रांची: झारखंड कांग्रेस के एक्स को हैंडल (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) कंपनी ने कार्रवाई करते हुए रोक दिया है. हैंडल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 'डीपफेक मॉर्फ्ड वीडियो' पोस्ट किया गया था.
कांग्रेस के एक्स अकाउंट को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है. न्यूज एजेंसी एनआई के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डीप फेक वीडियो मामले में ये कार्रवाई की गई है.
इस मामले में झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि बीजेपी अपनी हार को देखते हुए बौखलाई हुई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कर्नाटक में प्रज्ज्वल रमन्ना के साथ मंच साझा करते हैं और लोगों को कहते हैं कि आप इन्हें वोट दीजिए इससे हम मजबूत होंगे. राकेश सिन्हा ने कहा कि एक बलात्कारी और बेटियों के सम्मान से खिलवाड़ करने वाले को पीएम मजबूत करने के लिए कहते हैं. वहीं फैक्ट चेक के नाम पर कांग्रेस के ट्वीटर हैंडल ब्लॉक किया जाता है. उन्होंने कहा कि अब लोग पीएम की बातों को समझ चुके हैं और वे इसका जवाब वोट से देंगे.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर को इस मामले में नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था. उन्हें 2 मई को सुबह 10.30 बजे आईएफएसओ ऑफिस स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस के तीसरे फ्लोर पर मौजूद कमरा नंबर 302 में सशरीर पेश होने को कहा गया. झारखंड कांग्रेस के एक्स हैंडल से भी उस डीप फेक वीडियो को शेयर किया गया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की तरफ से 28 अप्रैल को इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी.
दिल्ली पुलिस के नोटिस के जवाब में राजेश ठाकुर ने कहा था कि वे इस मामले में अपने वकील से बात कर रहे हैं और उसके बाद ही वे अपना अगला कदम उठाएंगे.
नोटिस के मुताबिक राजेश ठाकुर को ट्वीट किए गये वीडियो का सोर्स लाने को कहा गया है. उनसे कहा गया है कि जिस भी मोबाइल/लैपटॉप/टैबलेट से एक्स पर जो वीडियो डाला गया है, उसे लाना है. उनसे यह भी कहा गया है कि संबंधित वीडियो को रिकॉर्ड करने के लिए जिस भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल हुआ है, उसे भी लेकर आना है.
नोटिस की अनदेखी होने पर सीआरपीसी के सेक्सन 91/160 के तहत क्रिमिनल प्रोसिडिंग चलाने की भी बात कही गई है. यह नोटिस आईएफएसओ यानी इंटेलिजेंस फ्युजन एंड स्ट्रेटिजिक ऑपरेशन के स्पेशल सेल में पोस्टेड इंस्पेक्टर नरेश मलिक ने जारी किया है. इस पर राजेश ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि उन्हें दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला है.
"मुझे दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला है, लेकिन ये समझ से परे है कि नोटिस क्यों दिया गया है. ऐसा करना अराजकता है. पहले देखना चाहिए कि कोई मेटेरियल मेरे ट्वीटर हैंडल पर है या नहीं. मोबाइल और लैपटॉप भी लाने को कहा गया है. चुनाव के माहौल में एक नेता की व्यस्तता को समझा जा सकता है. बिना जांच पड़ताल किए नोटिस देकर बुलाना सही नहीं है. इस मसले पर कानूनी सलाहकार से राय मांगी गई है. उसी आधार पर आगे फैसला लिया जाएगा." - राजेश ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस