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मुश्किल में झारखंड बीजेपी चीफ बाबूलाल मरांडी! जा सकती है कुर्सी, ट्रायबल सीट खोने के साथ घट रहा है जनाधार - Babulal Marandi in trouble - BABULAL MARANDI IN TROUBLE

Jharkhand BJP president can be changed. लोकसभा चुनाव में सभी ट्रायबल सीट हारने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ रहा है. क्या विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी संगठन में फेरबदल होगा या बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में ही बीजेपी चुनाव लड़ेगी इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

Jharkhand BJP president can be changed
बाबूलाल मरांडी (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 8, 2024, 5:38 PM IST

रांची: लोकसभा चुनाव परिणाम ने झारखंड बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. 2019 की तूलना में इस बार के लोकसभा चुनाव में घटी जनाधार ने पार्टी को चिंता में डाल दिया है. 2019 के लोकसभा चुनाव के दरम्यान बीजेपी ने 65 विधानसभा क्षेत्र में बढत बनाई थी. इस बार 50 विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को बढत मिली है. जाहिर तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी को नये सिरे से मंथन करने को मजबूर कर दिया है.

कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)

पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती ट्रायबल वोट बैंक को साधने का है जिसको लेकर शीर्ष नेतृत्व के द्वारा प्रदेश में पार्टी की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को दी गई मगर लोकसभा चुनाव परिणाम में जिस तरह से ट्रायबल सीट पर पार्टी की हार हुई है उससे कहीं ना कहीं पार्टी के अंदर खलबली मचा दी है. पार्टी अंदरखाने से मिल रही जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन में फेरबदल हो सकते हैं. चुनाव के दौरान केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष जेवीएम से बीजेपी में आए कार्यकर्ता-नेता को तरजीह देने की शिकायत लगातार मिल रही है.

बाबूलाल को लेकर विपक्ष हमलावर, जवाब देने में जुटी बीजेपी

झारखंड की सभी पांचों ट्रायबल सीट हारने के बाद बीजेपी चौतरफा घिरी हुई है. विपक्ष बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता जगदीश साहू ने बाबूलाल मरांडी से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ने की अपील करते हुए कहा है कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में जनजातियों ने बीजेपी को ठुकरा दिया है उससे साफ जाहिर होता है कि बाबूलाल आदिवासी नेता नहीं हैं.

इधर, विपक्ष के द्वारा हमला तेज किए जाने के बाद भाजपा पर अपने प्रदेश अध्यक्ष के बचाव में उतर आई है. हालांकि बीजेपी विधायक सीपी सिंह इतना जरूर कहते हैं कि यदि जीत का श्रेय टीम लीडर को होता है तो हार की जिम्मेदारी भी उसी की होती है. कारण भले ही ईसाई मिशनरी और विदेशी ताकतों का चुनाव में हस्तक्षेप हो मगर हार हार होती है और जीत जीत होती है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अनिमेष कुमार सिंह कहते हैं कि सामूहिक नेतृत्व और सामूहिक दायित्व भारतीय जनता पार्टी का खासियत है. बाबूलाल मरांडी अच्छे संगठन करता है चुनाव में जीत हार होती रहती है इसलिए इस पर केंद्रीय नेतृत्व आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन करेगी.

ये भी पढ़ें-

ट्राइबल क्षेत्र में भाजपा की हार की ये रही वजह, मंथन में डूबी बीजेपी को अभी से सताने लगी विधानसभा चुनाव की चिंता - Review of BJP defeat

झामुमो के साथ-साथ बाबूलाल मरांडी के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई है संथाल, साख बचाने के लिए लगा रहे एड़ी चोटी का जोर - Lok Sabha Election 2024

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कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बयान (ईटीवी भारत)

पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती ट्रायबल वोट बैंक को साधने का है जिसको लेकर शीर्ष नेतृत्व के द्वारा प्रदेश में पार्टी की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को दी गई मगर लोकसभा चुनाव परिणाम में जिस तरह से ट्रायबल सीट पर पार्टी की हार हुई है उससे कहीं ना कहीं पार्टी के अंदर खलबली मचा दी है. पार्टी अंदरखाने से मिल रही जानकारी के मुताबिक विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन में फेरबदल हो सकते हैं. चुनाव के दौरान केन्द्रीय नेतृत्व के समक्ष जेवीएम से बीजेपी में आए कार्यकर्ता-नेता को तरजीह देने की शिकायत लगातार मिल रही है.

बाबूलाल को लेकर विपक्ष हमलावर, जवाब देने में जुटी बीजेपी

झारखंड की सभी पांचों ट्रायबल सीट हारने के बाद बीजेपी चौतरफा घिरी हुई है. विपक्ष बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता जगदीश साहू ने बाबूलाल मरांडी से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ने की अपील करते हुए कहा है कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में जनजातियों ने बीजेपी को ठुकरा दिया है उससे साफ जाहिर होता है कि बाबूलाल आदिवासी नेता नहीं हैं.

इधर, विपक्ष के द्वारा हमला तेज किए जाने के बाद भाजपा पर अपने प्रदेश अध्यक्ष के बचाव में उतर आई है. हालांकि बीजेपी विधायक सीपी सिंह इतना जरूर कहते हैं कि यदि जीत का श्रेय टीम लीडर को होता है तो हार की जिम्मेदारी भी उसी की होती है. कारण भले ही ईसाई मिशनरी और विदेशी ताकतों का चुनाव में हस्तक्षेप हो मगर हार हार होती है और जीत जीत होती है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अनिमेष कुमार सिंह कहते हैं कि सामूहिक नेतृत्व और सामूहिक दायित्व भारतीय जनता पार्टी का खासियत है. बाबूलाल मरांडी अच्छे संगठन करता है चुनाव में जीत हार होती रहती है इसलिए इस पर केंद्रीय नेतृत्व आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन करेगी.

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