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कैमरून से लौटे श्रमिकों को सरकार ने दी आर्थिक मदद, ऑनलाइन सीएम ने किया संबोधित, कहा - विदेश से ज्यादा सुकून घर में - Jharkhand workers honoured

Workers returned from South Africa. कैमरुन में फंसे सभी 27 श्रमिक बुधवार को झारखंड लौट आए. इनके आगमन के बाद राज्य सरकार ने सभी का स्वागत किया. वहीं मदद राशि भी दी गई. मंत्रियों ने कहा कि इनके लिए रोजगार की व्यवस्था की जायेगी.

jharkhand government honored the workers who returned from South Africa
अफ्रीका से लौटे मजदूरों के साथ मंत्री, अधिकारी और विधायक (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 24, 2024, 1:45 PM IST

Updated : Jul 24, 2024, 2:05 PM IST

गिरिडीहः कैमरुन में फंसे सभी श्रमिकों की वापसी हो गई है. वापस आए श्रमिकों का स्वागत समारोह डुमरी प्रखंड के निमियाघाट स्थित वेद वाटिका में आयोजित किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर आयोजित इस समारोह में लाभुकों को चेक भी दिया गया. समारोह में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग तथा उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग मंत्री बैद्यनाथ राम, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग मंत्री बेबी देवी, गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार के मौजूद रहे.

कैमरून से लौटे श्रमिकों को सरकार ने सम्मानित किया (ईटीवी भारत)

सीएम ने किया संबोधित

इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऑनलाइन संबोधित किया. सीएम ने कहा कि घर से बेहतर विदेश नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि वापस लौटे सभी श्रमिकों को सहायता की जा रही है. आगे रोजगार यहीं मिले इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

वीडियो कॉल पर मजदूरों से बात करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (ईटीवी भारत)

सीएम के प्रयास से हुआ संभव

विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि विदेश से लाना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन चंद दिनों में मुख्यमंत्री ने सभी को वापस लाया. यह काबिल ए तारीफ है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के लोगों, विधायक के साथ साथ जिला प्रशासन ने भी सभी मजदूरों को रिकॉर्ड समय में घर वापस लाने में पूरा प्रयास किया.

ये थे मौजूद

इस दौरान श्रम सचिव मुकेश कुमार, श्रम आयुक्त संजीव बेसरा, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, सपी दीपक कुमार शर्मा, डीटीओ शैलेश कुमार, डुमरी एसडीओ, एसडीपीओ के अलावा कई पदाधिकारी मौजूद थे.

क्या है मामला

दरअसल गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के 27 श्रमिक ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए कैमरुन गए थे. यहां से जिस व्यक्ति द्वारा इन्हें ले जाया गया था उन्होंने सभी को कहा था कि उन्हें 35 हजार तनख्वाह इसके बाद ओवरटाइम मिलेगा. इन्हें यह भी कहा गया था कि सभी श्रमिकों को नामी कंपनी एलएंडटी में काम दिया जाएगा. श्रमिक इसी झांसे में कैमरुन चले गए.

वहां इन्हें तनख्वाह मिलना बंद हो गया. जब श्रमिकों ने विरोध किया तो इन्हें भोजन भी नहीं दिया जाने लगा. ऐसे में पिछले दिनों श्रमिकों ने वीडियो मैसेज भेजा था. मैसेज सामाजिक कार्यकर्त्ता सिकंदर अली को भेजा गया. इसके बाद मैसेज सार्वजनिक हुआ तो ईटीवी भारत ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. दूसरी तरफ केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार सक्रिय हुई. सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद ही पूरे मामले की मॉनिटरिंग करने में जुटे रहे. विदेश मंत्रालय, जिस कंपनियों द्वारा श्रमिकों को काम पर रखा जाता है ( एलएंडटी और विनायका कंस्ट्रक्शन ) उनके प्रतिनिधियों से भी लगातार बात की गई. अंततः बुधवार की सुबह सभी श्रमिक वापस झारखंड लौटे.

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गिरिडीहः कैमरुन में फंसे सभी श्रमिकों की वापसी हो गई है. वापस आए श्रमिकों का स्वागत समारोह डुमरी प्रखंड के निमियाघाट स्थित वेद वाटिका में आयोजित किया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर आयोजित इस समारोह में लाभुकों को चेक भी दिया गया. समारोह में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग तथा उद्योग मंत्री सत्यानंद भोक्ता, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग मंत्री बैद्यनाथ राम, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग मंत्री बेबी देवी, गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन और गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार के मौजूद रहे.

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सीएम ने किया संबोधित

इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऑनलाइन संबोधित किया. सीएम ने कहा कि घर से बेहतर विदेश नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि वापस लौटे सभी श्रमिकों को सहायता की जा रही है. आगे रोजगार यहीं मिले इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

वीडियो कॉल पर मजदूरों से बात करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (ईटीवी भारत)

सीएम के प्रयास से हुआ संभव

विधायक कल्पना सोरेन ने कहा कि विदेश से लाना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन चंद दिनों में मुख्यमंत्री ने सभी को वापस लाया. यह काबिल ए तारीफ है. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के लोगों, विधायक के साथ साथ जिला प्रशासन ने भी सभी मजदूरों को रिकॉर्ड समय में घर वापस लाने में पूरा प्रयास किया.

ये थे मौजूद

इस दौरान श्रम सचिव मुकेश कुमार, श्रम आयुक्त संजीव बेसरा, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, सपी दीपक कुमार शर्मा, डीटीओ शैलेश कुमार, डुमरी एसडीओ, एसडीपीओ के अलावा कई पदाधिकारी मौजूद थे.

क्या है मामला

दरअसल गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के 27 श्रमिक ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए कैमरुन गए थे. यहां से जिस व्यक्ति द्वारा इन्हें ले जाया गया था उन्होंने सभी को कहा था कि उन्हें 35 हजार तनख्वाह इसके बाद ओवरटाइम मिलेगा. इन्हें यह भी कहा गया था कि सभी श्रमिकों को नामी कंपनी एलएंडटी में काम दिया जाएगा. श्रमिक इसी झांसे में कैमरुन चले गए.

वहां इन्हें तनख्वाह मिलना बंद हो गया. जब श्रमिकों ने विरोध किया तो इन्हें भोजन भी नहीं दिया जाने लगा. ऐसे में पिछले दिनों श्रमिकों ने वीडियो मैसेज भेजा था. मैसेज सामाजिक कार्यकर्त्ता सिकंदर अली को भेजा गया. इसके बाद मैसेज सार्वजनिक हुआ तो ईटीवी भारत ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया. दूसरी तरफ केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार सक्रिय हुई. सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद ही पूरे मामले की मॉनिटरिंग करने में जुटे रहे. विदेश मंत्रालय, जिस कंपनियों द्वारा श्रमिकों को काम पर रखा जाता है ( एलएंडटी और विनायका कंस्ट्रक्शन ) उनके प्रतिनिधियों से भी लगातार बात की गई. अंततः बुधवार की सुबह सभी श्रमिक वापस झारखंड लौटे.

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Last Updated : Jul 24, 2024, 2:05 PM IST
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