरू कर दिया है. वहीं, आज से शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद हरिद्वार से गंगा आरती कर शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं.

शंकराचार्य ने लोगों का ये भ्रम किया दूर: ज्योतिर्मठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि जिस प्रकार कई प्रदेशों की शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन राजधानियां अलग-अलग होती है, उसी प्रकार चार धामों में देवों की ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन पूजन के स्थान अलग-अलग हैं. उन्होंने कहा कि शीतकाल के लिए जब चारधाम के कपाट बंद होते हैं तो लोगों में यह भ्रम हो चला था कि भगवान के दर्शन केवल 6 महीने के लिए होते हैं, जबकि ऐसा नहीं है.

शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए रवाना हुए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (वीडियो- ETV Bharat)

चारों धामों के देवों की पूजा 12 महीने लगातार चलती रहती है. ये बात अलग है कि यह पूजा ग्रीष्मकाल के अलग और शीतकाल के लिए अलग स्थान पर होती है. इसलिए उन्होंने पिछले साल से शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत की थी. उन्हें खुशी है कि इस साल से उत्तराखंड सरकार ने भी शीतकालीन चारधाम यात्रा की पहल की है.

खनन को लेकर मातृ सदन के संतों के अनशन पर कही ये बात: वहीं, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हरिद्वार में खनन को लेकर मातृ सदन के संतों के अनशन पर कहा कि जो खनन का काम पहले रोक दिया गया था, वो क्यों खोला गया? क्यों संतों को खनन के विरुद्ध अनशन कर मरने के लिए विवश किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि यह सब तत्काल बंद किया जाना चाहिए.

Jyotirmath Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand
हरिद्वार में पूजन करतेशंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (फोटो- ETV Bharat)

बांग्लादेश के हालातों क्या बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद? इसके अलावा शंकराचार्य ने बांग्लादेश के हालातों पर भी अपना बयान दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार चुप्पी साधे हुए हैं, यह दुखद है. सरकार को अविलंब इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. एक मिसाल पेश करनी चाहिए कि पूरे विश्व में कहीं भी अगर हिंदुओं पर अत्याचार होता है तो भारत सरकार उनके साथ खड़ी है.

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