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रात के 12 बजते ही मथुरा में प्रकट हुए कान्हा, 1008 कमल पुष्प अर्पित, 5 कुंतल पंचामृत से अभिषेक, हजारों मंदिरों में गूंजा 'नंद घर आनंद भयो' - Janmashtami 2024

मथुरा में रात के 12 बजते ही मंदिरों में कान्हा के जन्म पर बधाई गीत गूंजने लगे. जन्मस्थान पर विधि-विधान से कान्हा का भव्य स्वागत किया गया. फूलों की बारिश की गई. धर्म नगरी के हर मंदिर में कान्हा के जन्म का उल्लास छाया रहा. मंगलवार की तड़के से फिर से कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया.

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम.
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 7:04 AM IST

Updated : Aug 27, 2024, 8:46 AM IST

उत्साह में डूबे नजर आए कान्हा के भक्त. (Photo Credit; ETV Bharat)

मथुरा : श्रीकृष्ण जन्म स्थान के बाहर हजारों भक्तों की भीड़. अंदर आराध्य के भव्य स्वागत की तैयारी. एक के बाद एक विधान चलते रहे तो दूसरी तरफ लोगों को उस शुभ घड़ी का इंतजार जब उनके आराध्य जन्मेंगे. सोमवार की रात 9 बजे के बाद वक्त के साथ श्रद्धालुओं का उत्साह ऐसे बढ़ता गया, जैसे धर्म नगरी भक्ति और समर्पण का एक नया अध्याय लिखने जा रही हो. बीच-बीच में भक्त भावविभोर होकर जयकारे लगाते रहे. इसके बाद रात के 12 बजते ही कान्हा ने जन्म लिया तो भक्तों ने 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की' जयकारे लगाने शुरू कर दिए. खुशी के इस पल ने भक्तों को ऐसा हर्षित किया कि उनकी आंखों से आंसू बह निकले. हजारों मंदिरों में उल्लास का यह नजारा देर रात तक जारी रहा.

जन्मोत्सव कार्यक्रम में कापी संख्या में भक्त मौजूद रहे. (Video Credit; ETV Bharat)
रात 12 बजे के बाद मंदिर के पट खोले गए.
रात 12 बजे के बाद मंदिर के पट खोले गए. (Photo Credit; ETV Bharat)

श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर 11.55 मिनट पर 5 मिनट के लिए पट बंद किए गए. रात के 12 बजे श्री गणेश नवग्रह पूजन आरंभ किया गया. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को गर्भ गृह से लाया गया. भगवान को चांदी के कमल पर विराजमान कराया गया. इसके बाद कामधेनु गाय के दूध आदि से तैयार 5 कुंतल पंचामृत से कान्हा का अभिषेक किया गया. उनके चरणों में 1008 कमल पुष्प अर्पित गए. ठाकुर जी को सोम चंद्रिका पोशाक पहनाया गया. रात में 12:10 बजे महाआरती की गई. 1000 किलो गुलाब के फूल, 10 लीटर गुलाब जल की बारिश की गई. इसके बाद कान्हा का श्रृंगार किया गया.

विधि-विधान के किए गए अनुष्ठान.
विधि-विधान के किए गए अनुष्ठान. (Photo Credit; ETV Bharat)

मंगल आरती के साथ आज के उत्सव की शुरुआत : श्रृंगार आरती के बाद मंदिर के पट बंद कर दिए गए. मंगलवार की तड़के 5 बजे मंगल आरती के साथ फिर से जन्माष्टमी उत्सव की शुरुआत हुई. जन्मभूमि के कारागार को भव्य तरीके से सजाया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी पूजा-पाठ किया. द्वारकाधीश, बांके बिहार दिर समेत हजारों मंदिरों में लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाया गया. आज भी मंदिरों में भजन-कीर्तन आदि चलते रहेंगे. भक्तों के लिए खास इंतजाम होने के कारण उन्हें कोई असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है.

वृंदावन के मंदिरों में भी कार्यक्रमों की रही धूम. (Video Credit; ETV Bharat)

वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर में भी जन्मोत्सव का उल्लास : भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित चंद्रोदय मंदिर में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. भक्तों द्वारा मंदिर प्रांगण में भव्य फूल बंगला, झूलन उत्सव, छप्पन भोग, लड्डू गोपाल अभिषेक, भजन संध्या, महाभिषेक एवं हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया. मंदिर के अध्यक्ष चंचलापति दास ने कहा कि वृन्दावन धाम सभी श्रीकृष्ण भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण स्थान है. चैतन्य महाप्रभु ने कहा है कि जिस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण पूज्यनीय हैं, उसी प्रकार भक्तों के लिए वृन्दावन धाम भी पूज्यनीय है. चंद्रोदय मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर महाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य पंचगव्य दूध, दही, घी, शहद, मिश्री एवं 108 प्रकार के फलों के रस, विभिन्न जड़ी बूटियों एवं फूलों से कराया गया.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज के इन शहरी इलाकों में PDA दे रहा 587 फ्लैट्स, कीमत भी काफी कम; जानिए पूरी डिटेल

उत्साह में डूबे नजर आए कान्हा के भक्त. (Photo Credit; ETV Bharat)

मथुरा : श्रीकृष्ण जन्म स्थान के बाहर हजारों भक्तों की भीड़. अंदर आराध्य के भव्य स्वागत की तैयारी. एक के बाद एक विधान चलते रहे तो दूसरी तरफ लोगों को उस शुभ घड़ी का इंतजार जब उनके आराध्य जन्मेंगे. सोमवार की रात 9 बजे के बाद वक्त के साथ श्रद्धालुओं का उत्साह ऐसे बढ़ता गया, जैसे धर्म नगरी भक्ति और समर्पण का एक नया अध्याय लिखने जा रही हो. बीच-बीच में भक्त भावविभोर होकर जयकारे लगाते रहे. इसके बाद रात के 12 बजते ही कान्हा ने जन्म लिया तो भक्तों ने 'नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की' जयकारे लगाने शुरू कर दिए. खुशी के इस पल ने भक्तों को ऐसा हर्षित किया कि उनकी आंखों से आंसू बह निकले. हजारों मंदिरों में उल्लास का यह नजारा देर रात तक जारी रहा.

जन्मोत्सव कार्यक्रम में कापी संख्या में भक्त मौजूद रहे. (Video Credit; ETV Bharat)
रात 12 बजे के बाद मंदिर के पट खोले गए.
रात 12 बजे के बाद मंदिर के पट खोले गए. (Photo Credit; ETV Bharat)

श्रीकृष्ण जन्म स्थान पर 11.55 मिनट पर 5 मिनट के लिए पट बंद किए गए. रात के 12 बजे श्री गणेश नवग्रह पूजन आरंभ किया गया. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को गर्भ गृह से लाया गया. भगवान को चांदी के कमल पर विराजमान कराया गया. इसके बाद कामधेनु गाय के दूध आदि से तैयार 5 कुंतल पंचामृत से कान्हा का अभिषेक किया गया. उनके चरणों में 1008 कमल पुष्प अर्पित गए. ठाकुर जी को सोम चंद्रिका पोशाक पहनाया गया. रात में 12:10 बजे महाआरती की गई. 1000 किलो गुलाब के फूल, 10 लीटर गुलाब जल की बारिश की गई. इसके बाद कान्हा का श्रृंगार किया गया.

विधि-विधान के किए गए अनुष्ठान.
विधि-विधान के किए गए अनुष्ठान. (Photo Credit; ETV Bharat)

मंगल आरती के साथ आज के उत्सव की शुरुआत : श्रृंगार आरती के बाद मंदिर के पट बंद कर दिए गए. मंगलवार की तड़के 5 बजे मंगल आरती के साथ फिर से जन्माष्टमी उत्सव की शुरुआत हुई. जन्मभूमि के कारागार को भव्य तरीके से सजाया गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी पूजा-पाठ किया. द्वारकाधीश, बांके बिहार दिर समेत हजारों मंदिरों में लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाया गया. आज भी मंदिरों में भजन-कीर्तन आदि चलते रहेंगे. भक्तों के लिए खास इंतजाम होने के कारण उन्हें कोई असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है.

वृंदावन के मंदिरों में भी कार्यक्रमों की रही धूम. (Video Credit; ETV Bharat)

वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर में भी जन्मोत्सव का उल्लास : भक्ति वेदांत स्वामी मार्ग स्थित चंद्रोदय मंदिर में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. भक्तों द्वारा मंदिर प्रांगण में भव्य फूल बंगला, झूलन उत्सव, छप्पन भोग, लड्डू गोपाल अभिषेक, भजन संध्या, महाभिषेक एवं हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया. मंदिर के अध्यक्ष चंचलापति दास ने कहा कि वृन्दावन धाम सभी श्रीकृष्ण भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण स्थान है. चैतन्य महाप्रभु ने कहा है कि जिस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण पूज्यनीय हैं, उसी प्रकार भक्तों के लिए वृन्दावन धाम भी पूज्यनीय है. चंद्रोदय मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर महाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य पंचगव्य दूध, दही, घी, शहद, मिश्री एवं 108 प्रकार के फलों के रस, विभिन्न जड़ी बूटियों एवं फूलों से कराया गया.

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Last Updated : Aug 27, 2024, 8:46 AM IST
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