छिंदवाड़ा। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग तैयारियों में जुटा हुआ है. मतदान में किसी तरह की समस्या न हो और ज्यादा से ज्यादा मतदान हो इसके लिए चुनाव आयोग हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. वहीं एमपी के जुन्नारदेव इलाके के नौ मतदान केन्द्र में मतदान करवाना चुनाव आयोग के लिए भी चुनौती बन गया है. यही वजह है, यहां ट्रैक्टर से मतदान दल को पहुंचाया जाएगा. मतदान दल जिन ट्रैक्टरों से जाएगा, उसमें भी जीपीएस लगाया जाएगा, ताकि ट्रैक्टर की सही दिशा बनी रहे. असल में इस आदिवासी इलाके में पक्की सड़कें नहीं है. इसलिए यहां पोलिंग टीम को पहुंचाना भी चुनौती है.
9 मतदान केंद्रों में ट्रैक्टर से जाएंगे मतदानकर्मी
जुन्नारदेव SDM कामिनी ठाकुर ने बताया कि 'लोकसभा चुनाव की तैयारियों के तहत मतदान केंद्रों की रवानगी का रूट तैयार कर लिया गया है. विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी एक-एक मतदान दल पर जिला मुख्यालय से नजर रखी जाएगी. 1949 मतदान केंद्रों में से जिले के जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 9 केंद्र ऐसे हैं. जहां पर वोटिंग कराने के लिए मतदान दलों को मुख्य सड़क से ट्रैक्टर में बैठकर मतदान केंद्र तक जाना होगा. दरअसल, ये मतदान केंद्र पहाड़ी इलाकों में हैं. इसलिए मुख्य सड़क से दूर होने की वजह से इन केंद्रों के लिए प्रशासन ने ट्रैक्टर की व्यवस्था की है.
अब तक पैदल जाते थे मतदानकर्मी, अब ट्रैक्टर का सहारा
इसके पहले इन केंद्रों में जाने के लिए कर्मचारियों को पैदल पहुंचना पड़ता था. जिसकी वजह से सतत मॉनीटरिंग नहीं हो पाती थी. इस बार ये सभी दल मुख्य सड़क तक बसों से और इसके बाद ट्रैक्टर से मतदान केंद्र तक पहुंचेंगे. ये सभी मतदान केंद्र जुन्नारदेव विकासखंड में हैं. इनमें मुख्य सड़क से सबसे दूर का मतदान केंद्र चिकटबरी सबसे दूर है.
इन मतदान केंद्रों में ट्रैक्टर से पहुंचेंगे कर्मचारी
ट्रैक्टर से मतदान केंद्रों तक पहुंचने वाले इन मतदान केंद्रों के नाम चिकटबर्री विरधागुड़ी, टेमरन, पील्हावाड़ी, धाऊ, गुरेखुरई मऊ, कोयलवाड़ी, बोरदेहीखुद है. ये आदिवासी अंचल के गांव हैं. जहां पहुंचने के लिए मतदान दलों को हमेशा ही मशक्कत करनी पड़ती है. पहले भी इन मतदान केंद्रों पर वोटिंग कराना निर्वाचन आयोग के लिए चुनौती साबित होते रहा है.
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ट्रैक्टर में लगाएंगे जाएंगे GPS सिस्टम
चुनाव आयोग के निर्देश पर सभी मतदान दलों के वाहनों की निगरानी जीपीएस के माध्यम से की जाएगी. जिसके चलते सभी ट्रैक्टर में जीपीएस लगाए जाएंगे. जिला मुख्यालय में बैठकर अफसर जीपीएस से देखेंगे कि ये वाहन तय रूट के मुताबिक चल रहे हैं कि नहीं, ताकि इन नौ केंद्रों की भी निगरानी रखी जा सके. पहले ये दल मुख्य सड़क से पैदल ही मतदान केंद्र तक पहुंच जाया करते थे.