कोटा. देशभर से इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने आने वाले विद्यार्थियों में अवसाद के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. कोटा में सरकारी, कोचिंग और हॉस्टल के स्तर पर अवसाद मिटाने और आत्महत्याओं को रोकने के कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद सफलता नहीं मिल रही, बल्कि समस्याएं बढ़ती ही जा रही है. ताजा मामला सोमवार रात को महावीर नगर प्रथम इलाके में हुई आत्महत्या का है, जहां एक छात्र ने खुदकुशी कर ली है.
छात्र कृष्ण रेजिडेंसी में रहकर आईआईटी (इंजीनियरिंग) एंट्रेस जेईई मेन और एडवांस्ड की तैयारी करने के लिए छत्तीसगढ़ से कोटा आया था. मंगलवार सुबह जेईई मेन परीक्षा का परिमाण आया है, जिसमें उसके परसेंटाइल कम बने थे. हालांकि, उसने इसके पहले ही अपने हॉस्टल के रूम में आत्महत्या कर ली, क्योंकि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने फाइनल आंसर की जारी कर दी थी, जिसमें स्टूडेंट के कम अंक आने की जानकारी उसे मिल गई थी. मंगलवार को दरवाजा नहीं खोलने पर पुलिस को हॉस्टल से सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस के आलाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे थे.
पढ़ें : NTA ने जारी की JEE MAIN की फाइनल आंसर की, कुछ देर में जारी हो जाएंगे स्कोरकार्ड, 6 प्रश्न किए ड्रॉप
जवाहर नगर थाना पुलिस के सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण मेहरा के अनुसार 18 वर्षीय छात्र शुभकुमार चौधरी महावीर नगर प्रथम स्थित कृष्ण रेजिडेंसी में रहता था. वह अपने कमरे में आत्महत्या की स्थिति में पाया गया, जिसके बाद उसे एमबीएस अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद उसके शव को अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया गया है. वहीं, इस पूरे मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है. शुभ कुमार ने सोमवार रात को ही आत्महत्या कर ली थी.
इसे भी पढ़ें : कोटा में 3 घंटे में 250 पुलिसकर्मियों ने छात्र को ढूंढ़कर बचाई जान, यूपी पुलिस से मिला था सुसाइड का इनपुट
आज सुबह घोषित हुआ था JEE MAINS का परिणाम : कोटा में इस साल का यह छात्रों की आत्महत्या का तीसरा मामला है. बता दें कि आज सुबह ही सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन का परिणाम घोषित हुआ था. इस एग्जाम में शामिल अभ्यर्थी 12 फरवरी से ही परिणाम घोषित होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन आज सुबह यह परिणाम जारी किया गया है. इससे पहले ही शुभकुमार ने यह कदम उठा लिया.
पंखे में नहीं थी एंटी सुसाइड रॉड : कोटा में जिला प्रशासन ने सभी हॉस्टल्स और पीजी रूम में पंखों पर एंटी सुसाइड रॉड लगाने के निर्देश दिए थे. यह हैंगिंग डिवाइस लगने के पर 40 किलो से ज्यादा का वजन पंखे पर डालता है तो यह स्प्रिंग की तरह नीचे लटक जाते हैं. सरकार और जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद भी हॉस्टल के कमरे में एंटी सुसाइड रॉड पंखे में नहीं लगी थी. इसकी वजह से बच्चे की जान गई है. जिला प्रशासन ने इसी मामले में इसके पहले एक हॉस्टल को राजीव गांधी नगर में सीज किया था. संभवत: इस पर भी इसी तरह की कार्रवाई होगी.
कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन मित्तल का कहना है कि यह हॉस्टल उनके एरिया से बाहर महावीर नगर प्रथम में स्थित है, लेकिन हॉस्टल में एंटी सुसाइड रॉड नहीं होना बच्चों के लिए घातक है. जिला प्रशासन को हर हॉस्टल का सर्वे करवाना चाहिए. इसमें पुलिस भी मदद करें और जुर्माना हॉस्टल संचालकों पर लगाए. उन्हें सीज करने की कार्रवाई उन पर करें, ताकि सभी हॉस्टल संचालक नियमों की पालना करें.