नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में 40 विधानसभा सीटों के लिए आज वोटिंग हो रही है. विस्थापित कश्मीरीयों के वोटिंग के लिए राजधानी दिल्ली में भी कई मतदान केंद्र बनाए गए हैं. कश्मीरी पंडित के लिए बनाए गए विशेष मतदान केंद्रों पर विस्थापित कश्मीरी पंडित बढ़-चढ़कर मतदान कर रहे हैं. जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
दिलशाद गार्डन स्थित अरवाचीन इंटरनेशनल स्कूल में बनाए गए मतदान केंद्र में विस्थापित कश्मीरी मतदान करने के लिए पहुंच रहे हैं. इसमें बुजुर्ग महिला के साथ फर्स्ट टाईम वोटर भी शामिल है. दस साल बाद हो रहे कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं में जोश और ख़ुशी भी दिख रही है.
पुनर्वास पर नहीं करता कोई बात: अरवाचीन पब्लिक स्कूल में बनाए गए बूथ में मतदान करने आए विस्थापित कश्मीरियों का कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा पुनर्वास का है. वह चाहते हैं कि उनका जल्द से जल्द पुनर्वास हो ताकि वह अपने घरों में जाकर रह सके. वहां उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित हो. लेकिन उनके इस सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहता है. उन्होंने कहा कि वह लोग 30 से 35 सालों से अपने घर से दूर रहने को मज़बूर हैं. वह चाहते हैं कि वह भी अपने घर में रहें, लेकिन उनका ये सपना कब पूरा होगा इसका उन्हें पता नहीं है.
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वहीं, चुनाव आयोग की तरफ से किए गए मतदान के इंतजाम को लेकर मतदाता संतुष्ट नजर आए. उनका कहना है कि उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई. आसानी से उन्होंने मतदान किया. हालांकि, कई वोटर्स का कहना था कि उनके लिए ई वोटिंग की सुविधा भी शुरू की जाए ताकि जो लोग किसी वजह से मतदान केन्द्रों पर पहुंच नहीं सकते वह भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सके.
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