श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रशासन ने उम्मीदवारों की सुरक्षा और चुनावी प्रक्रिया के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा उपायों में उल्लेखनीय वृद्धि की है. जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर पुलिस को नामांकन से लेकर प्रचार और मतदान तक सुरक्षा की देखरेख का काम सौंपा गया है.
इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर में अस्थिर सुरक्षा माहौल को देखते हुए सभी उम्मीदवारों के लिए व्यापक खतरे का आकलन पूरा कर लिया गया है. अधिकारी ने कहा, "अब तक नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गई है. हम राजनीतिक दलों के घोषित उम्मीदवारों को भी सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं, भले ही उन्होंने आधिकारिक तौर पर नामांकन दाखिल किया हो या नहीं."
अधिकारी ने बताया, "उम्मीदवारों की संख्या काफी अधिक होने की उम्मीद है, इसलिए जिन लोगों को अधिक जोखिम होगा, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर तैनात किया जाएगा और उनके प्रचार के दौरान उन्हें सशस्त्र सुरक्षा प्रदान की जाएगी. यह उपाय चुनाव संबंधी गतिविधियों के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है."
सावधानीपूर्वक बनाई गई योजना
अधिकारी ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा प्रावधानों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है और उन उम्मीदवारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिनके राजनीतिक जुड़ाव या सार्वजनिक प्रोफाइल के कारण ज्यादा खतरा है. सुरक्षा कारणों से तैनात कर्मियों की संख्या और विशिष्ट सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है.
अधिकारी ने कहा, "पुलिस खुफिया रिपोर्टों पर बारीकी से नजर रख रही है और उसके अनुसार सुरक्षा उपायों को एडजस्ट कर रही है. किसी भी व्यवधान या खतरे को रोकने के लिए प्रचार रैलियों और सार्वजनिक बैठकों की लोकेशंस को सुरक्षित किया जाएगा और शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा."
तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी है. किसी भी घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह से तैयार हैं. अधिकारी के अनुसार सुरक्षा बलों की बढ़ी हुई तैनाती संभावित खतरों का मुकाबला करने और मतदाताओं और मतदान कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर, जिसमें अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जिले शामिल हैं, चल रही आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों और राजनीतिक संवेदनशीलता के कारण केंद्र बिंदु रहा है. बता दें कि जम्मू कश्मीर तीन चरण में विधानसभा चुनाव होंगे. पहला चरण 18 सितंबर को होना है, जिसमें 24 सीटें शामिल हैं. इनमें से 16 दक्षिण कश्मीर में और 8 जम्मू क्षेत्र में हैं.
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