बीकानेर. भारतीय सेना और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स की सेनाओं के संयुक्त युद्ध अभ्यास में दोनों सेनाओं के सैनिकों ने युद्ध अभ्यास के आठवें दिन संयुक्त रूप से रूम इंटरवेंशन, क्लोज क्वार्टर बैटल फायरिंग, ऑब्सटेकल क्लीयरेंस और अनआर्म्ड कॉम्बैट में प्रशिक्षण का धरातल पर प्रयोग किया. इस दौरान जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स, पूर्वी सेना के कमांडिंग जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल तोगाशी युइची, राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में '‘धर्म गार्जियन' अभ्यास के साक्षी बने. दोनों देशों के सेना के जवानों ने योग अभ्यास भी किया.
गूंजी धोरों की धरती: संयुक्त सैन्य अभ्यास में धोरों की धरती पर एक बार फिर टैंको और आधुनिक मिसाइल की गूंज सुनाई दी और दोनों देशों के सैनिकों ने संयुक्त रूप से तकनीक और इंटेलिजेंस का सहारा लेते हुए दुश्मन के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद किया. बता दें कि 25 फरवरी से शुरू हुआ यह युद्ध अभ्यास 9 मार्च तक चलेगा.
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भाईचारे को मजबूत करना उद्देश्य: सेना प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा ने बताया कि धर्म गार्जियन का मुख्य उद्देश्य अभ्यास में हुई प्रगति का जायजा लेकर दोनों टुकड़ियों को प्रोत्साहन देना तथा दोनों सेनाओं के बीच आपसी भाईचारे को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ाना था. जापानी और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच मजबूत बंधन और सहयोग के लिए लगातार यह युद्धाभ्यास हो रहा है जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूती के लिए एक कदम है.
पांचवी बार हो रहा युद्धाभ्यास: शर्मा ने बताया कि महाजन रेंज में चल रहा अभ्यास धर्म गार्जियन संयुक्त अभ्यास का 5वां संस्करण है, जो संयुक्त राष्ट्र के अनुरूप अर्ध-शहरी वातावरण में एक संयुक्त कार्य बल के रूप में प्रभावी ढंग से काम करने के लिए संयुक्त क्षमताओं को बढ़ावा देने पर केंद्रित है. यह अभ्यास भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर जोर देता है. इस दौरान चेतक कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल नगेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे. लेफ्टिनेंट जनरल तोगाशी युइचीव लेफ्टिनेंट जनरल नगेन्द्र सिंह ने अभ्यास के दौरान सैनिकों की हौसला अफजाई की.