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बिहार के आदित्य कुमार ने हासिल की AIR 4, बोले- टेस्ट से खुद को एनालिसिस करें और गलतियों को न दोहराएं - JEE MAIN 2024 - JEE MAIN 2024

JEE MAIN 2024 Topper, जेईई मेन 2024 में ऑल इंडिया रैंक 4 लाने वाले आदित्य कुमार से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कोटा आकर उन्होंने कैसे परीक्षा की तैयारी की और इसमें उनकी मां ने कैसे सहयोग किया. पढ़िए पूरी खबर...

JEE MAIN 2024 AIR 4
JEE MAIN 2024 AIR 4
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 25, 2024, 8:10 PM IST

बिहार के आदित्य कुमार ने हासिल की AIR 4

कोटा. जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN 2024) में बिहार के आदित्य कुमार ने देशभर में चौथी रैंक हासिल की है. वे मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन उनका परिवार वर्तमान में कर्नाटक के बेंगलुरु में रहता है. वह बीते 2 सालों से कोटा में रहकर जेईई मेन की तैयारी कर रहे थे. इस दौरान उनकी मां भी उनके साथ कोटा में रहीं थीं. आदित्य कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि वह फैकल्टी से प्रभावित होकर कोटा आए थे.

ऐसे की तैयारी : उन्होंने बताया कि जूनियर साइंस ओलंपियाड के दौरान उनकी मुलाकात कोटा कोचिंग की फैकल्टी से हुई. तब हर सब्जेक्ट के सवाल व क्वेरी का समाधान फैकल्टी ने दिया था. इससे प्रभावित होकर वह कोटा तैयारी के लिए आ गए. फोकस होकर पूरी लगन से पढ़ाई की. इसी के चलते ही परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक ला पाया. इसके लिए रोजाना 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी की, कोचिंग के टेस्ट को लेकर काफी सीरियस भी रहा. आदित्य का कहना है कि वो टेस्ट से खुद का एनालिसिस करते थे. टेस्ट में नम्बर कम आते थे तो कोशिश रहती थी कि अगले टेस्ट में गलतियां दोबारा नहीं हो. आदित्य 10वीं कक्षा में 97.8 फीसदी अंक लेकर आए हैं. अब वे जेईई एडवांस्ड पर फोकस कर रहे हैं. उन्हें आईआईटी बॉम्बे से सीएस ब्रांच से बीटेक करना है. इसके बाद एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में जाना चाहते हैं.

पढ़ें. टॉपर अक्षत हर एग्जाम में ही करते थे मेहनत, अब एस्ट्रोफिजिक्स में बनाना चाहते हैं करियर - JEE MAIN 2024

बच्चे से बात करना जरूरी : आदित्य की मां मीनू प्रभा और पिता प्रकाश दोनों बेंगलुरु में जॉब करते थे, लेकिन आदित्य की पढ़ाई के लिए मां ने अपने करियर को 2 साल का ब्रेक लगाया और कोटा आ गई. आदित्य के कोटा आने के थोड़े समय पहले ही उनके पिता प्रकाश ने एग्रीकल्चर से जुड़ा स्टार्टअप शुरू किया था, जिसमें उनकी मां मीनू प्रभा भी जुड़ी हैं. मीनू प्रभा का कहना है कि वह आदित्य को हमेशा गाइड करती रहीं. उसको मोटिवेट और बूस्टअप करने के लिए वो कोटा में रहीं. उन्होंने कहा कि वो आदित्य को कभी दूसरे स्टूडेंट से कंपेयर नहीं करतीं थीं. आदित्य को सलाह देती थी कि वे स्वयं को दूसरे बच्चों से कंपेयर नहीं करें. कोटा की फैकल्टी भी यही कहती है. केवल अपनी परफॉर्मेंस को जज कीजिए. उन्होंने बताया कि स्कूल के दिनों से ही आदित्य ज्यादा फोन और गेम एडिक्ट नहीं रहा है. वह रिक्रिएशन के लिए अपने दोस्तों के साथ बैडमिंटन खेलता था. उसका शेड्यूल भी काफी टाइट रहता था. पेरेंट्स के लिए यह जरूरी है कि वह अपने बच्चों की बात सुनें, ताकि उनकी मनोस्थिति समझ सकें. इससे ही सॉल्यूशन मिलेगा.

बिहार के आदित्य कुमार ने हासिल की AIR 4

कोटा. जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN 2024) में बिहार के आदित्य कुमार ने देशभर में चौथी रैंक हासिल की है. वे मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, लेकिन उनका परिवार वर्तमान में कर्नाटक के बेंगलुरु में रहता है. वह बीते 2 सालों से कोटा में रहकर जेईई मेन की तैयारी कर रहे थे. इस दौरान उनकी मां भी उनके साथ कोटा में रहीं थीं. आदित्य कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि वह फैकल्टी से प्रभावित होकर कोटा आए थे.

ऐसे की तैयारी : उन्होंने बताया कि जूनियर साइंस ओलंपियाड के दौरान उनकी मुलाकात कोटा कोचिंग की फैकल्टी से हुई. तब हर सब्जेक्ट के सवाल व क्वेरी का समाधान फैकल्टी ने दिया था. इससे प्रभावित होकर वह कोटा तैयारी के लिए आ गए. फोकस होकर पूरी लगन से पढ़ाई की. इसी के चलते ही परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक ला पाया. इसके लिए रोजाना 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी की, कोचिंग के टेस्ट को लेकर काफी सीरियस भी रहा. आदित्य का कहना है कि वो टेस्ट से खुद का एनालिसिस करते थे. टेस्ट में नम्बर कम आते थे तो कोशिश रहती थी कि अगले टेस्ट में गलतियां दोबारा नहीं हो. आदित्य 10वीं कक्षा में 97.8 फीसदी अंक लेकर आए हैं. अब वे जेईई एडवांस्ड पर फोकस कर रहे हैं. उन्हें आईआईटी बॉम्बे से सीएस ब्रांच से बीटेक करना है. इसके बाद एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में जाना चाहते हैं.

पढ़ें. टॉपर अक्षत हर एग्जाम में ही करते थे मेहनत, अब एस्ट्रोफिजिक्स में बनाना चाहते हैं करियर - JEE MAIN 2024

बच्चे से बात करना जरूरी : आदित्य की मां मीनू प्रभा और पिता प्रकाश दोनों बेंगलुरु में जॉब करते थे, लेकिन आदित्य की पढ़ाई के लिए मां ने अपने करियर को 2 साल का ब्रेक लगाया और कोटा आ गई. आदित्य के कोटा आने के थोड़े समय पहले ही उनके पिता प्रकाश ने एग्रीकल्चर से जुड़ा स्टार्टअप शुरू किया था, जिसमें उनकी मां मीनू प्रभा भी जुड़ी हैं. मीनू प्रभा का कहना है कि वह आदित्य को हमेशा गाइड करती रहीं. उसको मोटिवेट और बूस्टअप करने के लिए वो कोटा में रहीं. उन्होंने कहा कि वो आदित्य को कभी दूसरे स्टूडेंट से कंपेयर नहीं करतीं थीं. आदित्य को सलाह देती थी कि वे स्वयं को दूसरे बच्चों से कंपेयर नहीं करें. कोटा की फैकल्टी भी यही कहती है. केवल अपनी परफॉर्मेंस को जज कीजिए. उन्होंने बताया कि स्कूल के दिनों से ही आदित्य ज्यादा फोन और गेम एडिक्ट नहीं रहा है. वह रिक्रिएशन के लिए अपने दोस्तों के साथ बैडमिंटन खेलता था. उसका शेड्यूल भी काफी टाइट रहता था. पेरेंट्स के लिए यह जरूरी है कि वह अपने बच्चों की बात सुनें, ताकि उनकी मनोस्थिति समझ सकें. इससे ही सॉल्यूशन मिलेगा.

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