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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले रेड कॉरिडोर पर नजर, पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर झारखंड पुलिस चला रही अभियान - Naxalites in Lok Sabha Election - NAXALITES IN LOK SABHA ELECTION

लोकसभा चुनाव में नक्सली संगठन अपनी ताकत का एहसास करवाने को लेकर अक्सर हिंसा का सहारा लेते रहे हैं. जल्द ही झारखंड सहित पूरे देश मे लोकसभा चुनावों का आगाज होने वाला है. ऐसे में नक्सलियों के हर मंसूबे को नाकामयाब करने के लिए झारखंख पुलिस ने कमर कस ली है. नक्सलियों के रेड कॉरिडोर को चिन्हित कर जोरदार अभियान भी चलाया जा रहा है.

NAXALITES IN LOK SABHA ELECTION
NAXALITES IN LOK SABHA ELECTION
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 28, 2024, 8:00 PM IST

रांची: झारखंड में नक्सलियों को बिहार के साथ-साथ सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ से सपोर्ट मिलता रहा है. वर्तमान समय में भी कोल्हान में डेरा जमाए नक्सलियों में एक बड़ी संख्या छत्तीसगढ़ के रहने वाले नक्सलियों की है. ऐसे में झारखंड पुलिस छत्तीसगढ़ से लेकर बंगाल और ओडिसा तक फैले रेड कॉरिडोर पर विशेष नजर रखे हुए हैं. रेड कॉरिडोर में झारखंड पुलिस अपने पड़ोसी राज्यो छत्तीसगढ़ बंगाल और ओडिशा के साथ संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है.

बाहरी मदद न मिले इसका रखा जा रहा है ध्यान

छत्तीसगढ़ के नक्सली झारखंड की सीमा में प्रवेश न कर पाए और ना ही झारखंड के नक्सली छत्तीसगढ़ की सीमा पर प्रवेश कर पाए इसके लिए बार्डर पर विशेष चौकसी बरती जा रही है. नक्सली जिस रेड कॉरिडोर का इस्तेमाल एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए करते हैं, वहां पर स्मॉल एक्शन टीम को भी एक्टिव किया गया है. नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिलने पर पूरी तैयारी के साथ स्मॉल एक्शन टीम उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. दरअसल बिहार, बंगाल और ओडिशा में नक्सलियों की स्थिति बेहद कमजोर हुई है. ऐसे में झारखंड के लिए छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां से झारखंड के नक्सलियों को मदद मिल सकती है. ऐसे में छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षा बल हो की विशेष चौकसी है.

नक्सलियो ने कोल्हान में बना रखा है आईईडी का घेरा

झारखंड में भी नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान चला कर उन्हें कुछ एक जगहों पर सीमित रहने पर मजबूर कर दिया गया है. झारखंड के कोल्हान में नक्सलियों के बड़े नेता जिसमे छत्तीसगढ़ और बंगाल के ज्यादातर कैडर हैं, वह आईईडी बमों का घेरा बनाकर किसी तरह अपने आप को बचाने में सफल रहे हैं. सुरक्षा बलों के द्वारा इन इलाके की ऐसी घिराबंदी की गई है कि नक्सली नेता चाह कर भी झारखंड से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. हाल के दिनों में हुए राज्यों की पुलिस समन्वय समिति की बैठक में भी तय हुआ है कि किसी भी तरह से दूसरे राज्य के नक्सली झारखंड में ना प्रवेश कर पाए.

हिट लिस्ट का हुआ है आदान प्रदान

लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड पुलिस के द्वारा अपने पड़ोसी राज्यों बंगाल, ओडिशा, छतीसगढ़ और बिहार पुलिस के साथ लगातार समन्वय बैठक की जा रही है. यह बैठक डीजी रैंक से लेकर एसपी रैंक तक के अधिकारियों के बीच लगातार कायम है. झारखंड के साथ पड़ोसी राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र के कुख्यात और वांटेड नक्सलियों की सूची भी साझा किया है, साथ ही उनकी तस्वीर भी साझा की गई है, ताकि अगर वह झारखंड में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उन्हें तस्वीर के आधार पर पहचान कर दबोचा जा सके.

बार्डर पर विशेष चौकसी

झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि इंटरस्टेट बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सिर्फ नक्सलियों के लिए ही नहीं बल्कि अपराधियों, नशे के तस्करों के साथ-साथ अवैध हथियार को लेकर भी चेक पोस्ट पर तैनात जवान पूरी तरह से सजग है. पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय बनाकर नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान भी चलाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें:

पुलिस जवानों को मिली बड़ी सफलता, दो नक्सली समर्थक गिरफ्तार, लेवी के पैसों के साथ विस्फोटक भी बरामद

नक्सलियों के गढ़ बूढ़ापहाड़ इलाके में वोटिंग की तैयारी, पूर्व में नक्सली इलाके में वोट बहिष्कार का जारी करते थे फरमान

रांची: झारखंड में नक्सलियों को बिहार के साथ-साथ सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ से सपोर्ट मिलता रहा है. वर्तमान समय में भी कोल्हान में डेरा जमाए नक्सलियों में एक बड़ी संख्या छत्तीसगढ़ के रहने वाले नक्सलियों की है. ऐसे में झारखंड पुलिस छत्तीसगढ़ से लेकर बंगाल और ओडिसा तक फैले रेड कॉरिडोर पर विशेष नजर रखे हुए हैं. रेड कॉरिडोर में झारखंड पुलिस अपने पड़ोसी राज्यो छत्तीसगढ़ बंगाल और ओडिशा के साथ संयुक्त रूप से नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है.

बाहरी मदद न मिले इसका रखा जा रहा है ध्यान

छत्तीसगढ़ के नक्सली झारखंड की सीमा में प्रवेश न कर पाए और ना ही झारखंड के नक्सली छत्तीसगढ़ की सीमा पर प्रवेश कर पाए इसके लिए बार्डर पर विशेष चौकसी बरती जा रही है. नक्सली जिस रेड कॉरिडोर का इस्तेमाल एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए करते हैं, वहां पर स्मॉल एक्शन टीम को भी एक्टिव किया गया है. नक्सलियों के मूवमेंट की सूचना मिलने पर पूरी तैयारी के साथ स्मॉल एक्शन टीम उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पूरी तरह से अलर्ट मोड में है. दरअसल बिहार, बंगाल और ओडिशा में नक्सलियों की स्थिति बेहद कमजोर हुई है. ऐसे में झारखंड के लिए छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां से झारखंड के नक्सलियों को मदद मिल सकती है. ऐसे में छत्तीसगढ़ सीमा पर सुरक्षा बल हो की विशेष चौकसी है.

नक्सलियो ने कोल्हान में बना रखा है आईईडी का घेरा

झारखंड में भी नक्सलियों के खिलाफ जोरदार अभियान चला कर उन्हें कुछ एक जगहों पर सीमित रहने पर मजबूर कर दिया गया है. झारखंड के कोल्हान में नक्सलियों के बड़े नेता जिसमे छत्तीसगढ़ और बंगाल के ज्यादातर कैडर हैं, वह आईईडी बमों का घेरा बनाकर किसी तरह अपने आप को बचाने में सफल रहे हैं. सुरक्षा बलों के द्वारा इन इलाके की ऐसी घिराबंदी की गई है कि नक्सली नेता चाह कर भी झारखंड से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. हाल के दिनों में हुए राज्यों की पुलिस समन्वय समिति की बैठक में भी तय हुआ है कि किसी भी तरह से दूसरे राज्य के नक्सली झारखंड में ना प्रवेश कर पाए.

हिट लिस्ट का हुआ है आदान प्रदान

लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड पुलिस के द्वारा अपने पड़ोसी राज्यों बंगाल, ओडिशा, छतीसगढ़ और बिहार पुलिस के साथ लगातार समन्वय बैठक की जा रही है. यह बैठक डीजी रैंक से लेकर एसपी रैंक तक के अधिकारियों के बीच लगातार कायम है. झारखंड के साथ पड़ोसी राज्यों की पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र के कुख्यात और वांटेड नक्सलियों की सूची भी साझा किया है, साथ ही उनकी तस्वीर भी साझा की गई है, ताकि अगर वह झारखंड में प्रवेश करने की कोशिश करें तो उन्हें तस्वीर के आधार पर पहचान कर दबोचा जा सके.

बार्डर पर विशेष चौकसी

झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल वी होमकर ने बताया कि इंटरस्टेट बॉर्डर पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सिर्फ नक्सलियों के लिए ही नहीं बल्कि अपराधियों, नशे के तस्करों के साथ-साथ अवैध हथियार को लेकर भी चेक पोस्ट पर तैनात जवान पूरी तरह से सजग है. पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय बनाकर नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान भी चलाया जा रहा है.

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