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जम्मू-कश्मीर: चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद एनसी-कांग्रेस विधायकों की संख्या 52 हुई

jammu kahmir, चार निर्दलीयों के समर्थन से एनसी-कांग्रेस विधायकों की संख्या 52 हो गई है. पढ़िए ईटीवी भारत के मीर फरहत की रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

Independents Satish Sharma (L) and Pyare Lal Sharma extend support to NC in Srinagar
श्रीनगर में निर्दलीय सतीश शर्मा (बाएं) और प्यारे लाल शर्मा ने एनसी को समर्थन दिया (ETV Bharat)

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा के लिए जम्मू क्षेत्र से निर्वाचित चार निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दे दिया है, जिससे एनसी-कांग्रेस गठबंधन के विधायकों की संख्या 52 हो गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और विधायक दल के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चार निर्दलीय विधायकों ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दिया है.

उमर ने गुरुवार को नवा-ए-सुबह स्थित पार्टी मुख्यालय में कहा, 'चार निर्दलीय विधायकों द्वारा हमें समर्थन दिए जाने के बाद हमारी पार्टी के विधायकों की संख्या अब 46 हो गई है.' कांग्रेस के छह विधायकों के साथ गठबंधन के विधायकों की संख्या अब 52 हो गई है. निर्दलीय विधायकों में डोडा जिले के इंद्रवाल विधानसभा क्षेत्र से प्यारे लाल शर्मा, पुंछ जिले के सुरनकोट क्षेत्र से चौधरी अकरम, छम्ब से सतीश शर्मा और जम्मू क्षेत्र के बानी क्षेत्र से रामेश्वर सिंह शामिल हैं.

प्यारे लाल शर्मा ने कहा कि वह मूल रूप से नेशनल कांफ्रेंस के नेता हैं, लेकिन उन्होंने इंदरवाल से निर्दलीय के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था. ईटीवी भारत से बातचीत में शर्मा ने कहा, 'मैंने नेशनल कॉन्फ्रेंस को बिना शर्त समर्थन दिया है. एनसी सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की होगी.' एनसी सूत्रों ने बताया कि चिनाब घाटी को प्रतिनिधित्व देने के लिए, जहां से चुनावों में एनसी या कांग्रेस का कोई विधायक नहीं आया था, शर्मा को इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है.

चौधरी अकरम ने कहा कि उन्होंने NC को बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश की है. अकरम संसदीय चुनाव से पहले NC में शामिल हुए थे और NC के अपने करीबी रिश्तेदार सांसद मियां अल्ताफ का समर्थन किया था. लेकिन जब सुरनकोट से कांग्रेस उम्मीदवार शाहनवाज चौधरी को टिकट देने के लिए उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा. उन्होंने चुनाव जीता और आज NC को समर्थन दिया. चंब से सतीश शर्मा कांग्रेस के साथ थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद के खिलाफ निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था. वहीं शर्मा चुनाव जीत गए और आज उन्होंने एनसी को अपना समर्थन दे दिया.

रामेश्वर शर्मा भी एनसी नेता थे, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार को टिकट देने के लिए पार्टी द्वारा उन्हें टिकट न दिए जाने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. शर्मा ने भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की और अब एनसी को समर्थन दे दिया है. सूत्रों ने बताया कि दोनों शर्मा को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है ताकि जम्मू को प्रतिनिधित्व मिल सके जहां से भाजपा के 29 विधायक चुनकर आए हैं. एनसी और कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर और पीर पंजाल जिलों पुंछ और राजौरी से 48 सीटें जीतीं, जिसमें एनसी की संख्या 42 और कांग्रेस की 6 थी.

अब चार निर्दलीय विधायकों के साथ, अगली गठबंधन सरकार के पास 52 विधायकों की स्थिर ताकत होगी. उमर ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा आज उन्हें विधायक दल का नेता नामित किए जाने के बाद कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अपना समर्थन देगी. उमर ने कहा, 'हम कांग्रेस से समर्थन पत्र प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. कांग्रेस से पत्र मिलने के बाद हम सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन जाएंगे.' उमर ने बुधवार को ईटीवी भारत से कहा था कि रविवार या सोमवार तक वह और उनका मंत्रिमंडल उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात के बाद शपथ लेंगे.

ये भी पढ़ें - नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक दल के नेता चुने गए उमर अब्दुल्ला, मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा के लिए जम्मू क्षेत्र से निर्वाचित चार निर्दलीय विधायकों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दे दिया है, जिससे एनसी-कांग्रेस गठबंधन के विधायकों की संख्या 52 हो गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और विधायक दल के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चार निर्दलीय विधायकों ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दिया है.

उमर ने गुरुवार को नवा-ए-सुबह स्थित पार्टी मुख्यालय में कहा, 'चार निर्दलीय विधायकों द्वारा हमें समर्थन दिए जाने के बाद हमारी पार्टी के विधायकों की संख्या अब 46 हो गई है.' कांग्रेस के छह विधायकों के साथ गठबंधन के विधायकों की संख्या अब 52 हो गई है. निर्दलीय विधायकों में डोडा जिले के इंद्रवाल विधानसभा क्षेत्र से प्यारे लाल शर्मा, पुंछ जिले के सुरनकोट क्षेत्र से चौधरी अकरम, छम्ब से सतीश शर्मा और जम्मू क्षेत्र के बानी क्षेत्र से रामेश्वर सिंह शामिल हैं.

प्यारे लाल शर्मा ने कहा कि वह मूल रूप से नेशनल कांफ्रेंस के नेता हैं, लेकिन उन्होंने इंदरवाल से निर्दलीय के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था. ईटीवी भारत से बातचीत में शर्मा ने कहा, 'मैंने नेशनल कॉन्फ्रेंस को बिना शर्त समर्थन दिया है. एनसी सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की होगी.' एनसी सूत्रों ने बताया कि चिनाब घाटी को प्रतिनिधित्व देने के लिए, जहां से चुनावों में एनसी या कांग्रेस का कोई विधायक नहीं आया था, शर्मा को इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है.

चौधरी अकरम ने कहा कि उन्होंने NC को बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश की है. अकरम संसदीय चुनाव से पहले NC में शामिल हुए थे और NC के अपने करीबी रिश्तेदार सांसद मियां अल्ताफ का समर्थन किया था. लेकिन जब सुरनकोट से कांग्रेस उम्मीदवार शाहनवाज चौधरी को टिकट देने के लिए उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा. उन्होंने चुनाव जीता और आज NC को समर्थन दिया. चंब से सतीश शर्मा कांग्रेस के साथ थे, लेकिन उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद के खिलाफ निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था. वहीं शर्मा चुनाव जीत गए और आज उन्होंने एनसी को अपना समर्थन दे दिया.

रामेश्वर शर्मा भी एनसी नेता थे, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार को टिकट देने के लिए पार्टी द्वारा उन्हें टिकट न दिए जाने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी. शर्मा ने भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की और अब एनसी को समर्थन दे दिया है. सूत्रों ने बताया कि दोनों शर्मा को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है ताकि जम्मू को प्रतिनिधित्व मिल सके जहां से भाजपा के 29 विधायक चुनकर आए हैं. एनसी और कांग्रेस गठबंधन ने कश्मीर और पीर पंजाल जिलों पुंछ और राजौरी से 48 सीटें जीतीं, जिसमें एनसी की संख्या 42 और कांग्रेस की 6 थी.

अब चार निर्दलीय विधायकों के साथ, अगली गठबंधन सरकार के पास 52 विधायकों की स्थिर ताकत होगी. उमर ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा आज उन्हें विधायक दल का नेता नामित किए जाने के बाद कांग्रेस उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अपना समर्थन देगी. उमर ने कहा, 'हम कांग्रेस से समर्थन पत्र प्राप्त करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. कांग्रेस से पत्र मिलने के बाद हम सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन जाएंगे.' उमर ने बुधवार को ईटीवी भारत से कहा था कि रविवार या सोमवार तक वह और उनका मंत्रिमंडल उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात के बाद शपथ लेंगे.

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