श्रीनगर : चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की राजनीतिक पार्टी को चुनाव चिन्ह के रूप में 'बाल्टी' आवंटित किया. आज़ाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पैरी (डीपीएपी) के एक प्रवक्ता ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग ने उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह के रूप में 'बाल्टी' आवंटित किया है. डीपीएपी ने जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में चुनाव होंगे.
बता दें कि इससे पहले डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को निर्वाचन आयोग से लोकसभा चुनाव संपन्न होने के एक महीने बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का अनुरोध किया था. केंद्र शासित प्रदेश में लोकसभा चुनाव पांच चरणों में 19 अप्रैल (उधमपुर), 26 अप्रैल (जम्मू), 7 मई (अनंतनाग-राजौरी), 13 मई (श्रीनगर) और 20 मई (बारामूला) को होंगे. मतगणना चार जून को होगी.
आजाद ने कहा, 'निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह सुरक्षा कारणों से लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं करा रहा है.' जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह सच है कि अगर प्रत्येक संसदीय सीट से 10 उम्मीदवार लड़ते हैं, तो पांच सीट के हिसाब से उम्मीदवारों की संख्या 50 होगी. इसी तरह, 90 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में 15 उम्मीदवार हों, तो उम्मीदवारों की संख्या करीब 1,500 होगी. 50 उम्मीदवारों को सुरक्षा प्रदान करना मुश्किल है.'
हालांकि, उन्होंने निर्वाचन आयोग और केंद्र से संसदीय चुनाव पूरा होने के एक महीने बाद विधानसभा चुनाव कराने का अनुरोध किया. आजाद ने कहा, 'लोकसभा चुनाव पूरा होने के एक महीने के बाद विधानसभा चुनाव होना चाहिए.''एक राष्ट्र, एक चुनाव' अवधारणा की व्यवहार्यता पर गौर करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च-स्तरीय समिति के सदस्य आजाद ने कहा कि रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी गई है और अब सरकार और निर्वाचन आयोग को सिफारिशों पर फैसला लेना है.
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