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जदयू झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी को मजबुत करने मे जुटी। - JDU to strengthen its structure

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 10, 2024, 1:05 AM IST

Updated : Jul 10, 2024, 11:13 AM IST

जदयू अब झारखंड में एक बार फिर से अपने किले को मजबुत करने की कोशीशों में जुटी है। पार्टी नें एक कमिटी का गठन किया है जो सिटों और उम्मिदवारों का चयन करेगा। साथ ही जदयू अपने सहयोगी दल बीजैपी से सम्मानजनक सीटो के बटवारे को लेकर चर्चा भी कर सकती है।

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जदयू झारखंड चुनाव की तैयारी करेगी (ETV Bharat)

रांची: नीतीश कुमार की जदयू अब झारखंड में भी अपने किले को मजबूत बनाने की कोशीशों में जुटी है। इस वर्ष के अंत तक राज्य में विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में जदयू ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। हालांकि, जदयू अब तक झारखंड में कोई खास कारामात नहीं दिखा पाई है।

जदयू 2014 के विधानसभा चुनाव में 45 सीटों पर चुनाव लड़ी थी पर एक भी सीट नहीं जीत पाई। 2019 में भी जदयू ने 40 सीटों पर किस्मत आजमाने की कोशीश की मगर मामला वही सिफर ही रहा। हालांकि, 2005 के चुनाव में पार्टी 18 सीटों पर चुनाव लड़ी और 6 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी।खास बात यह है कि बीजेपी के साथ होने के बावजूद झारखंड में पिछले दोनों विधानसभा चुनावों (2014 और 2109) में अकेले ही लड़ी मगर कामयाबी हासिल नहीं कर सकी।

सूत्रों के अनुसार जदयू इसबार बीजेपी से झारखंड में सम्मानजनक सीटों के बंटवारे के लिए दबाव बना सकती है। जानकार बताते हैं कि जदयू ने राज्यसभा सांसद खीरी महतो और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के नेतृत्व में एक कमिटी का गठन किया है जो सीटों और उम्मीदवारों का चयन करेगी। हाल ही में नई दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में इसी मुद्दे को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था ।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बैठकों में भी अपने वरिष्ठ नेताओं को चुनाव की रणनीति बनाने को कहा है और साथ ही झारखंड में खास तौर पर आदिवासी क्षेत्रों के अलावा कुर्मी और अनुसूचित जाती के बीच पार्टी की पैठ बनाने पर जोर दिया है।

झारखंड में करीब 22 प्रतिशत कुर्मी और 16 प्रतिशत के आसपास अनुसूचित जाति हैं। इसके अलावा बिहारी वोटर्स की तादाद भी अच्छी खासी है। लोकसभा चुनाव में बीजेपीे का अनुसूचित जाति वाले इलाके में अच्छा प्रदर्शन रहा था जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा सभी 5 आदिवासी सीट पर जीत गई थी।

ये भी पढें-

जेडीयू नेताओं का जोश हाई, झारखंड में भी पुराने दिन लौटने की उम्मीद, विधानसभा चुनाव में कर सकते हैं ज्यादा सीटों की डिमांड - jdu in jharkhand

रांची: नीतीश कुमार की जदयू अब झारखंड में भी अपने किले को मजबूत बनाने की कोशीशों में जुटी है। इस वर्ष के अंत तक राज्य में विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में जदयू ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। हालांकि, जदयू अब तक झारखंड में कोई खास कारामात नहीं दिखा पाई है।

जदयू 2014 के विधानसभा चुनाव में 45 सीटों पर चुनाव लड़ी थी पर एक भी सीट नहीं जीत पाई। 2019 में भी जदयू ने 40 सीटों पर किस्मत आजमाने की कोशीश की मगर मामला वही सिफर ही रहा। हालांकि, 2005 के चुनाव में पार्टी 18 सीटों पर चुनाव लड़ी और 6 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी।खास बात यह है कि बीजेपी के साथ होने के बावजूद झारखंड में पिछले दोनों विधानसभा चुनावों (2014 और 2109) में अकेले ही लड़ी मगर कामयाबी हासिल नहीं कर सकी।

सूत्रों के अनुसार जदयू इसबार बीजेपी से झारखंड में सम्मानजनक सीटों के बंटवारे के लिए दबाव बना सकती है। जानकार बताते हैं कि जदयू ने राज्यसभा सांसद खीरी महतो और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के नेतृत्व में एक कमिटी का गठन किया है जो सीटों और उम्मीदवारों का चयन करेगी। हाल ही में नई दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में इसी मुद्दे को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था ।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बैठकों में भी अपने वरिष्ठ नेताओं को चुनाव की रणनीति बनाने को कहा है और साथ ही झारखंड में खास तौर पर आदिवासी क्षेत्रों के अलावा कुर्मी और अनुसूचित जाती के बीच पार्टी की पैठ बनाने पर जोर दिया है।

झारखंड में करीब 22 प्रतिशत कुर्मी और 16 प्रतिशत के आसपास अनुसूचित जाति हैं। इसके अलावा बिहारी वोटर्स की तादाद भी अच्छी खासी है। लोकसभा चुनाव में बीजेपीे का अनुसूचित जाति वाले इलाके में अच्छा प्रदर्शन रहा था जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा सभी 5 आदिवासी सीट पर जीत गई थी।

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Last Updated : Jul 10, 2024, 11:13 AM IST
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